हवाई से साइबर क्षेत्र तक: संघर्ष के दौरान भारत ने कई ड्रोन, गलत सूचनाओं के अभियान का मुकाबला किया
देवेंद्र सुरेश
- 14 May 2025, 08:13 PM
- Updated: 08:13 PM
(कुणाल दत्त)
नयी दिल्ली, 14 मई (भाषा) चार दिन तक चले भीषण सैन्य टकराव के दौरान, भारतीय सशस्त्र बलों ने हवाई घुसपैठ को नाकाम करने के लिए पाकिस्तान के कई ड्रोन को रोका और इन्हें निष्क्रिय कर दिया, जबकि जमीन पर साइबर योद्धाओं के दलों ने डिजिटल घुसपैठ और गलत सूचनाएं फैलाये जाने के अभियान का मुकाबला किया।
भारत द्वारा सात मई की सुबह ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) और पाकिस्तान में नौ आतंकवादी शिविरों को नष्ट करने से पहले ही, कई भारतीय वेबसाइट साइबर हमलों का लक्ष्य बन गई थीं।
अप्रैल में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हमले के कुछ दिन बाद जालंधर स्थित आर्मी नर्सिंग कॉलेज की वेबसाइट को हैक कर लिया गया और उस पर भड़काऊ संदेश लिख दिया गया था।
एक सूत्र ने पांच मई को बताया कि हाल में एपीएस नगरोटा और एपीएस सुंजवान समेत कम से कम चार आर्मी पब्लिक स्कूलों (एपीएस) को हैकर ने निशाना बनाया।
वेबसाइट को हैक करने और उनमें सेंध लगाने के प्रयासों के अलावा, अप्रैल के अंत में भारत और भारतीय सशस्त्र बलों के खिलाफ सोशल मीडिया मंचों समेत इंटरनेट पर ‘‘गलत सूचनाएं फैलाने का अभियान’’ चलाया गया और यह अभियान ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के शुरू होने और पाकिस्तान की सैन्य कार्रवाई के बाद और तेज हो गया।
भारतीय वायुसेना में वायु संचालन महानिदेशक एयर मार्शल ए के भारती ने 11 मई को संवाददाताओं को बताया था, ‘‘आठ मई को स्थानीय समयानुसार रात आठ बजे, कई पाकिस्तानी मानवरहित हवाई प्रणालियों, ड्रोन, लड़ाकू वाहनों ने भारतीय वायुसेना के कई ठिकानों पर हमला किया। इनमें जम्मू, उधमपुर, पठानकोट, अमृतसर, बठिंडा, नाल, डलहौजी, जैसलमेर, उत्तरलाई, फलोदी, नलिया शामिल हैं। हमारी सभी ए.डी. (वायु रक्षा) प्रणालियां इनका इंतजार कर रही थीं। हमारे प्रशिक्षित दलों ने सभी हमलों को नाकाम कर दिया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इन घुसपैठों और सामूहिक हमलों से जमीनी स्तर पर कोई नुकसान नहीं हुआ है।’’
आधिकारिक सूत्रों ने पहले बताया था कि भारत ने सात मई की रात को 15 भारतीय शहरों पर हमला करने की पाकिस्तान की कोशिशों को विफल करने के लिए बराक-8 मिसाइल, एस-400 वायु रक्षा प्रणालियों, सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल आकाश और स्वदेशी रूप से विकसित ड्रोन रोधी उपकरणों को तैनात किया था।
संघर्ष के दौरान जब भारत की मजबूत वायु रक्षा प्रणाली ने श्रीनगर से सर क्रीक तक भारतीय हवाई क्षेत्र में अतिक्रमण करने वाले कई ड्रोन को रोका, उनसे मुकाबला किया और उन्हें निष्प्रभावी कर दिया उस वक्त जमीनी स्तर पर साइबर विशेषज्ञों ने गलत दावों और फर्जी खबरों को फैलाने के अभियान का मुकाबला किया।
साइबर विशेषज्ञों के अलावा विदेश सचिव विक्रम मिसरी, कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बारे में विवरण साझा करने के लिए अपनी संयुक्त प्रेस वार्ता में पाकिस्तान द्वारा किए गए कई दावों की तथ्यान्वेषण (फैक्ट चेक) भी किया।
मिसरी ने नौ मई को यहां संवाददाताओं से कहा था कि पाकिस्तान ने यह ‘‘बेतुका और अपमानजनक’’ दावा किया है कि यह भारतीय सशस्त्र बल और भारतीय वायुसेना ही थी जो अमृतसर जैसे शहरों को निशाना बना रही थी और इसका दोष पाकिस्तान पर डालने की कोशिश कर रही थी और उन्होंने इसका जवाब देते हुए कहा, ‘‘...‘हम अपने ही शहरों पर हमला करेंगे’, एक ऐसी विक्षिप्त कल्पना है जो केवल पाकिस्तान ही कर सकता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘...पाकिस्तान से यह गलत सूचना आ रही है कि भारत ड्रोन हमले के जरिये ननकाना साहिब गुरुद्वारे को निशाना बना रहा है। यह फिर से एक और सफेद झूठ है और पाकिस्तान के गलत सूचना अभियान का हिस्सा है।’’
सामरिक मामलों के विशेषज्ञों और कई रक्षा थिंक टैंक के सदस्यों का कहना है कि साइबर क्षेत्र में गलत सूचना और फर्जी खबरें फैलाना, विशेष रूप से संघर्ष के समय, ‘‘किसी भी नये युग के युद्ध का हिस्सा है’’।
दिल्ली स्थित मनोहर पर्रिकर रक्षा अध्ययन एवं विश्लेषण संस्थान के वरिष्ठ प्रबंधन के एक सदस्य ने कहा, ‘‘यह एक ऐसा खेल है, जिसमें भले ही जानकारी गलत हो, विरोधी पक्ष दूसरे पक्ष का मनोबल गिराने का प्रयास करता है।’’
सरकार के प्रेस सूचना ब्यूरो (पीआईबी) ने पहलगाम हमले के बाद से कई झूठे दावों का पर्दाफाश किया है।
मुख्यालय एकीकृत रक्षा स्टाफ ने मंगलवार को ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के ‘‘सफल संचालन’’ ने ‘‘भारत-पाकिस्तान संबंधों में नये मानदंड’’ स्थापित किए हैं, जो ‘‘नये युग के युद्ध’’ में सैन्य श्रेष्ठता के माध्यम से देश की ताकत और राष्ट्रीय संकल्प को उजागर करता है।
भारत और पाकिस्तान गोलीबारी तथा सैन्य कार्रवाइयों को रोकने के लिए एक सहमति पर पहुंच गए हैं, लेकिन भारतीय सेना और साइबर योद्धा हवा में या डिजिटल क्षेत्र में दुश्मन के किसी भी दुस्साहस को नाकाम करने के लिए सतर्क हैं।
भाषा देवेंद्र