सुरक्षा बलों का दावा, 'ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट' में शीर्ष माओवादी नेता मारे गए या घायल हुए
प्रशांत माधव
- 14 May 2025, 10:12 PM
- Updated: 10:12 PM
(नीलाभ श्रीवास्तव)
बीजापुर, 14 मई (भाषा) सुरक्षा बलों ने बुधवार को एक बड़ी सफलता की घोषणा करते हुए कहा कि उन्होंने माओवादियों की “अपराजेयता” को ध्वस्त कर दिया है और छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा पर एक दुर्गम पहाड़ी के आसपास 31 माओवादियों को मार गिराया है।
यह उनके द्वारा अगले मार्च तक इस खतरे को खत्म करने के लिए किया गया अब तक का सबसे बड़ा समन्वित अभियान है।
केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के प्रमुख जी.पी. सिंह और छत्तीसगढ़ पुलिस के प्रमुख ए.डी. सिंह तथा दोनों बलों के वरिष्ठ कमांडरों ने राज्य की राजधानी रायपुर से लगभग 450 किलोमीटर दूर इस जिले में मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि शीर्ष सशस्त्र नक्सली नेतृत्व “या तो समाप्त हो गया है या घायल हो गया है”।
बीजापुर देश के छह सर्वाधिक नक्सल हिंसा प्रभावित जिलों में से एक है।
दोनों प्रमुखों ने कहा कि छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा पर कोरगोटालू पहाड़ियों (केजीएच) में 21 अप्रैल को शुरू हुआ ‘ब्लैक फॉरेस्ट’ नाम का 21 दिवसीय अभियान 11 मई को समाप्त हुआ, जिसमें 31 माओवादी मारे गए जिनमें 16 महिलाएं थीं, 450 आईईडी, लगभग दो टन विस्फोटक, कई राइफलें और गोला-बारूद जब्त किया गया।
इस अभियान में 18 सुरक्षा बल कर्मी घायल हो गये।
सीआरपीएफ के महानिदेशक (डीजी) ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि ऑपरेशन में “लक्ष्य से अधिक हासिल किया गया” और बल को यकीन है कि वे मार्च 2026 तक देश से वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) को समाप्त करने की केंद्र सरकार की समय सीमा को पूरा करेंगे।
हम एक “निर्मम और अथक” रणनीति पर काम कर रहे हैं और सीआरपीएफ, इसकी जंगल युद्ध में दक्ष कमांडो इकाई कोबरा और छत्तीसगढ़ पुलिस के एसटीएफ और डीआरजी के बीच इस समन्वित अभियान ने अपनी “सर्वश्रेष्ठ” भूमिका निभाई है और यह भविष्य में भी जारी रहेगी।
छत्तीसगढ़ के डीजीपी ए.डी. गौतम ने कहा, “हमने (ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट के तहत) उनके किले को ध्वस्त कर दिया है और हमने केजीएच में अभियान के दौरान उनकी अपराजेयता को भी ध्वस्त कर दिया है।”
सिन्हा के अनुसार, पदानुक्रम में सबसे ऊपर, माओवादियों की पीएलजीए इकाई “कमजोर” हो गई है और केजीएच में छिपे लोग या तो मारे जा चुके हैं या घायल हो गए हैं।
गौतम ने कहा कि सुरक्षा बलों का “वर्चस्व” बढ़ रहा है। अधिकारियों ने कहा कि केजीएच शीर्ष माओवादी कमांडरों के लिए “छिपने का स्थान” बन गया है, इसके साथ ही यह उनके हथियार निर्माण इकाई का मुख्यालय और यहां एक बड़ा लेकिन बिखरा हुआ गोला-बारूद भंडार भी है।
सुरक्षा बलों को पहाड़ियों पर 250 से अधिक गुफाएं मिलीं, जिनका उपयोग माओवादी हथियार और गोलाबारूद छिपाने और भंडारण के लिए करते थे। उन्होंने पाया कि नक्सली 60 किलोमीटर लंबे और 5-10 किलोमीटर चौड़े केजीएच का इस्तेमाल चिकित्सा सुविधा के अलावा प्रशिक्षण और बैठक आधार के रूप में भी करते थे।
बीजापुर के पुलिस अधीक्षक जितेंद्र यादव ने बताया कि मारे गए 31 माओवादियों में से 20 की पहचान कर ली गई है और उन पर कुल 1.72 करोड़ रुपये का इनाम था।
भाषा प्रशांत