छत्तीसगढ़ के बीजापुर में चले नक्सल विरोधी अभियान के बाद मुख्यमंत्री साय पहुंचे सुरक्षाबलों के शिविर
संजीव राजकुमार
- 15 May 2025, 10:15 PM
- Updated: 10:15 PM
(फाइल फोटो के साथ)
रायपुर, 15 मई (भाषा) छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले में करेगुट्टा की पहाड़ी पर 21 दिनों तक चले नक्सल विरोधी अभियान के बाद मुख्यमंत्री विष्णु देव साय बृहस्पतिवार को क्षेत्र के गलगम गांव पहुंचे और सुरक्षाबल के जवानों से मुलाकात की। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
मुख्यमंत्री ने जवानों से कहा कि उनके शौर्य और निष्ठा से ही नक्सलवाद के खिलाफ इस लड़ाई में जीत हासिल हो रही है।
अधिकारियों ने बताया कि साय आज बीजापुर जिले के उसूर तहसील के अंदरूनी गांव गलगम पहुंचे, जहां उन्होंने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवानों और स्थानीय ग्रामीणों से मुलाकात कर हाल में हुए नक्सल विरोधी अभियान की सफलता पर चर्चा की।
उन्होंने बताया कि इस अभियान में सुरक्षाबलों ने करेगुट्टा की पहाड़ी पर 21 दिनों तक चले नक्सल विरोधी अभियान में 31 माओवादियों को मार गिराया और बड़ी संख्या में हथियार बरामद किये।
मुख्यमंत्री ने इस अभियान को नक्सल मुक्त छत्तीसगढ़ के लक्ष्य की ओर एक महत्वपूर्ण कदम बताया है।
साय ने इस दौरान कहा,‘‘हमारे जवानों ने अदम्य साहस और समर्पण के साथ इस अभियान को सफल बनाया है। यह न केवल बीजापुर बल्कि पूरे राज्य के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। गलगम और करेगुट्टा का क्षेत्र लंबे समय से नक्सलियों का गढ़ माना जाता रहा है और इस अभियान ने इस इलाके को सुरक्षित बनाने की दिशा में नयी उम्मीद जगाई है।’’
सीआरपीएफ जवानों से मुलाकात के दौरान साय ने उनके साहस की सराहना की और कहा, ‘‘आपके शौर्य और निष्ठा से ही हम नक्सलवाद के खिलाफ इस लड़ाई को जीत रहे हैं।’’
साय ने सुरक्षाबल के जवानों से कहा,‘‘हमें सरकार में आए डेढ़ साल हुए हैं और इस अवधि में हमने राज्य में सुशासन स्थापित करने का प्रयास किया है। आप लगातार अनेक कठिन नक्सल विरोधी अभियानों को अंजाम दे रहे हैं। आप 44 डिग्री की गर्मी में भी अभियान चलाते हैं। ऐसे जवानों के अदम्य साहस को मैं नमन करता हूं।’’
उन्होंने कहा कि वह सुरक्षा शिविर को सुविधा शिविर मानते हैं क्योंकि सुरक्षा शिविर के माध्यम से अब बस्तर के सुदूर इलाकों में अनेक तरह की सुविधाएं पहुंच रही हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा,‘‘जब हमारी सरकार आई तब इस क्षेत्र में सबसे पहला शिविर मूलेर में खोला गया। आज मूलेर समेत आसपास के गांव में राशन की सुविधा, बिजली, स्वास्थ्य, स्कूल, मोबाइल टॉवर जैसी सुविधाएं मिलने लगी हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में नक्सल विरोधी अभियान में लगातार सफलता मिल रही है। मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ को नक्सल मुक्त करने का लक्ष्य है, निश्चित रूप से अर्द्धसैनिक बलों के जवानों के अदम्य साहस की बदौलत हम इस संकल्प को पूरा कर लेंगे।’’
साय ने कहा कि बस्तर में नियद नेल्ला नार ‘आपका अच्छा गांव’ योजना ने स्थानीय लोगों से जुड़ने में अहम भूमिका निभाई है।
अधिकारियों ने बताया कि अपने दौरे के दौरान मुख्यमंत्री ने ग्रामीण लाभार्थियों से भी मुलाकात की तथा उन्हें राशन कार्ड और आयुष्मान कार्ड वितरित किये। इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत ‘स्पेशल प्रोजेक्ट’ नक्सल पीड़ित और आत्मसमर्पित परिवारों को स्वीकृति पत्र प्रदान किये।
उन्होंने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि सरकार क्षेत्र में विकास कार्यों को और अधिक तेज गति से करेगी तथा शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के अवसरों को भी बढ़ावा देगी।
साय ने कहा कि मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ को पूरी तरह नक्सल मुक्त बनाने का लक्ष्य है, और इसके लिए सुरक्षाबलों के साथ-साथ स्थानीय समुदायों का सहयोग भी जरूरी है।
उन्होंने कहा कि क्षेत्र में सड़क, बिजली और पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं को मजबूत किया जाएगा, जिससे ग्रामीण मुख्यधारा से जुड़ सकें। इसके साथ ही नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को प्राथमिकता दी जाएगी।
अधिकारियों के अनुसार साय ने गलगम शिविर में जवानों के साथ तस्वीर खिंचाई और भारत माता के जयकारे से उनका जोश बढ़ाया। बाद में मुख्यमंत्री ने जवानों के साथ बैठकर भोजन भी किया।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री आज सुकमा और दंतेवाड़ा जिले के सीमावर्ती गांव मुलेर भी पहुंचे और वहां उन्होंने चौपाल लगाई।
अधिकारियों ने बताया कि मुलेर वही इलाका है जहां कभी सामान्य व्यक्ति की जाने की हिम्मत नहीं होती थी।
उन्होंने बताया कि साय ने इमली पेड़ के नीचे चौपाल लगाकर खाट में बैठकर ग्रामीणों से बातचीत की।
साय ने इस दौरान उन्होंने कहा, ‘‘मैं भी प्रदेश के आदिवासी क्षेत्र जशपुर का आदिवासी हूं, अपनों के बीच पहुंचकर अच्छा लग रहा है। सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ आप लोगों तक पहुंच रहा है कि नहीं, यह आप लोगों से चर्चा करने के लिए यहां पहुंचा हूं।’’
अधिकारियों ने बताया कि अपने बीच मुख्यमंत्री को पाकर ग्रामीण प्रसन्न हुए तथा उन्होंने मुख्यमंत्री को गौर मुकुट पहनाकर तथा स्थानीय प्राकृतिक संसाधन महुआ, आमपत्ती का हार और छिंद के पत्ती से बने गुलदस्ता से उनका स्वागत किया।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने चौपाल में ग्रामीणों की मांग पर उपस्वास्थ्य केंद्र, सड़क, पुलिया निर्माण और माता मंदिर के सौंदर्यीकरण की स्वीकृति प्रदान की।
इस अवसर पर राज्य के पुलिस महानिदेशक अरुण देव गौतम और इस मुख्य सचिव अमिताभ जैन भी मौजूद थे।
भाषा संजीव