नैनीताल दुष्कर्म आरोपी के पुत्र ने अपने स्थानांतरण को अदालत में चुनौती दी
सं दीप्ति सुरभि
- 15 May 2025, 11:49 PM
- Updated: 11:49 PM
नैनीताल (उत्तराखंड), 15 मई (भाषा) उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने पिछले माह नैनीताल में 12 वर्षीया बालिका से दुष्कर्म के आरोपी मोहम्मद उस्मान के पुत्र रिजवान खान द्वारा दायर एक याचिका पर बृहस्पतिवार को सुनवाई की। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
याचिका में रिजवान खान ने राज्य सरकार द्वारा किए गए अपने स्थानांतरण को चुनौती दी है।
रिजवान के 73 वर्षीय पिता उस्मान ने नाबालिग से कथित तौर पर दुष्कर्म किया था। घटना सामने आने के बाद तीस अप्रैल को नैनीताल शहर में सांप्रदायिक तनाव पैदा हो गया था और आक्रोशित लोगों ने एक समुदाय के सदस्यों की दुकानों में तोड़-फोड़ कर दी थी। इस घटना के बाद प्रदेश के लोक निर्माण विभाग में सहायक अभियंता खान का खटीमा से टिहरी जिले के घनसाली खंड में स्थानांतरण कर दिया गया था।
उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश जी. नरेंदर और न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ ने खान की याचिका पर सुनवाई की।
याचिकाकर्ता की तरफ से अदालत में पेश अधिवक्ता कार्तिकेय हरि गुप्ता ने दलील दी कि उनके मुवक्किल को बगैर नोटिस दिए बिना किसी आधार के स्थानांतरण आदेश दे दिया गया।
गुप्ता ने कहा कि खान का स्थानांतरण कथित तौर पर उनके पिता से जुड़ी दुष्कर्म की घटना से उपजे आक्रोश का परिणाम है।
अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि प्रशासनिक आधार का हवाला देते हुए स्थानांतरण का आदेश ‘अनावश्यक’ रूप से दिया गया।
उन्होंने दावा किया कि कुछ हिंदू संगठनों ने याचिकाकर्ता के पास आदेश पहुंचने से पहले ही उसे सोशल मीडिया पर प्रसारित कर दिया था।
हांलांकि, महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर और मुख्य स्थायी अधिवक्ता चंद्रशेखर रावत ने कहा कि स्थानांतरण आदेश मौजूदा नियमों के तहत किया गया है।
पीठ ने नैनीताल के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को मामले की जांच करने और इस संबंध में सोमवार को रिपोर्ट दाखिल करने के निर्देश दिए।
पीठ ने दुष्कर्म मामलो में न्यायाधीशों और वकीलों को सोशल मीडिया पर ट्रोल किए जाने पर भी कड़ी नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने कहा, ‘‘यह बहुत आपत्तिजनक है कि न्यायाधीशों और वकीलों को ट्रोल किया जा रहा है और कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।’’
भाषा सं दीप्ति