आईएमएफ को पाकिस्तान सहायता देने पर पुनर्विचार करना चाहिए: राजनाथ
शोभना दिलीप
- 16 May 2025, 05:24 PM
- Updated: 05:24 PM
भुज (गुजरात), 16 मई (भाषा) भारत ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से पाकिस्तान को एक अरब डॉलर की सहायता देने पर शुक्रवार को पुनर्विचार करने का आग्रह किया और कहा कि इस्लामाबाद इस सहायता का इस्तेमाल आतंकवाद के वित्तपोषण के लिए कर सकता है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने यहां सैन्यकर्मियों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत नहीं चाहता कि वह जो धन आईएमएफ को देता है, उसका इस्तेमाल प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से पाकिस्तान या किसी अन्य देश में आतंकवाद का बुनियादी ढांचा तैयार करने में हो।
उन्होंने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि आज के समय में पाकिस्तान को किसी भी तरह की वित्तीय सहायता आतंकवाद के वित्तपोषण से कम नहीं है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘भारत चाहता है कि आईएमएफ पाकिस्तान को दी गई एक अरब डॉलर की सहायता पर पुनर्विचार करे और भविष्य में किसी भी प्रकार की सहायता देने से परहेज करे।’’
सिंह आज सुबह समग्र सुरक्षा स्थिति की समीक्षा करने के लिए भुज वायु सेना स्टेशन पहुंचे। उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ प्रभावी अभियान के लिए भारतीय वायु सेना की सराहना की।
सिंह ने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में भारत के सशस्त्र बल न केवल दुश्मन पर हावी रहे, बल्कि उन्हें नेस्तनाबूद करने में भी सफलता पाई।
आतंकवाद के खिलाफ प्रभावी ढंग से अभियान चलाने के लिये भारतीय वायु सेना की सराहना करते हुए सिंह ने कहा ‘‘हमारी वायु सेना ने अपने पराक्रम, साहस और गौरव से नई ऊंचाइयों को छुआ है।’’
वायु सेना का यह अड्डा उन सैन्य बुनियादी ढांचे में से एक है, जिसे पाकिस्तान ने चार दिनों तक जारी सैन्य संघर्ष के दौरान निशाना बनाया था।
अपने संबोधन में सिंह ने कहा कि पाकिस्तान को आईएमएफ द्वारा दी गई एक अरब डॉलर की सहायता का उपयोग आतंकवाद के बुनियादी ढांचे को वित्तपोषित करने के लिए किया जाएगा, और प्रश्न किया कि क्या इसे अंतरराष्ट्रीय संगठन द्वारा ‘‘अप्रत्यक्ष वित्तपोषण’’ नहीं माना जाएगा।
सिंह ने कहा कि पाकिस्तान ने नष्ट किए गए आतंकी ढांचे का फिर से निर्माण शुरू कर दिया है और उसकी सरकार ने जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख और संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आतंकवादी मसूद अजहर को देने के लिए आम पाकिस्तानी नागरिकों से कर एकत्र किया है।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान सरकार ने मुरीदके और बहावलपुर में लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ढांचे के पुनर्निर्माण के लिए वित्तीय सहायता की भी घोषणा की है।
रक्षा मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान में सरकार और आतंकवाद के बीच संबंध होने के कारण देश के परमाणु बमों के आतंकवादियों के हाथों में पड़ने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।
उन्होंने कहा, ‘‘ सरकार में शामिल और सरकार से इतर लोगों का मुखौटा अब पूरी तरह से उतर चुका है। ऐसे में अगर वहां परमाणु बम रखे हैं,तो भविष्य में उनके आतंकवादी तत्वों के हाथों में पड़ने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।’’
उन्होंने कहा कि यह न केवल भारत के लिए,बल्कि पूरी दुनिया और पाकिस्तान के लोगों के लिए भी गंभीर खतरे की बात है। रक्षा मंत्री ने कहा कि सैन्य कार्रवाई रोककर भारत ने पाकिस्तान को ‘‘प्रोबेशन’’ (परिवीक्षा) में रखा है।
रक्षा मंत्री ने कहा,‘‘ भारत में किसी उपद्रवी को मजिस्ट्रेट कुछ वक्त के लिए प्रोबेशन में रखता है, ताकि उसे सुधरने का मौका मिले। अगर कोई व्यक्ति प्रोबेशन के दौरान फिर गड़बड़ी करता है, तो उसे उचित सजा दी जाती है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इसी तरह मौजूदा संघर्ष विराम में हमने पाकिस्तान को प्रोबेशन पर रखा है। अगर उसका व्यवहार सुधरता है तो ठीक है, लेकिन अगर उसका व्यवहार फिर से खराब होता है तो उसे कड़ी से कड़ी सज़ा दी जाएगी।’’
सिंह ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई सिर्फ सुरक्षा का मामला नहीं है, बल्कि यह राष्ट्रीय रक्षा सिद्धांत का हिस्सा बन गया है।
उन्होंने कहा, " हम मिलकर इस छद्म और हाइब्रिड युद्ध को खत्म करेंगे। रक्षा मंत्री के तौर पर मैं यह दोहराना चाहता हूं कि आज का भारत पहले जैसा नहीं है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में एक नए भारत का जन्म हुआ है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘आपने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए स्पष्ट संदेश दिया है कि जितना हमने शांति के लिए दिल खुला रखा है, उतना ही हमने शांति को नष्ट करने वालों के खिलाफ भी आंखों को खोलकर रखा है।’’
सिंह ने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ अभी खत्म नहीं हुआ है।
उन्होंने कहा कि भारत अपने सशस्त्र बलों के साहस के कारण वैश्विक मंच पर बहुत सम्मान प्राप्त करता है।
उन्होंने कहा, ‘‘ आपने पूरे देश को यह विश्वास दिला दिया है कि नया भारत अब बर्दाश्त नहीं करता, बल्कि जवाब देता है।’’
उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर ने यह भी साबित कर दिया है कि भारतीय वायुसेना पाकिस्तान के हर कोने तक पहुंच सकती है।
उन्होंने कहा, ‘‘ आज भारत में बने हथियार न केवल विश्वसनीय हैं, बल्कि दुर्जेय और अभेद्य भी हैं। हमारे देश में एक पुरानी कहावत है - 'दिन में तारे दिखाना।' लेकिन भारत निर्मित ब्रह्मोस मिसाइल ने पाकिस्तान को रात के अंधेरे में दिन की रोशनी दिखा दी।’’
उन्होंने कहा कि इस अभियान के दौरान डीआरडीओ (रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन) के आकाश और अन्य रडार सिस्टम ने बहुत बड़ी भूमिका निभाई। उन्होंने कहा, ‘‘दुश्मन के ड्रोन से भागने के बजाय भारतीय नागरिक हमारी हवाई रक्षा प्रणाली द्वारा मार गिराए जा रहे ड्रोन का वीडियो बना रहे थे।’’
भाषा शोभना