पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव नेपाल के प्रधानमंत्री से मिले; स्वच्छ ऊर्जा, जैव विविधता पर चर्चा की
पारुल दिलीप
- 16 May 2025, 10:06 PM
- Updated: 10:06 PM
(तस्वीरों के साथ)
(शिरीष बी प्रधान)
काठमांडू, 16 मई (भाषा) पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने शुक्रवार को नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली से मुलाकात की और स्वच्छ ऊर्जा, जैव विविधता संरक्षण एवं प्राकृतिक संसाधनों की सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को और प्रगाढ़ करने की इच्छा जताई।
‘जलवायु परिवर्तन, पर्वत और मानवता का भविष्य’ विषय पर आधारित ‘सागरमाथा संवाद’ में हिस्सा लेने के लिए काठमांडू पहुंचे यादव ने नेपाल की विदेश मंत्री आरजू राणा देउबा और पर्यावरण मंत्री ऐन बहादुर शाही ठकुरी से भी मुलाकात की।
प्रधानमंत्री सचिवालय की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक, बालुवाटार में प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास पर ओली के साथ हुई मुलाकात ने यादव ने ‘सागरमाथा संवाद’ में आमंत्रित करने के लिए उन्हें धन्यवाद दिया और कहा कि माउंट एवरेस्ट के संरक्षण की दिशा में दुनिया का ध्यान आकर्षित किया जाना चाहिए।
यादव ने ओली से मुलाकात के बाद ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “जलवायु परिवर्तन, पर्वत और मानवता के भविष्य विषय पर चर्चा के लिए सागरमाथा संवाद के आयोजन के लिए नेपाल की सराहना की। दोनों पक्षों ने स्वच्छ ऊर्जा, जैव विविधता संरक्षण और प्राकृतिक संसाधनों की सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में संबंधों को गहरा करने की इच्छा जताई।”
यादव ने “शानदार आतिथ्य के लिए भी नेपाल सरकार का आभार” व्यक्त किया।
प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा कि प्रधानमंत्री ओली ने पहाड़ों की सुरक्षा और पर्यावरण पर कार्बन उत्सर्जन के प्रभाव से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करने के लिए नेपाल, भारत और बांग्लादेश को शामिल करते हुए एक क्षेत्रीय सम्मेलन आयोजित करने का प्रस्ताव रखा।
यादव ने नेपाल के वन और पर्यावरण मंत्री ठकुरी से मुलाकात के बाद ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “हमने दोनों पक्षों के बीच ऊर्जा साझेदारी, अंतरराष्ट्रीय बिग कैट एलायंस में भागीदारों के रूप में एक साथ काम करने और बाघ संरक्षण पर ध्यान देने के साथ जैव विविधता संरक्षण सहित कई मुद्दों पर बहुत उपयोगी बातचीत की।”
उन्होंने लिखा, “हमने पहाड़ी इलाकों में जंगल की आग से निपटने में सहयोग की संभावनाओं पर भी चर्चा की।”
विदेश मंत्री देउबा से मुलाकात के बारे में यादव ने लिखा, “हमने स्वच्छ ऊर्जा, जैव विविधता संरक्षण और भूमि क्षरण को रोकने पर ध्यान केंद्रित करते हुए जलवायु लचीलापन और टिकाऊ भविष्य के लिए अपनी साझेदारी को गहरा करने के बारे में विस्तार से बात की।”
भाषा पारुल