कृषि ऋण वितरित करते समय ‘सिबिल स्कोर’ न पूछें बैंक : फडणवीस
अजय
- 19 May 2025, 09:37 PM
- Updated: 09:37 PM
मुंबई, 19 मई (भाषा) महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार को बैंकों को निर्देश दिया कि वे ‘सिबिल स्कोर’ पर जोर दिए बिना किसानों को कृषि ऋण वितरित करें।
सिबिल स्कोर, क्रेडिट सूचना ब्यूरो का एक ऋण पात्रता तंत्र है, जिसका उपयोग वित्तीय संस्थानों द्वारा ऋण आवेदनों का आकलन करने के लिए किया जाता है। इसमें कर्ज चुकाने की क्षमता पर ध्यान केंद्रित किया जाता है।
फडणवीस ने कहा, ‘‘यदि किसानों को कृषि ऋण नहीं मिलता है, तो इसका अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है और किसान आत्महत्याएं बढ़ती हैं। हमने बैंकों को बार-बार निर्देश दिया है कि वे सिबिल (स्कोर) न मांगें, फिर भी वे ऐसा करना जारी रखे हैं। इसे आज की बैठक में ही हल किया जाना चाहिए। अतीत में, ऐसे बैंकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई हैं। यह एक गंभीर मुद्दा है जिसे बैंकों को जिम्मेदारी से संभालना चाहिए।’’
सह्याद्री गेस्ट हाउस में आयोजित 167वीं राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति (एसएलबीसी) की बैठक के दौरान फडणवीस ने चेतावनी दी, ‘‘भारतीय रिजर्व बैंक ने भी कृषि ऋण के संबंध में स्पष्ट किया है कि यदि कोई बैंक शाखा सिबिल पर जोर देती है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।’’
मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीयकृत बैंकों को इस वर्ष के ऋण वितरण लक्ष्यों को पूरा करने और कृषि ऋण कवरेज का विस्तार करने के लिए विशेष प्रयास करने के निर्देश दिए।
बैठक के दौरान, वित्त वर्ष 2025-26 के लिए महाराष्ट्र के लिए 44.76 लाख करोड़ रुपये की ऋण योजना को मंजूरी दी गई।
देश में महाराष्ट्र की अग्रणी स्थिति पर प्रकाश डालते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान राज्य की रीढ़ हैं और कृषि अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण घटक है।
फडणवीस ने कहा, ‘‘कृषि की उपेक्षा स्वीकार्य नहीं है। इसलिए, राष्ट्रीयकृत बैंकों को कृषि ऋण वितरण बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। मौसम विभाग द्वारा अच्छी बारिश की भविष्यवाणी के साथ, इस वर्ष फसल अच्छी होने की उम्मीद है। ऐसे में, बैंकों को किसानों को अधिक से अधिक सहायता देनी चाहिए। अच्छी बारिश से कृषि विकास को बढ़ावा मिलता है, जिससे बैंकों और किसानों दोनों को फायदा होता है।’’
उन्होंने कहा कि राज्य कृषि के लिए एक निवेश नीति लागू कर रहा है और बैंकों को इसमें सक्रिय रूप से भाग लेना चाहिए क्योंकि उनकी महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र के लिए 5,000 करोड़ रुपये का वार्षिक निवेश लक्ष्य रखा गया है।
किसानों को अधिक ऋण देने से बैंकों को लाभ होगा क्योंकि कृषि को अब न केवल एक सहायक क्षेत्र के रूप में बल्कि एक व्यावसायिक उद्यम के रूप में देखा जाता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि ऋण देने वाली संस्थाओं को इस परिवर्तन में योगदान देना चाहिए।
फडणवीस ने यह भी निर्देश दिया कि इन योजनाओं में अच्छा प्रदर्शन करने वाले बैंकों और अधिकारियों को सम्मानित किया जाना चाहिए, जबकि जो उम्मीदों पर खरे नहीं उतरते हैं, उन्हें बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रोत्साहित करने के लिए बाद की बैठकों में नामित किया जाना चाहिए।
भाषा राजेश राजेश