केरल के ईडी अधिकारी के खिलाफ आरोप केंद्रीय एजेंसी को बदनाम करने का प्रयास: सूत्र
जितेंद्र नेत्रपाल
- 19 May 2025, 10:24 PM
- Updated: 10:24 PM
नयी दिल्ली, 19 मई (भाषा) केरल में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारी के खिलाफ हाल ही में लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोप एजेंसी को ‘बदनाम’ करने का प्रयास प्रतीत होता है क्योंकि जिस व्यवसायी ने आरोप लगाया है वह जांच के दायरे में है और कई समन पर पेश नहीं हुआ है। आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को यह बात कही।
पिछले सप्ताह, एर्नाकुलम में केरल सतर्कता और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (वीएसीबी) कार्यालय ने कोच्चि में सहायक निदेशक रैंक के एक ईडी अधिकारी के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
ऐसा आरोप लगाया गया था कि कुछ लोगों ने व्यवसायी से ईडी द्वारा उसके खिलाफ जांच किए जा रहे धनशोधन के मामले को निपटाने के बदले में पैसे की मांग की थी।
यह मुद्दा राज्य में उस समय सुर्खियों में छा गया, जब केरल विधानसभा में विपक्ष के नेता वीडी सतीशन और सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने ईडी में व्यापक भ्रष्टाचार का आरोप लगाया और दावा किया कि इसका इस्तेमाल केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी के राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को निशाना बनाने और ‘ईमानदार’ व्यापारियों से पैसे ऐंठने के लिए किया जा रहा है।
ईडी ने केरल पुलिस अपराध शाखा और कोट्टाराकारा पुलिस (कोल्लम जिला) द्वारा व्यवसायी अनीश बाबू, उनके पिता बाबू जॉर्ज और उनकी मां अनीता बाबू के खिलाफ दर्ज पांच प्राथमिकियों पर संज्ञान लेने के बाद धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत मामला दर्ज किया था।
पुलिस ने व्यवसायी पर कोट्टाराकारा स्थित कंपनी ‘वझाविला कैश्यूज’ के माध्यम से कम कीमत पर काजू आयात करने का वादा कर लोगों से 24.73 करोड़ रुपये की ‘धोखाधड़ी’ करने का आरोप लगाया है।
संघीय एजेंसी के सूत्रों ने बताया कि तीनों को पहली बार अक्टूबर 2021 में ईडी के कोच्चि कार्यालय ने पूछताछ के लिए बुलाया था, लेकिन वे पेश नहीं हुए।
एजेंसी ने अपनी जांच जारी रखी और शिकायतकर्ताओं के बैंक स्टेटमेंट तथा बयान दर्ज किए।
सूत्रों ने बताया कि अक्टूबर 2024 में दो बार बुलाए जाने पर परिवार 28 अक्टूबर को ईडी के सामने पेश हुआ, लेकिन दोपहर के भोजन के बाद पूछताछ के लिए वापस नहीं आया।
उन्होंने दावा किया कि व्यवसायी ने मामले की जांच को भटकाने के लिए ईडी अधिकारियों के खिलाफ मीडिया के सामने ‘‘निराधार’’ आरोप लगाए।
सूत्रों ने कहा कि यह आरोप ईडी की छवि को ‘खराब’ करने और मौजूदा धन शोधन मामले से ध्यान हटाने के इरादे से ‘‘मीडिया ट्रायल’’ शुरू करने का प्रयास प्रतीत होता है।
भाषा जितेंद्र