प्रसिद्ध परमाणु वैज्ञानिक एम आर श्रीनिवासन का निधन
वैभव नरेश
- 20 May 2025, 12:55 PM
- Updated: 12:55 PM
उधगमंडलम (तमिलनाडु), 20 मई (भाषा) भारत के स्वदेशी परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम में अहम योगदान देने वाले प्रसिद्ध वैज्ञानिक और परमाणु ऊर्जा आयोग के पूर्व अध्यक्ष एम आर श्रीनिवासन का मंगलवार को यहां निधन हो गया। परिवार के सूत्रों ने यह जानकारी दी।
वह 95 वर्ष के थे और उनके परिवार में पत्नी और एक बेटी है।
परिवार ने एक बयान में कहा, ‘‘हम परमाणु ऊर्जा आयोग के पूर्व अध्यक्ष और परमाणु ऊर्जा विभाग (डीएई) के सचिव डॉ. एम आर श्रीनिवासन के निधन की घोषणा करते हुए बहुत दुखी हैं।’’
परिवार ने कहा कि श्रीनिवासन सितंबर 1955 में डीएई से जुड़े और उन्होंने देश के पहले परमाणु अनुसंधान रिएक्टर, अप्सरा के निर्माण पर डॉ होमी भाभा के साथ काम करना शुरू किया था।
उन्हें 1959 में भारत के पहले परमाणु ऊर्जा केंद्र के निर्माण के लिए प्रधान परियोजना अभियंता नियुक्त किया गया था।
बयान के अनुसार, ‘‘उनके नेतृत्व ने देश के परमाणु कार्यक्रम को आकार देना जारी रखा। 1967 में उन्होंने मद्रास परमाणु ऊर्जा स्टेशन (एमएपीएस) के मुख्य परियोजना इंजीनियर के रूप में कार्यभार संभाला।’’
वह राष्ट्रीय महत्व के कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे। इनमें डीएई में ऊर्जा परियोजना आभियांत्रिकी विभाग के निदेशक और परमाणु ऊर्जा बोर्ड के अध्यक्ष का पद शामिल है।
बयान के अनुसार, ‘‘इन भूमिकाओं में उन्होंने देशभर में सभी परमाणु ऊर्जा परियोजनाओं की योजना, क्रियान्वयन और परिचालन पर निगरानी रखी।’’
बयान में कहा गया, ‘‘1987 में उन्हें परमाणु ऊर्जा आयोग का अध्यक्ष और परमाणु ऊर्जा विभाग का सचिव नियुक्त किया गया। उसी वर्ष, वह भारतीय परमाणु ऊर्जा निगम लिमिटेड (एनपीसीआईएल) के संस्थापक-अध्यक्ष बने। उनके नेतृत्व में, 18 परमाणु ऊर्जा इकाइयां विकसित की गईं - जिनमें से सात चालू थीं, सात निर्माणाधीन थीं और चार योजना के चरण में थीं।’’
भारत के परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम में उत्कृष्ट योगदान के लिए श्रीनिवासन को ‘पद्म विभूषण’ से सम्मानित किया गया था।
जिलाधिकारी लक्ष्मी भव्या तन्नीरू ने श्रीनिवासन की पार्थिव देह पर पुष्प चढ़ाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
भाषा वैभव