कर्नाटक के गृह मंत्री से जुड़े शैक्षणिक संस्थानों पर ईडी की छापेमारी
राजकुमार नरेश
- 21 May 2025, 06:29 PM
- Updated: 06:29 PM
बेंगलुरु, 21 मई (भाषा) प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) तुमकुरु और बेंगलुरु के बाहरी इलाके में कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर से संबद्ध बताए जा रहे शैक्षणिक संस्थानों में छापेमारी कर रहा है। आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी।
सूत्रों के अनुसार, तुमकुरु में ‘श्री सिद्धार्थ मेडिकल कॉलेज’ और ‘श्री सिद्धार्थ इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी’ तथा बेंगलुरु के बाहरी इलाके में नेलमंगला में ‘श्री सिद्धार्थ इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज’ में छापेमारी की जा रही है।
छापेमारी के कारणों का अभी पता नहीं चल पाया है।
हालांकि मुख्यमंत्री ने ईडी की छापेमारी पर कोई टिप्पणी करने से इनकार करते हुए कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है, लेकिन कर्नाटक के पार्टी मामलों के प्रभारी कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि परमेश्वर अनुसूचित जाति के एक बड़े नेता हैं और यह छापेमारी पिछली भाजपा सरकारों के भ्रष्टाचार को छिपाने एवं शोषितों की आवाज उठाने वालों की आवाज दबाने का एक हताश प्रयास प्रतीत होती है।
जब पत्रकारों ने इस बारे में सवाल किया तो मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मुझे नहीं पता... मैं पता करूंगा, तभी कुछ कहूंगा।’’
उपमुख्यमंत्री डी. के. शिवकुमार ने कहा, ‘‘मुझे नहीं पता । मेरे गृह मंत्री का ऐसे किसी मामले में शामिल होना संभव नहीं है। वह एक सभ्य, सरल व्यक्ति हैं...परमेश्वर का ऐसे किसी मामले में शामिल होना संभव नहीं है।’’
उन्होंने कहा,‘‘ शैक्षणिक संस्थानों पर छापेमारी की क्या जरूरत है? मेरे पास उचित जानकारी नहीं है। इस बारे में मैं जानकारी जुटाता हूं, फिर कुछ कह पाऊंगा।’’
सुरजेवाला ने कहा कि राज्य की कांग्रेस सरकार ने मंगलवार को होसपेट में एक लाख अनुसूचित जाति(एससी)/जनजाति (एसटी) परिवारों को संपत्ति का मालिकाना हक दिया है।
उन्होंने कहा कि यह छापेमारी भाजपा और केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार की हताशा भरी प्रतिक्रिया है। उन्होंने यह भी कहा कि परमेश्वर अनुसूचित जाति के सबसे बड़े नेताओं में से एक हैं।
उन्होंने 'एक्स' पर पोस्ट किया, ‘‘भारत भर में संविधान और एससी/एसटी तथा ओबीसी समुदायों के नेताओं पर लगातार हमला एक आदत बन गई है। परमेश्वर के खिलाफ बदला लेने की कोशिश इसी भयावह योजना का हिस्सा है।’’
सुरजेवाला ने कहा कि शिक्षा की ज्योति जलाने के लिए तुमकुरु में परमेश्वर द्वारा संचालित ‘सिद्धार्थ इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी’ की स्थापना 46 साल पहले 1979 में की गई थी और ‘सिद्धार्थ मेडिकल कॉलेज’ की स्थापना 28 साल पहले 1988 में तुमकुरु के ग्रामीण इलाकों में की गई थी।
उन्होंने यह भी कहा कि यह वाकई आश्चर्यजनक है कि इस संस्थान की स्थापना के 46 साल बाद जब भाजपा के भ्रष्टाचार की राज्य के गृह मंत्रालय और परमेश्वर द्वारा सक्रिय रूप से जांच की जा रही है, तब मोदी सरकार गलत कामों की तलाश कर रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘ईडी की छापेमारी पिछली भाजपा सरकारों के भ्रष्टाचार को छिपाने तथा उत्पीड़ितों की आवाज उठाने वालों की आवाज दबाने का एक हताश प्रयास जान पड़ती है।’’
भाषा राजकुमार