हरियाणा मानवाधिकार आयोग ने ट्रांसफार्मर के कारण एक व्यक्ति की मौत के बाद सख्त आदेश जारी किये
देवेंद्र अविनाश
- 21 May 2025, 07:40 PM
- Updated: 07:40 PM
चंडीगढ़, 21 मई (भाषा) सोनीपत में सड़क किनारे लगे बिजली ट्रांसफार्मर के कारण एक दिव्यांग व्यक्ति की करंट लगने से मौत की घटना को गंभीरता से लेते हुए हरियाणा मानवाधिकार आयोग ने बिजली विभाग और संबंधित अधिकारियों की जवाबदेही सुनिश्चित किये जाने का आह्वान किया है।
आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति ललित बत्रा ने इस घटना को मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन बताया।
पीड़ित के रिश्तेदार रणबीर द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के अनुसार, यह घटना इस साल 11 जनवरी को हुई थी, जब रजनीश ने एक सड़क के निकट लगे ट्रांसफॉर्मर को गलती से छू लिया था, जिस पर कथित तौर पर बाड़ या चेतावनी संकेत नहीं लगे थे। रजनीश को अस्पताल ले जाया गया जहां उसे ‘मृत’ घोषित कर दिया गया।
शिकायतकर्ता ने इस घटना के लिए बिजली विभाग की घोर लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया तथा कहा कि खतरनाक बुनियादी ढांचे को बनाए रखते हुए जन सुरक्षा सुनिश्चित करने में विभाग विफल रहा है।
न्यायमूर्ति बत्रा ने कहा कि यह घटना बुनियादी ढांचे की सुरक्षा में गंभीर चूक और संबंधित अधिकारियों की कर्तव्यहीनता को उजागर करती है।
आयोग ने इस बात पर जोर दिया कि यह मामला संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत जीवन के अधिकार के साथ-साथ दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम, 2016 के तहत गारंटीकृत अधिकारों का गंभीर उल्लंघन है।
आयोग ने 13 मई के अपने आदेश में कहा कि सार्वजनिक प्राधिकारियों की लापरवाही सभी नागरिकों, विशेषकर दिव्यांग व्यक्तियों जैसे कमजोर वर्गों को दी गई संवैधानिक और वैधानिक सुरक्षा का उल्लंघन है।
शोक संतप्त परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए, आयोग ने दिव्यांग व्यक्तियों की गरिमा, सुरक्षा और अधिकारों की रक्षा के लिए राज्य के बढ़ते दायित्व पर प्रकाश डाला।
न्यायमूर्ति बत्रा ने कहा कि 81 प्रतिशत दिव्यांगता वाले रजनीश की मौत को रोका जा सकता था।
मामले को गंभीरता से लेते हुए आयोग ने विभिन्न सिफारिशें कीं, जिनमें यह भी शामिल था कि बिजली विभाग को खामियों की पहचान करने और जिम्मेदारी तय करने के लिए समयबद्ध और स्वतंत्र जांच करनी चाहिए। इसके साथ ही आयोग ने कहा कि आवश्यक सुरक्षा प्रावधानों के बिना ट्रांसफार्मर स्थापित करने वाले अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक और कानूनी कार्रवाई शुरू की जानी चाहिए।
इसने कहा कि राज्य सरकार पीड़ित परिवार को राज्य दायित्व और न्याय के सिद्धांतों के अनुसारत त्काल अंतरिम मुआवजा प्रदान करेगी।
निवारक उपायों और सार्वजनिक सुरक्षा के संबंध में न्यायमूर्ति बत्रा ने सार्वजनिक और आवासीय क्षेत्रों में सभी ट्रांसफार्मरों और उच्च-वोल्टेज उपकरणों का जिलावार ‘ऑडिट’ कराने की सिफारिश की।
मामले की अगली सुनवाई 30 जुलाई को तय की गई है।
भाषा
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