विवादास्पद बयानों के लिए माफी मांगने के बाद अकाल तख्त ने ग्रंथी ढडरियांवाले पर प्रतिबंध हटाया
खारी अविनाश
- 21 May 2025, 07:55 PM
- Updated: 07:55 PM
अमृतसर, 21 मई (भाषा) अकाल तख्त ने सिख ग्रंथी रणजीत सिंह ढडरियांवाले पर लगा प्रतिबंध बुधवार को हटा लिया।
ढडरियांवाले ने ‘गुरुमत’ या गुरु के ज्ञान के बारे में अपने विवादास्पद बयानों के लिए अकाल तख्त के समक्ष पेश होकर माफी मांगी जिसके बाद यह प्रतिबंध हटाया गया।
एक अन्य फैसले में, अकाल तख्त ने सिख विद्वानों और ग्रंथियों के बारे में अनुचित टिप्पणियों के लिए दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (डीएसजीएमसी) के पूर्व अध्यक्ष हरविंदर सिंह सरना के पश्चाताप को भी स्वीकार कर लिया।
पांच ‘सिंह साहिबान’ की एक बैठक अकाल तख्त सचिवालय में इसके कार्यवाहक जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गर्गज के नेतृत्व में हुई।
बैठक में सचखंड श्री हरमंदर साहिब के ग्रंथी ज्ञानी राजदीप सिंह, तख्त श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार बाबा टेक सिंह, तख्त श्री केसगढ़ साहिब के मुख्य ग्रंथी ज्ञानी जोगिंदर सिंह और श्री अकाल तख्त साहिब के ग्रंथी ज्ञानी गुरबख्शीश सिंह मौजूद थे।
ढडरियांवाले ‘गुरमत’ के बारे में अपने पिछले बयानों को लेकर खेद व्यक्त करने और क्षमा मांगने के लिए बुधवार को उच्च ग्रंथियों के समक्ष पेश हुए। उनका अनुरोध स्वीकार कर लिया गया और उनके धार्मिक प्रवचन पर प्रतिबंध आधिकारिक तौर पर हटा दिया गया।
ढडरियांवाले को अकाल तख्त साहिब द्वारा स्वीकृत सिख ‘रहत मर्यादा’, परंपराओं का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया गया है।
उन्हें सिख संस्थानों या पवित्र 'सरोवर' के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने से मना किया गया है।
डीएसजीएमसी के पूर्व अध्यक्ष सरना को 11 दिनों तक रोजाना दो ‘जपजी साहिब’ और दो चौपाई ‘साहिब’ का पाठ करने और ‘सेवा’ पूरी होने पर दिल्ली के गुरुद्वारा बंगला साहिब में 501 रुपये मूल्य का ‘कड़ाह प्रसाद’ सौंपने का आदेश दिया है।
इस बीच, तख्त श्री पटना साहिब समिति द्वारा गैर-अनुपालन के मामले में तख्त हरमंदिर पटना साहिब का प्रबंधन ग्रंथी बलदेव सिंह के गुरबानी पाठ के मूल्यांकन और ग्रंथी भाई गुरदयाल सिंह के तत्काल स्थानांतरण के संबंध में अकाल तख्त के पूर्व आदेशों का पालन करने में विफल रहा।
अकाल तख्त ने कहा कि नियमों का पालन नहीं करने के कारण दोनों को पंथिक कर्तव्यों का पालन करने से रोक दिया गया है। तख्त पटना साहिब कमेटी के नेतृत्व को स्पष्टीकरण के लिए तुरंत अकाल तख्त के समक्ष उपस्थित होने का आदेश दिया गया है।
ज्ञानी रंजीत सिंह गौहर की बहाली के संबंध में आंतरिक जांच में उनके खिलाफ सभी आरोपों को खारिज कर दिया गया है।
भाषा खारी