भारतीय संविधान की खूबसूरती यह है कि खेतिहर मजदूर भी मुख्य न्यायाधीश बन सकता है: न्यायमूर्ति कैत
रवि कांत अविनाश
- 21 May 2025, 08:15 PM
- Updated: 08:15 PM
जबलपुर, 21 मई (भाषा) मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुरेश कुमार कैत ने कहा है कि भारतीय संविधान की खूबसूरती है कि खेतिहर मजदूर के रूप में जीवन की शुरुआत करने वाले व्यक्ति भी उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश बन सकते हैं।
उन्होंने कहा कि डॉ. बी.आर. आंबेडकर के दृष्टिकोण के कारण ही किसान परिवार का कोई व्यक्ति और पूर्व राष्ट्रपति का बेटा एक ही दिन उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में शपथ ले सकते हैं।
उन्होंने मंगलवार को अपने विदाई भाषण में कहा कि आंबेडकर ने देश में सभी के लिए समानता सुनिश्चित की। उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय संविधान की खूबसूरती यह है कि किसान परिवार के एक व्यक्ति ने मजदूर के रूप में जीवन की शुरुआत की। उस व्यक्ति और पूर्व राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद के परिवार से आने वाले न्यायमूर्ति बदर दुरेज़ अहमद ने डॉ. बी.आर. आंबेडकर के कारण एक ही दिन उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में शपथ ली।’’
मुख्य न्यायाधीश कैत मंगलवार को मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय में नौ महीने की सेवा के बाद सेवानिवृत्त हो गए। उन्होंने कहा कि जिस गांव में उन्होंने पढ़ाई की, गूगल पर खोजने पर उसका नाम ऑस्ट्रेलिया में दिखाई देता है।
न्यायमूर्ति कैत ने कहा कि उनके गांव में आठ तालाब और एक नहर है और उन्होंने अपने स्कूल में कक्षा 10 तक एक पेड़ के नीचे पढ़ाई की, जहां कक्षाएं कम थीं।
उन्होंने कहा कि यह उनके परिवार के लिए गर्व की बात थी जब उन्हें दिल्ली सेंट्रल लॉ यूनिवर्सिटी में दाखिला मिला। न्यायाधीश कैत ने दिल्ली की एक अदालत में वकील वतन सिंह के मार्गदर्शन में वकालत शुरू की थी।
उन्होंने उच्च न्यायालय में तत्कालीन सांसद रामनाथ कोविंद के पेश होने को भी याद किया। उन्होंने अपने जीवन को खुली किताब बताया।
न्यायमूर्ति कैत ने कहा कि मध्यप्रदेश आने से पहले वह उच्च न्यायालय में नियुक्त सिर्फ तीन न्यायाधीशों को जानते थे।
उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय में न्यायाधीशों के कुल पदों की संख्या 53 है और वर्तमान में 33 न्यायाधीश नियुक्त हैं। उन्होंने 32 और पद सृजित करने का प्रस्ताव भेजा है।
उन्होंने कहा कि इसे मंजूरी मिलने के बाद मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय में न्यायाधीशों की संख्या बढ़कर 85 हो जाएगी।
न्यायमूर्ति कैत ने कहा कि उन्होंने इंदौर जिला एवं सत्र न्यायालय के नए भवन के निर्माण के संबंध में दायर तीन याचिकाओं की सुनवाई के लिए जबलपुर में मुख्य पीठ बुलाई थी।
उन्होंने कहा कि तीनों याचिकाओं का निराकरण करने के बाद काम शुरू हो गया है। उन्होने कहा कि अधिकांश परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं या विभिन्न चरणों में हैं।
भाषा सं दिमो
रवि कांत