नीट स्नातक: अदालत ने दोषपूर्ण बायोमेट्रिक प्रणाली के आरोप वाली याचिका पर एनटीए से जवाब मांगा
जितेंद्र नरेश
- 26 Jun 2025, 05:32 PM
- Updated: 05:32 PM
नयी दिल्ली, 26 जून (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट)-स्नातक 2025 में शामिल हुए एक अभ्यर्थी की दोषपूर्ण बायोमेट्रिक सत्यापन प्रणाली के कारण मानसिक रूप से परेशानी के आधार पर क्षतिपूर्ति अंक दिये जाने का अनुरोध करने वाली एक याचिका पर राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) से जवाब तलब किया है।
न्यायमूर्ति प्रतिभा एम. सिंह ने 20 जून को अभ्यर्थी की याचिका पर एजेंसी को नोटिस जारी किया।
याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि परीक्षा से पहले प्रमाणीकरण प्रक्रिया के दौरान परीक्षा केंद्र पर बायोमेट्रिक सत्यापन प्रणाली काम नहीं कर रही थी, जिसके बाद उसे परीक्षा हॉल में प्रवेश की अनुमति के लिए आवेदन जमा करने पर मजबूर किया गया।
न्यायालय ने परीक्षा केंद्र पर सीसीटीवी रिकॉर्डिंग, लॉग बुक प्रविष्टियों और सभी अन्य रजिस्टर को सुरक्षित रखने का निर्देश दिया है।
अभ्यर्थी ने चार मई को उत्तर प्रदेश के मेरठ में ‘त्रिशला देवी कनोहर लाल बालिका इंटर कॉलेज’ में नीट-स्नातक 2025 की परीक्षा दी थी।
याचिकाकर्ता ने मेडिकल प्रवेश परीक्षा में प्रतिपूरक अंक और संबंधित परीक्षा केंद्र से सीसीटीवी फुटेज को सुरक्षित रखने सहित राहत देने का अनुरोध किया था।
याचिकाकर्ता ने दावा किया कि उसे परीक्षा शुरू होने से केवल पांच मिनट पहले ही प्रवेश की अनुमति दी गई थी।
याचिका में आरोप लगाया गया कि परीक्षा शुरू हो चुकी थी और उसे बायोमेट्रिक सत्यापन के लिए बाहर जाने को कहा गया और केंद्र अधीक्षक को अंग्रेजी व हिंदी दोनों में प्रवेश की अनुमति देने के लिए आवेदन देने को कहा गया, जिससे परीक्षा देते समय उसे काफी मानसिक परेशानी हुई।
उम्मीदवार ने परीक्षा में 98.86 प्रतिशत अंक प्राप्त किए हैं।
अदालत के आदेश के मुताबिक, “ एजेंसी को बायोमेट्रिक सत्यापन से संबंधित आरोपों के संबंध में विशेष रूप से जवाबी हलफनामा दायर कर रिट याचिका में दी गयी दलीलों का खंडन करना होगा। इसके अलावा, परीक्षा केंद्र पर सीसीटीवी रिकॉर्डिंग, लॉग बुक प्रविष्टियां और अन्य रजिस्टर भी इस अदालत के अगले आदेशों के अधीन संरक्षित किए जाएं।”
याचिकाकर्ता के वकील ने दलील दी कि प्रतिपूरक अंकों की गणना उच्चतम न्यायालय के फैसले के अनुसार भी की जा सकती है, जिसके बाद उच्च न्यायालय ने कहा कि बायोमेट्रिक सत्यापन पर एनटीए के रुख की जांच करने के बाद अगली सुनवाई में इस मामले पर विचार किया जाएगा।
वकील ने अदालत को बताया कि काउंसलिंग संभवतः एक जुलाई से शुरू होगी, जिसके बाद मामले की सुनवाई 27 जून को निर्धारित कर दी गयी।
भाषा जितेंद्र