भारत माता मुद्दे पर राजभवन को केरल के मुख्यमंत्री का पत्र स्वागत योग्य, लेकिन विलंब हुआ: सतीशन
योगेश नरेश
- 26 Jun 2025, 05:46 PM
- Updated: 05:46 PM
तिरुवनंतपुरम, 26 जून (भाषा) विधानसभा में विपक्ष के नेता वी डी सतीशन ने भारत माता की तस्वीर प्रदर्शित किए जाने के खिलाफ राजभवन को पत्र भेजने के केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के कदम का बृहस्पतिवार को स्वागत किया लेकिन कहा कि इसमें देरी हुई है।
सतीशन ने यह भी कहा कि राजभवन या राज्यपाल के आधिकारिक कार्यक्रमों को राजनीतिक और धार्मिक अभियानों का स्थल नहीं बनाया जाना चाहिए।
'केरल युनिवर्सिटी सीनेट कैंपस' में आयोजित एक निजी कार्यक्रम के दौरान भारत माता का चित्र प्रदर्शित किए जाने को लेकर उत्पन्न तनावपूर्ण माहौल के बारे में विपक्षी नेता ने आरोप लगाया कि यह संघ परिवार द्वारा ‘सांप्रदायिक ध्रुवीकरण’ पैदा करने का प्रयास था।
उन्होंने कहा कि भारत माता का चित्र आमतौर पर आरएसएस के कार्यक्रमों में लगाया जाता है।
उन्होंने यह भी कहा कि केरल को ऐसे विवादों में नहीं घसीटा जाना चाहिए।
'केरल युनिवर्सिटी सीनेट कैंपस' में बुधवार को घंटों तक तनाव बना रहा, जब स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) के कार्यकर्ताओं ने पुलिस के साथ झड़प की और राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर की उपस्थिति में आयोजित एक निजी समारोह में भारत माता का चित्र प्रदर्शित किए जाने को लेकर प्रदर्शन किया।
सतीशन ने कहा कि आर्लेकर का अपना राजनीतिक झुकाव हो सकता है और वह चाहें तो आरएसएस कार्यकर्ता के रूप में काम करना जारी रख सकते हैं, लेकिन संवैधानिक पद पर रहते हुए वह अपने राजनीतिक और धार्मिक हितों को नहीं ‘साध’ सकते।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री और राज्य सरकार का यह दायित्व है कि वे राज्यपाल और उनके पीछे बैठे लोगों को बताएं कि केरल एक धर्मनिरपेक्ष राज्य है।
विपक्षी नेता ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, "मुख्यमंत्री अब तक चुप थे। यह अच्छा है कि उन्होंने अब पत्र दे दिया। लेकिन इसमें देरी हुई है।"
उन्होंने यह भी कहा कि राजभवन में केवल आधिकारिक कार्यक्रम होते हैं, इसलिए उन्हें धार्मिक और राजनीतिक प्रचार का मंच नहीं बनाया जाना चाहिए।
सतीशन ने कहा कि जहां कांग्रेस नीत संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) विपक्ष राजनीतिक ध्रुवीकरण पैदा करने की कोशिश कर रहा है, वहीं संघ परिवार सांप्रदायिक ध्रुवीकरण करने का प्रयास कर रहा है।
उन्होंने दावा किया, "यह सब लोगों को बांटने के लिए नफरत फैलाने वाले अभियान का हिस्सा है।"
उन्होंने राज्य सरकार और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) से संघ परिवार की बातों का अनुसरण न करने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा कि राजभवन को सूचित किया जाना चाहिए कि ऐसी घटनाएं दोबारा नहीं होंगी।
सतीशन ने यह भी कहा कि अगर सरकार ऐसा रुख अपनाती है तो उसे इस मुद्दे पर विपक्ष का भी समर्थन मिलेगा।
भाषा योगेश