बांग्लादेश के आपूर्तिकर्ताओं की अनुचित प्रथाओं के कारण जूट आयात पर प्रतिबंध लगा: अधिकारी
अनुराग पाण्डेय
- 28 Jun 2025, 06:46 PM
- Updated: 06:46 PM
नयी दिल्ली, 28 जून (भाषा) भारत ने बांग्लादेश से जूट और संबंधित फाइबर उत्पादों के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया है। भारत ने बांग्लादेश की ‘अनुचित व्यापार’ प्रथाओं के मद्देनजर यह प्रतिबंध लगाया। इसमें डंपिंग-रोधी शुल्क की अनदेखी भी शामिल है, जिससे भारतीय किसानों को नुकसान हो रहा था। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी।
नए प्रतिबंध सभी भूमि मार्ग और महाराष्ट्र के न्हावा शेवा बंदरगाह को छोड़कर सभी बंदरगाहों पर लागू होंगे।
प्रतिबंधों की घोषणा शुक्रवार को की गई और वे तुरंत प्रभाव से लागू हो गए।
बांग्लादेश में पिछले वर्ष अगस्त में बड़े पैमाने पर सरकार विरोधी प्रदर्शनों के कारण अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के ढाका से भागकर भारत में शरण लेने के बाद से दोनों देशों के संबंधों में तेज गिरावट आई है।
एक अधिकारी ने कहा कि बांग्लादेश को ‘अनुचित व्यापार’ प्रथाओं को जारी रखने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए, जो ग्रामीण क्षेत्रों की आर्थिक रीढ़ माने जाने वाले क्षेत्र में भारतीय किसानों और मिल श्रमिकों की आजीविका को नुकसान पहुंचाती हैं।
एक अन्य अधिकारी ने कहा कि भारत द्वारा सद्भावनापूर्वक दी गई बाजार पहुंच के लिए भारत के आर्थिक हितों के नुकसान को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
बांग्लादेशी जूट और फाइबर उत्पादों पर प्रतिबंध लगाने का भारत का निर्णय भूमि बंदरगाहों के माध्यम से तैयार कपड़ों और कई अन्य उपभोक्ता वस्तुओं के आयात पर प्रतिबंध लगाने के कुछ सप्ताह बाद आया है।
साफ्टा (दक्षिण एशियाई मुक्त व्यापार क्षेत्र) के प्रावधानों के तहत, बांग्लादेश से जूट को भारत में शुल्क मुक्त पहुंच प्राप्त है।
हालांकि, उन्होंने कहा कि भारतीय जूट उद्योग को पड़ोसी देश से जूट उत्पादों, विशेष रूप से धागा, फाइबर और बैग के डंप और सब्सिडी वाले आयात के कारण लंबे समय से नुकसान उठाना पड़ रहा है।
उन्होंने कहा कि इस बात के विश्वसनीय प्रमाण हैं कि बांग्लादेश से आने वाले जूट को वहां की सरकार से सब्सिडी का लाभ मिल रहा है।
सूत्रों ने बताया कि इन चिंताओं के जवाब में, डंपिंग-रोधी और संबद्ध शुल्क महानिदेशालय (डीजीएडी) ने विस्तृत जांच की और जूट तथा बांग्लादेश से आने वाले सामानों पर डंपिंग-रोधी शुल्क (एडीडी) लगाया।
उन्होंने कहा कि एडीडी लगाने से आयात में कोई खास कमी नहीं आई थी।
सूत्रों ने बताया कि विभिन्न सब्सिडी के अलावा, बांग्लादेशी निर्यातकों द्वारा की जाने वाली सामान्य गड़बड़ियों में तकनीकी छूट के माध्यम से डंपिंग-रोधी शुल्क की अवहेलना, गलत लेबलिंग, एडीडी छूट प्राप्त फर्मों के माध्यम से निर्यात और अधिक सब्सिडी पाने के लिए ‘गलत घोषणा’ शामिल हैं।
उपरोक्त लोगों ने बताया कि इन प्रतिबंधों का उद्देश्य अनुचित व्यापार प्रथाओं का जवाब देना, ‘आत्मनिर्भर भारत’ को बढ़ावा देना और भारत की घरेलू जूट अर्थव्यवस्था से जुड़ी ग्रामीण आजीविका की रक्षा करना है।
भाषा अनुराग