‘आगमन पर वीजा’ कार्यक्रम का विस्तार स्थायी साझेदारी का प्रतिबिंब : यूएई के राजदूत अलशाली
वैभव मनीषा
- 30 Jun 2025, 01:10 PM
- Updated: 01:10 PM
नयी दिल्ली, 30 जून (भाषा) संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के राजदूत अब्दुलनासिर अलशाली ने कहा कि भारतीय नागरिकों के लिए यूएई के ‘आगमन पर वीजा’ कार्यक्रम का विस्तार भारत के साथ इसकी स्थायी साझेदारी का प्रतिबिंब है।
नयी दिल्ली में यूएई के मिशन ने भारतीय नागरिकों के लिए विस्तारित ‘आगमन पर वीजा’ नीति के महत्व को रेखांकित किया है और इसे द्विपक्षीय संबंधों तथा लोगों के जुड़ाव को आगे बढ़ाने में मील का एक महत्वपूर्ण पत्थर बताया है।
भारत यूएई की पर्यटन सफलता का आधार बन गया है। एक अनुमान के अनुसार 2023 में लगभग 45 लाख भारतीयों ने इस देश की यात्रा की।
ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, जापान, न्यूजीलैंड, कोरिया गणराज्य और सिंगापुर से वैध निवास परमिट वाले भारतीय पासपोर्ट धारक यूएई के सभी प्रवेश बिंदुओं पर ‘आगमन पर वीजा’ प्राप्त करने के पात्र हैं।
दूतावास के अनुसार, 13 फरवरी से लागू की गई विस्तारित पात्रता भारत और यूएई के बीच यात्रा को व्यापक और सरल बनाने में एक महत्वपूर्ण कदम है।
यहां जारी एक बयान में, राजदूत अलशाली ने कहा, ‘‘भारतीय नागरिकों के लिए यूएई के ‘आगमन पर वीजा’ कार्यक्रम का विस्तार भारत के साथ हमारी स्थायी साझेदारी का प्रतिबिंब है। यह एक व्यावहारिक कदम है जो परिवारों के लिए फिर से जुड़ना, पेशेवरों के लिए सहयोग करना और सीमाओं के पार व्यवसायों को बढ़ाना आसान बना देगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘दो गतिशील और दूरदर्शी राष्ट्रों के रूप में, हम अपने लोगों और अर्थव्यवस्थाओं के बीच और भी मजबूत पुल बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’’
भारत-यूएई सीईपीए परिषद की एक हालिया रिपोर्ट में कहा गया है कि कनेक्टिविटी बढ़ाने, वीजा प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने और निवेश को बढ़ावा देने के समन्वित प्रयास यह सुनिश्चित करेंगे कि पर्यटन दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों में वृद्धि का एक प्रमुख क्षेत्र बना रहे।
पिछले कुछ वर्षों में भारत-यूएई द्विपक्षीय संबंध बढ़ रहे हैं। अगस्त 2015 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की यूएई की ऐतिहासिक यात्रा के बाद, दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को व्यापक रणनीतिक साझेदारी तक बढ़ाया गया।
साल 2022 में दोनों पक्षों द्वारा एक व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद द्विपक्षीय व्यापार और निवेश संबंधों में बड़ा विस्तार हुआ।
यूएई दूतावास ने बयान में कहा कि यूएई और भारत जैसे गहरे आर्थिक, सांस्कृतिक और रणनीतिक संबंधों वाले देशों के लिए गतिशीलता न केवल जरूरी है, बल्कि आपसी विश्वास का प्रतीक भी है।
इसमें कहा गया है, ‘‘प्रवेश में बाधाओं को दूर करके और सीमा पार आवागमन को आसान बनाकर, आगमन पर वीजा पहल नागरिकों, निवेशकों, छात्रों और पेशेवरों के बीच अधिक गतिशील संबंधों को बढ़ावा देती है, जिससे हर स्तर पर द्विपक्षीय साझेदारी मजबूत होती है।’’
भाषा वैभव