दिल्ली सिंचाई विभाग में 4.6 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में अभियंता एवं ठेकेदार गिरफ्तार
राजकुमार आशीष
- 30 Jun 2025, 03:27 PM
- Updated: 03:27 PM
नयी दिल्ली, 30 जून (भाषा) दिल्ली सरकार की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) ने सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण (आईएंडएफसी) विभाग में 4.6 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी के आरोप में एक निलंबित कार्यकारी अभियंता और एक निजी ठेकेदार को गिरफ्तार किया है। एक अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी।
दोनों आरोपियों ने धोखाधड़ी करते हुए कथित तौर पर ऐसे निर्माण कार्यों के लिए 4.6 करोड़ रुपये से अधिक के भुगतान करवाये जो कभी हुए ही नहीं। ये अनियमितताएं उत्तरी दिल्ली के सिरसपुर गांव में जल निकासी और सड़क परियोजनाओं से संबंधित हैं। इन जल निकासी एवं सड़क परियोजनाओं का काम केवल कागजों पर हुआ।
अधिकारी ने कहा, ‘‘गिरफ्तार किये गये लोगों में आईएंडएफसी विभाग के एक निलंबित कार्यकारी अभियंता और एक निजी ठेकेदार शामिल हैं। उनकी गिरफ्तारी फर्जी परियोजनाओं और प्रक्रियागत उल्लंघनों से सरकारी धनराशि के गबन की विस्तृत जांच के बाद की गयी।’’
यह मामला एक आंतरिक जांच के दौरान सामने आया। जांच के दौरान पता चला कि कार्यों के मौके पर सत्यापन किये बिना कुछ ठेकेदारों को भुगतान कर दिया गया। निष्कर्षों के बाद कदम उठाते हुए एसीबी ने व्यापक जांच शुरू की।
प्रारंभिक जांच में पता चला कि सिरसपुर गांव में सीमेंट कंक्रीट वाली नालियों और सड़कों के निर्माण के लिए 4.6 करोड़ रुपये से अधिक की सार्वजनिक धनराशि जारी की गई थी। हालांकि, जमीनी निरीक्षण और तकनीकी सत्यापन में प्रस्तावित निर्माण कार्यों का कोई नामो-निशान नहीं मिला।
जांच में पता चला कि ठेकेदार द्वारा 2.24 करोड़ रुपये की फर्जी प्रदर्शन बैंक गारंटी प्रस्तुत की गई थी और विभाग द्वारा बिना उचित जांच के उसे स्वीकार कर लिया गया था।
एसीबी अधिकारी ने कहा, ‘‘फर्जी प्रदर्शन गारंटी स्वीकार करना खरीद मानदंडों का गंभीर उल्लंघन है। यह संबंधित अधिकारियों की मिलीभगत और घोर लापरवाही का स्पष्ट संकेत है।’’
जांच में केंद्रीय लोक निर्माण विभाग की कार्य नियमावली, सामान्य वित्तीय नियम-2005 और केंद्रीय सतर्कता आयोग द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशों का भी कई बार उल्लंघन पाया गया।
दोनों आरोपियों को हिरासत में ले लिया गया और उन पर भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम और पूर्ववर्ती भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया।
भाषा राजकुमार