अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी अब केवल अनुसंधान तक सीमित नहीं, संचार और शिक्षा में प्रमुख भूमिका : धामी
शोभना नरेश
- 30 Jun 2025, 11:48 PM
- Updated: 11:48 PM
देहरादून, 30 जून (भाषा) उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को कहा कि अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी अब केवल अनुसंधान तक सीमित नहीं रह गई है बल्कि यह संचार, कृषि, मौसम पूर्वानुमान, आपदा प्रबंधन, शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
धामी ने यह बात ‘अंतरिक्ष सम्मेलन 2025’ में कही जिसका विषय 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने में हिमालयी राज्यों की भूमिका पर केंद्रित था।
उन्होंने भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला द्वारा अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर राष्ट्रीय ध्वज फहराए जाने को राष्ट्रीय गौरव की बात बताया।
धामी ने कहा कि शुक्ला का योगदान गगनयान सहित भविष्य के अंतरिक्ष मिशनों के लिए एक ठोस आधार तैयार करेगा।
मुख्यमंत्री ने चंपावत को एक आदर्श जिला बनाने के लिए इसरो और यूसीओएसटी द्वारा विकसित एक ‘डैशबोर्ड’ का भी उद्घाटन किया और इसरो के एक प्रकाशन का भी अनावरण किया।
उन्होंने विज्ञान और तकनीकी नवाचार को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार की मजबूत प्रतिबद्धता का जिक्र किया और कहा कि विज्ञान शहर, नवाचार केंद्र और एआई, रोबोटिक्स और ड्रोन जैसे क्षेत्रों में अत्याधुनिक प्रयोगशालाओं की स्थापना में महत्वपूर्ण प्रगति हो रही है।
इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि इसरो के अध्यक्ष वी. नारायणन थे। उन्होंने अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत की ओर से पिछले कुछ वर्षों में की गई प्रगति पर प्रकाश डाला।
उन्होंने कहा, ‘‘ भारत ने अपना पहला रॉकेट 1963 में प्रक्षेपित किया था। तब से भारत ने 100 से अधिक रॉकेट प्रक्षेपित किए हैं। 1975 तक भारत के पास अपना कोई उपग्रह नहीं था, लेकिन आज उसके पास 131 उपग्रह हैं। उपग्रह टीवी प्रसारण और संचार जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।’’
नारायणन ने कहा कि इसरो वर्तमान में मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम पर और 75,000 किलोग्राम तक के पेलोड को पृथ्वी की निचली कक्षा में प्रक्षेपित करने में सक्षम रॉकेट बनाने की दिशा में काम कर रहा है, जिसके लगभग 27 दिनों में पूरा होने की उम्मीद है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत नयी उपलब्धियां हासिल कर रहा है और निश्चित रूप से 2047 तक विकसित भारत बन जाएगा।
भाषा शोभना