सऊदी अरब में मृत्युदंड रिकॉर्ड स्तर पर, अधिकतर मादक पदार्थों से संबंधित मामले: एमनेस्टी
एपी आशीष नरेश
- 07 Jul 2025, 05:07 PM
- Updated: 05:07 PM
दुबई, सात जुलाई (एपी) एमनेस्टी इंटरनेशनल ने सोमवार को कहा कि सऊदी अरब में पिछले साल मृत्युदंड के मामलों में रिकॉर्ड वृद्धि हुई है। इनमें से अधिकतर मामले मादक पदार्थों से संबंधित हैं।
सऊदी अरब में पिछले साल 345 लोगों को मौत की सज़ा दी गई। एमनेस्टी के अनुसार तीन दशकों से ज़्यादा समय में यह सबसे बड़ी संख्या है। समूह ने कहा कि इस साल के पहले छह महीनों में ही 180 लोगों को मौत की सज़ा दी गई, जिससे संकेत मिलता है कि यह रिकॉर्ड फिर से टूट सकता है।
कार्यकर्ता समूह रिप्रीव ने बताया कि इस साल जिन लोगों को फांसी दी गई, उनमें से करीब दो तिहाई को मादक पदार्थ से जुड़े मामलों में दोषी ठहराया गया। एमनेस्टी ने भी मादक पदार्थ के मामलों में फांसी दिए जाने के बारे में इसी तरह की चिंता जताई है।
सऊदी अरब ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है कि देश में मौत की सजा में क्यों बढ़ोतरी हो रही है। सऊदी अधिकारियों ने फांसी की सज़ा और मादक पदार्थ के मामलों में मृत्युदंड का इस्तेमाल क्यों किया जा रहा है, इस बारे में ‘एसोसिएटेड प्रेस’ के विस्तृत सवालों का जवाब नहीं दिया।
हालांकि, यह सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की टिप्पणियों के विपरीत है, जिन्होंने 2022 में इस बात को रेखांकित किया था कि उन्होंने इसका इस्तेमाल केवल हत्या के मामलों तक सीमित कर दिया है।
सऊदी अरब मध्य पूर्व के उन देशों में से एक है, जहां मादक पदार्थ से संबंधित आरोपों पर मौत की सज़ा दी जा सकती है। इनमें ईरान, कुवैत और संयुक्त अरब अमीरात भी शामिल हैं। मृत्युदंड के मामले में चीन और ईरान के बाद सऊदी का स्थान है।
एमनेस्टी ने 25 विदेशी नागरिकों के मामलों का दस्तावेजीकरण किया है जो वर्तमान में मृत्युदंड का सामना कर रहे हैं, या जिन्हें हाल में मादक पदार्थ से संबंधित अपराधों के लिए फांसी दी गई थी।
एमनेस्टी ने कहा कि उन मामलों में मृत्युदंड की सजा पर कैदियों को न तो कानूनी प्रणाली की जानकारी थी और न ही उनके अधिकारों की, और उनके पास कोई कानूनी प्रतिनिधित्व नहीं था।
एमनेस्टी ने कहा कि निष्पक्ष सुनवाई सुनिश्चित करने की कोशिश करते समय विदेशी नागरिकों को अतिरिक्त चुनौतियों का सामना करना पड़ा। रिप्रीव के अनुसार, इस साल देश में जिन लोगों को फांसी दी गई, उनमें से आधे से ज़्यादा विदेशी नागरिक थे।
ऐसे ही मामले में, मिस्र के एसाम अहमद, 2021 में सिनाई में मछली पकड़ने वाली नौका पर काम करते समय गायब हो गए थे। एक महीने बाद, अहमद के परिवार को खबर मिली कि उन्हें सऊदी अरब में हिरासत में लिया गया है और मादक पदार्थों की तस्करी के लिए मौत की सजा सुनाई गई है। अहमद का दावा है कि नौका के मालिक ने उन्हें बंदूक के बल पर उनके लिए एक पैकेज ले जाने को मजबूर किया था।
एपी आशीष