त्रिपुरा: भाजपा की सहयोगी टीएमपी के विधायक ने मुख्यमंत्री से टाउन हॉल का नाम बदलने का फैसला वापस लेने का आग्रह किया
यासिर सुरेश
- 07 Jul 2025, 07:00 PM
- Updated: 07:00 PM
अगरतला, सात जुलाई (भाषा) टिपरा मोथा पार्टी (टीएमपी) के विधायक रंजीत देबबर्मा ने सोमवार को त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा से अगरतला के टाउन हॉल का नाम बदलकर भारतीय जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नाम पर रखने की घोषणा वापस लेने का आग्रह किया।
दशकों पुराने इस अवसंरचना के नाम बदलने के प्रस्ताव पर दो विपक्षी दलों- मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और कांग्रेस- की कड़ी आपत्ति के बाद यह घटनाक्रम सामने आया है।
देबबर्मा ने इस पूर्वोत्तर राज्य में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)-नीत गठबंधन की सहयोगी टीएमपी द्वारा आयोजित घुसपैठ-विरोधी रैली को संबोधित करते हुए आरोप लगाया कि विभिन्न राजनीतिक दल लंबे समय से माणिक्य वंश की विरासत मिटाने की होड़ में लगे हुए हैं।
देबबर्मा ने कहा, ‘‘कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार ने विक्टोरिया मेमोरियल (वीएम) अस्पताल का नाम बदलकर इंदिरा गांधी मेमोरियल (आईजीएम) अस्पताल कर दिया था। रियासत के शासन के दौरान सुकांता अकादमी कभी दरबार हॉल हुआ करती थी। वामपंथियों ने ‘अस्तबल मैदान’ का नाम बदलकर स्वामी विवेकानंद ग्राउंड कर दिया। हम शाही परिवार की विरासत और यादों को मिटाने के प्रयासों को बर्दाश्त नहीं करेंगे।’’
विद्रोह का रास्ता छोड़कर नेता बने देब ने हालांकि अगरतला हवाई अड्डे का नाम महाराजा बीर बिक्रम के नाम पर रखने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब को धन्यवाद दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं मुख्यमंत्री से अनुरोध करता हूं कि टाउन हॉल का नाम बदलकर श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नाम पर रखने की घोषणा को वापस लिया जाए। उनके नाम पर एक नया भवन बनाया जाए, ताकि उन्हें सही मायनों में सम्मान दिया जा सके।’’
माकपा विधायक और विपक्ष के नेता जितेंद्र चौधरी ने भी नाम बदले जाने की घोषणा पर असहमति जताई।
चौधरी ने कहा, ‘‘मैं टाउन हॉल का नाम बदलकर मुखर्जी के नाम पर रखने की मुख्यमंत्री की घोषणा का कड़े रूप से विरोध करता हूं। यह संरचना चार दशक पहले बनी थी। मैं किसी भी नए ऑडिटोरियम, स्कूल या अस्पताल का नाम उनके नेता के नाम पर रखने के खिलाफ नहीं हूं। मैं सरकार से शहर में एक नया ऑडिटोरियम बनाने और उसका नाम मुखर्जी के नाम पर रखने का आग्रह करता हूं।’’
इसी तरह कांग्रेस की त्रिपुरा इकाई के अध्यक्ष आशीष कुमार साहा ने कहा, ‘‘हम टाउन हॉल का नाम बदलकर मुखर्जी के नाम पर रखने की सरकार की योजना का विरोध करते हैं...।’’
बाद में अपने संबोधन में देबबर्मा ने घुसपैठियों की पहचान करने और उन्हें निर्वासित करने के संबंध में गृह मंत्रालय के निर्देशों के कार्यान्वयन की मांग की।
उन्होंने कहा, ‘‘दिल्ली, तमिलनाडु, महाराष्ट्र और असम जैसे कई राज्यों ने घुसपैठियों का पता लगाने और उन्हें निर्वासित करने के लिए गृह मंत्रालय के निर्देशों का पालन किया है, लेकिन त्रिपुरा में अभी तक ऐसा नहीं किया गया है। मैं मुख्यमंत्री से निर्देशों को लागू करने का अनुरोध करता हूं।’’
भाषा यासिर