छत्तीसगढ़ को डीएमएफ संबंधी कार्यों के लिए भारत सरकार के खान मंत्रालय ने किया सम्मानित
अनुराग
- 09 Jul 2025, 10:17 PM
- Updated: 10:17 PM
रायपुर, नौ जुलाई (भाषा) छत्तीसगढ़ राज्य को जिला खनिज संस्थान न्यास (डीएमएफ) संबंधी उत्कृष्ट कार्यों के लिए केंद्रीय खान मंत्रालय ने सम्मानित किया है। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि खान मंत्रालय ने छत्तीसगढ़ राज्य को डीएमएफ के अंतर्गत उल्लेखनीय कार्यों के लिए राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया है।
बुधवार को नयी दिल्ली स्थित ‘स्कोप कन्वेंशन सेंटर’ में आयोजित ‘राष्ट्रीय डीएमएफ कार्यशाला’ के दौरान केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री जी किशन रेड्डी ने मुख्यमंत्री के सचिव और खनिज विभाग के सचिव पी दयानंद को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।
उन्होंने बताया कि खान मंत्रालय द्वारा प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना द्वारा नेशनल डीएमएफ पोर्टल में सभी राज्यों के डीएमएफ से संबंधित आंकड़ों का संधारण किया जा रहा है। डीएमएफ की ऑडिट रिपोर्ट का राज्य डीएमएफ पोर्टल और नेशनल डीएमएफ पोर्टल में 90 प्रतिशत आंकड़ा अपलोड किए जाने पर छत्तीसगढ़ राज्य को प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया।
अधिकारियों ने बताया कि इस दौरान कार्यशाला में छत्तीसगढ़ के प्रयासों को मॉडल राज्य के रूप में प्रस्तुत किया गया और अन्य राज्यों को भी आंकड़ा अपलोडिंग, पारदर्शिता और जमीनी क्रियान्वयन के अनुकरण की सलाह दी गई।
उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय डीएमएफ कार्यशाला का आयोजन प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना और डीएमएफ की प्रभावशीलता को बढ़ाने तथा खनन क्षेत्रों में पर्यावरण अनुकूल एवं समावेशी विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किया गया था।
कार्यक्रम में देश के विभिन्न राज्यों से सचिव, संचालक और खनन प्रभावित जिलों के कलेक्टर (जिलाधिकारी) शामिल हुए।
अधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा डीएमएफ के माध्यम से खनन प्रभावित क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, अधोसंरचना और आजीविका जैसे विविध क्षेत्रों में समावेशी विकास के लिए निरंतर कार्य किए जा रहे हैं। राज्य में अब तक 16,506 करोड़ रुपये की लागत से 1,01,313 विकास कार्यों की स्वीकृति दी जा चुकी है, जिनमें से 70,318 कार्य सफलतापूर्वक पूर्ण किए जा चुके हैं।
उन्होंने बताया कि राज्य शासन द्वारा डीएमएफ के क्रियान्वयन में पारदर्शी और जनहितकारी दृष्टिकोण को अपनाते हुए, प्रत्येक जिले में स्थानीय जरूरतों के अनुरूप कार्यों की योजना और निगरानी सुनिश्चित की जा रही है। यह नीति न केवल भौतिक विकास बल्कि सामाजिक सशक्तिकरण को भी लक्ष्य में रखती है।
भाषा संजीव राजकुमार