भारत और अफ्रीका को ताकत के बजाय संवाद, साझेदारी से भविष्य को आकार देना होगा: मोदी
शफीक धीरज
- 09 Jul 2025, 10:29 PM
- Updated: 10:29 PM
(तस्वीरों के साथ)
विंडहोक, नौ जुलाई (भाषा) भारत द्वारा वैश्विक मामलों में अफ्रीका की भूमिका को महत्व देने का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कहा कि दोनों पक्षों को एक ऐसे भविष्य का निर्माण करने के लिए मिलकर काम करना चाहिए जो शक्ति और वर्चस्व से नहीं, बल्कि साझेदारी एवं संवाद के जरिये हो।
नामीबिया की संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अफ्रीका को केवल कच्चे माल का स्रोत नहीं बनना चाहिए बल्कि इसे मूल्य संवर्धन और सतत विकास में अग्रणी होना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘हमें मिलकर काम करना होगा। आइए हम एक ऐसा भविष्य बनाएं जो शक्ति से नहीं बल्कि साझेदारी से, वर्चस्व से नहीं बल्कि संवाद से, बहिष्कार से नहीं बल्कि समता से परिभाषित हो।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में अफ्रीका के साथ अपने सहयोग का विस्तार करने के लिए तत्पर है।
उन्होंने कहा, ‘‘अफ्रीका में हमारी विकास साझेदारी 12 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक की है। लेकिन इसका वास्तविक मूल्य, साझा विकास और साझा उद्देश्य में निहित है। हम स्थानीय स्तर पर कौशल निर्माण, रोजगार सृजन और नवाचारों का समर्थन जारी रखेंगे।’’
अपने संबोधन में मोदी ने भारत और नामीबिया के बीच मजबूत ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, ‘‘भारत नामीबिया के साथ अपने ऐतिहासिक संबंधों को बहुत महत्व देता है।’’
उन्होंने कहा कि भारत और नामीबिया के बीच सहयोग, संरक्षण और करुणा की एक सशक्त कहानी है।
प्रधानमंत्री मोदी ने भारत में चीता को बसाने के कार्यक्रम और नामीबिया को रेडियोथेरेपी मशीन उपलब्ध कराने का जिक्र किया।
मोदी ने कहा, ‘‘हम नामीबिया के वैज्ञानिकों, चिकित्सकों और नेताओं की अगली पीढ़ी का समर्थन करने के लिए उत्साहित हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमारा द्विपक्षीय व्यापार 80 करोड़ डॉलर को पार कर गया है, लेकिन क्रिकेट के मैदान की तरह, हम अभी तैयारी कर रहे हैं। हम तेजी से और ज्यादा रन बनाएंगे।’’
मोदी ने पहली महिला राष्ट्रपति चुनने के लिए नामीबिया को बधाई दी और नागरिकों को सशक्त बनाने के लिए उसके संविधान की प्रशंसा की।
मोदी ने कहा, ‘‘हमारा संविधान समानता, स्वतंत्रता और न्याय को कायम रखने के लिए मार्गदर्शन करता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह भारत के संविधान की ही शक्ति है कि एक गरीब आदिवासी परिवार की बेटी आज भारत की राष्ट्रपति हैं। इसी संविधान ने मुझ जैसे व्यक्ति को प्रधानमंत्री बनने का मौका दिया।’’
भाषा शफीक