महाराष्ट्र : प्राडा के तकनीकी विशेषज्ञ कोल्हापुर आए, चप्पल बनाने वाले कारीगरों से बातचीत की
वैभव मनीषा
- 16 Jul 2025, 01:40 PM
- Updated: 01:40 PM
पुणे, 16 जुलाई (भाषा) इतालवी फैशन ब्रांड प्राडा के विशेषज्ञों ने कोल्हापुर का दौरा किया और स्थानीय कारीगरों से बातचीत कर कोल्हापुरी चप्पल के निर्माण की प्रक्रिया के बारे में जाना।
कुछ दिन पहले ही प्राडा पर प्रसिद्ध कोल्हापुरी चप्पल के अनधिकृत इस्तेमाल का आरोप लगा था।
यह विवाद उठने के बाद प्राडा ने स्वीकार किया कि उनके 2026 के पुरुषों के फैशन शो में प्रदर्शित सैंडल परंपरागत भारतीय कोल्हापुरी चप्पलों से प्रेरित थे।
हालांकि कंपनी ने महाराष्ट्र चैंबर ऑफ कॉमर्स को दिए एक जवाब में स्पष्ट किया कि प्रदर्शित सैंडल अब भी डिजाइन के स्तर पर हैं और वाणिज्यिक उत्पादन के लिए उनकी पुष्टि नहीं हुई है।
महाराष्ट्र चैंबर ऑफ कॉमर्स, इंडस्ट्री एंड एग्रीकल्चर के अध्यक्ष ललित गांधी ने कहा, ‘‘प्राडा के फुटवियर डिजाइन प्रमुखों और दो बाहरी सलाहकारों सहित उनकी तकनीकी टीम के चार सदस्यों ने मंगलवार को कोल्हापुर का दौरा किया। उन्होंने कोल्हापुरी चप्पल निर्माण क्लस्टर का दौरा किया, उत्पादन प्रक्रिया का अवलोकन किया और स्थानीय कारीगरों के साथ चर्चा की।’’
गांधी ने चप्पल के उत्पादन में प्रयुक्त होने वाली कारीगरी का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘हमारी चप्पलें हाथों से बनाई जाती हैं और इनकी जड़ें परंपराओं से जुड़ी हैं। टीम अब अपने कॉर्पोरेट कार्यालय को रिपोर्ट सौंपेगी और उसके आधार पर प्राडा के वरिष्ठ अधिकारी अगले चरण में कोल्हापुर का दौरा कर सकते हैं।’’
किसी तरह की साझेदारी की संभावना के सवाल पर गांधी ने कहा कि विशेषज्ञ दल का दौरा अपने आप में सकारात्मक संकेत है।
उन्होंने कहा, ‘‘प्राडा द्वारा कोल्हापुर तक एक तकनीकी टीम भेजना उनकी ओर से गंभीर रुचि दर्शाता है। यह शायद पहली बार है जब प्राडा का कोई प्रतिनिधिमंडल महाराष्ट्र आया है।’’
उन्होंने बताया कि प्राडा ने कोल्हापुरी चप्पलों से प्रेरित होकर एक उत्पाद बनाया है। गांधी ने कहा, ‘‘जब हमने रनवे पर इस डिजाइन को देखा, तो हमने आपत्ति जताई और उनसे इसकी उत्पत्ति बताने को कहा। उन्होंने हमें ईमेल के जरिए जवाब दिया और स्वीकार किया कि उनकी थीम कोल्हापुरी चप्पलों से प्रेरित थी।’’
मंगलवार को दौरा करने वाली टीम कोल्हापुर के खुदरा बाजार भी गयी और दुकानदारों से बातचीत की।
भाषा वैभव