लोधी कालीन ‘शेख अली की गुमटी’ को संरक्षित स्मारक घोषित करें: न्यायालय ने दिल्ली सरकार से कहा
देवेंद्र रंजन
- 16 Jul 2025, 06:13 PM
- Updated: 06:13 PM
नयी दिल्ली, 16 जुलाई (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली सरकार को बुधवार को निर्देश दिया कि वह लोधी कालीन स्मारक ‘‘शेख अली की गुमटी’’ को कानून के तहत संरक्षित स्मारक घोषित करने के लिए नयी अधिसूचना जारी करे।
स्मारक पर विवाद तब सुर्खियों में आया जब उच्चतम न्यायालय ने डिफेंस कॉलोनी निवासी कल्याण संघ को अपनी संरचना को खाली करने और 1960 के दशक से ऐतिहासिक स्थल पर कब्जे के लिए मुआवजे के रूप में दिल्ली सरकार के पुरातत्व विभाग को 40 लाख रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया।
न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ डिफेंस कॉलोनी निवासी राजीव सूरी द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिन्होंने गुमटी को प्राचीन स्मारक और पुरातात्विक स्थल एवं अवशेष अधिनियम, 1958 (एएमएएसआर अधिनियम) के तहत संरक्षित स्मारक घोषित करने का अनुरोध किया है।
दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा 2019 में उनकी याचिका खारिज किए जाने के बाद उच्चतम न्यायालय में यह याचिका दायर की गई थी।
उच्चतम न्यायालय नियमित रूप से अतिक्रमण, अवैध कब्जे हटाने और स्मारक तथा उसके आसपास के क्षेत्र के सौंदर्यीकरण को सुनिश्चित करने के लिए निर्देश पारित करता रहा है।
पीठ ने बुधवार को दिल्ली सरकार की अधिसूचना की समीक्षा की।
अदालत ने कहा, ‘‘दिल्ली सरकार द्वारा अधिसूचना (कानून के तहत स्मारक को संरक्षित घोषित करने के लिए) फिर से जारी की जाए।’’
इसने अधिकारियों को स्मारक क्षेत्र के अंदर अवैध संरचनाओं को ध्वस्त करने का निर्देश दिया।
पीठ ने न्यायालय आयुक्त को क्षेत्र का निरीक्षण करने तथा जारी निर्देशों के अनुसरण में किए गए कार्यों से पीठ को अवगत कराने को कहा।
इसने पुरातत्व विभाग समेत प्राधिकारियों से स्मारक और उसके आसपास के क्षेत्रों के सौंदर्यीकरण और संरक्षण के लिए योजना बनाने और उसे क्रियान्वित करने को कहा।
इससे पहले पीठ ने दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) और अन्य को ‘‘शेख अली की गुमटी’’ के आसपास के सभी अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया था।
अदालत ने एमसीडी और डीजेबी को अपने कार्यालय स्थान खाली करने और भूमि एवं विकास कार्यालय को सौंपने का भी आदेश दिया।
इसके बाद पीठ ने स्मारक के निकट कार्यालय संचालित करने के लिए एमसीडी को फटकार लगाई और उसे पूरी तरह से क्षेत्र खाली करने के लिए 48 घंटे का समय दिया।
भाषा
देवेंद्र