कर्नल हमला मामला: पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने जांच सीबीआई को सौंपी
राजकुमार प्रशांत
- 16 Jul 2025, 07:33 PM
- Updated: 07:33 PM
चंडीगढ़, 16 जुलाई (भाषा) पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने पार्किंग विवाद को लेकर पंजाब के पुलिस कर्मियों की ओर से एक कर्नल पर कथित तौर पर हमला किये जाने के मामले की जांच बुधवार को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपी।
यह कथित घटना 13 मार्च की देर रात पटियाला में तब हुई जब कर्नल पुष्पिंदर सिंह बाथ और उनका बेटा सड़क किनारे एक ढाबे पर खाना खा रहे थे।
दो दिन पहले उच्च न्यायालय ने मामले की जांच को लेकर चंडीगढ़ पुलिस को फटकार लगायी थी।
याचिकाकर्ता बाथ के वकील दीपिंदर सिंह विर्क ने बताया कि उनके मुवक्किल ने अपनी नयी याचिका में मामले की स्वतंत्र जांच, अधिमानत: सीबीआई से. कराने का अनुरोध किया है।
उन्होंने बताया कि बुधवार को सुनवाई के बाद न्यायमूर्ति राजेश भारद्वाज की अदालत ने मामला सीबीआई को हस्तांरित कर दिया।
उच्च न्यायालय ने तीन अप्रैल को मारपीट के इस मामले की जांच चंडीगढ़ पुलिस को सौंपी थी और उसे चार महीने के भीतर जांच पूरी करने का निर्देश दिया था।
याचिकाकर्ता ने दलील दी कि चंडीगढ़ पुलिस मामले में स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच करने में ‘‘विफल’’ रही है।
यह जांच चंडीगढ़ के पुलिस अधीक्षक मंजीत श्योराण के नेतृत्व में एक विशेष जांच दल कर रहा था।
याचिका में कहा गया है, ‘‘इस मामले की जांच तीन अप्रैल 2025 को चंडीगढ़ पुलिस को सौंपी गयी थी, लेकिन यह अत्यंत निराशा के साथ कहना पड़ रहा है कि प्राथमिकी दर्ज होने के साढ़े तीन महीने से ज़्यादा और चंडीगढ़ पुलिस को जांच सौंपे जाने के तीन महीने बीत जाने के बावजूद, अब तक न तो एक भी आरोपी को गिरफ्तार किया गया है और न ही किसी आरोपी को जांच से संबद्ध किया गया है।’’
बाथ की पत्नी जसविंदर कौर बाथ ने कहा कि वह सीबीआई को जांच सौंपने के अदालत के निर्देश से खुश हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं 120 दिनों से न्याय के लिए लड़ रही हूं। मैं थक चुकी हूं, लेकिन जब तक उन्हें (आरोपी पंजाब पुलिसकर्मियों को) सजा नहीं मिल जाती, मैं हार नहीं मानूंगी।’’
याचिकाकर्ता ने मामले की निष्पक्ष जांच करने में "संकोच और अनिच्छा" का आरोप लगाया।
याचिकाकर्ता ने बताया कि जब एक आरोपी रोनी सिंह की जमानत याचिका सुनवाई के लिए आई, तो अदालत ने चंडीगढ़ पुलिस के जांच अधिकारी से पूछा कि अगर उसकी अग्रिम (जमानत) याचिका खारिज कर दी जाती है, तो क्या वह उसे गिरफ्तार करेंगे।
याचिका में कहा गया है, ‘‘इसका जवाब हां में था, लेकिन चिंताजनक और निराशाजनक बात यह है कि आज तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है।’’
कर्नल बाथ ने पार्किंग विवाद को लेकर पंजाब पुलिस के 12 कर्मियों पर उन पर और उनके बेटे पर हमला करने का आरोप लगाया था तथा इस मामले की जांच किसी स्वतंत्र एजेंसी, विशेषकर सीबीआई को, सौंपने का अनुरोध किया था।
उन्होंने आरोप लगाया कि पंजाब पुलिस के चार निरीक्षक स्तरीय अधिकारियों और उनके हथियारबंद अधीनस्थों ने बिना किसी उकसावे के उन पर और उनके बेटे पर हमला किया, उनका पहचान पत्र और मोबाइल फोन छीन लिया और उन्हें ‘‘फर्जी मुठभेड़’’ की धमकी दी तथा यह सब सार्वजनिक रूप से किया गया एवं उस स्थान पर हुआ जहां सीसीटीवी कैमरे लगे थे।
चंडीगढ़ पुलिस को जांच सौंपे जाने से पहले बाथ ने आरोप लगाया था कि पंजाब पुलिस के अधीन निष्पक्ष जांच संभव नहीं है।
भाषा राजकुमार