खरगे, राहुल ने जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए विधेयक लाने की मांग की
हक हक देवेंद्र
- 16 Jul 2025, 07:41 PM
- Updated: 07:41 PM
नयी दिल्ली, 16 जुलाई (भाषा) राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर आग्रह किया कि 21 जुलाई से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र में एक विधेयक लाकर जम्मू-कश्मीर का पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल किया जाए।
उन्होंने यह मांग भी उठाई कि सरकार केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची के तहत शामिल करने के लिए भी विधेयक लाए।
संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई से शुरू होकर 21 अगस्त तक चलेगा।
केंद्र सरकार ने पांच अगस्त, 2019 को संसद में विधेयक लाकर जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी बना दिया था तथा प्रदेश को विभाजित करके दो केंद्रशासित प्रदेशों-जम्मू-कश्मीर (विधानसभा सहित) और लद्दाख बनाए गए थे।
प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कांग्रेस अध्यक्ष खरगे और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा, "पिछले पांच वर्षों से, जम्मू-कश्मीर के लोग लगातार पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग कर रहे हैं। यह मांग वैध भी है और उनके संवैधानिक और लोकतांत्रिक अधिकारों पर आधारित है।"
उन्होंने कहा कि अतीत में केंद्र शासित प्रदेशों को राज्य का दर्जा दिए जाने के उदाहरण रहे हैं, लेकिन जम्मू-कश्मीर का मामला ऐसा है कि स्वतंत्र भारत में जिसकी कोई मिसाल नहीं है।
उन्होंने इस बात का उल्लेख किया कि यह पहली बार है कि विभाजन के बाद किसी पूर्ण राज्य को केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया है।
कांग्रेस के दोनों शीर्ष नेताओं ने कहा, ‘‘कई मौकों पर, आपने व्यक्तिगत रूप से राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई है।’’
खरगे और राहुल गांधी ने कहा कि केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 के मामले में उच्चतम न्यायालय के समक्ष इसी तरह का आश्वासन दिया है, जिसमें कहा गया है कि राज्य का दर्जा ‘‘जितनी जल्दी हो सके’’ बहाल किया जाएगा।
उन्होंने कहा, ‘‘हम सरकार से केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने के लिए संसद के आगामी मानसून सत्र में एक कानून लाने का आग्रह करते हैं।’’
कांग्रेस नेताओं ने यह भी कहा, ‘‘इसके अतिरिक्त, हम अनुरोध करते हैं कि सरकार केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची के तहत शामिल करने के लिए कानून लाया जाये। यह लद्दाख के लोगों के अधिकारों, भूमि और पहचान की रक्षा करते हुए उनकी सांस्कृतिक, विकासात्मक और राजनीतिक आकांक्षाओं को संबोधित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।’’
इस पत्र से एक दिन पहले ही कांग्रेस ने अपने संसदीय रणनीतिक समूह की बैठक में फैसला किया था कि वह इस सत्र में पहलगाम आतंकवादी हमले और बिहार में विशेष पुनरीक्षण जैसे मुद्दों के साथ ही जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग भी प्रमुखता से उठाएगी।
जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक दलों ने खरगे और राहुल गांधी के इस पत्र का स्वागत किया।
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कांग्रेस के दोनों शीर्ष नेताओं की पहल का स्वागत करते हुए कहा, ‘‘हम ऐसी कोई मांग नहीं कर रहे हैं जिसका हमसे वादा नहीं किया गया था।’’
उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा ‘‘जितनी जल्दी हो सके’’ बहाल करने का केंद्र को उच्चतम न्यायालय का निर्देश बहुत पहले से चला आ रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘यह बहुत अच्छी बात है, हम इस दिन का इंतजार कर रहे थे जब विपक्ष संसद और दिल्ली में हमारी आवाज उठाएगा। मैं खरगे और राहुल का आभारी हूं कि उन्होंने केंद्र के समक्ष राज्य का मुद्दा उठाया है।’’
सत्तारूढ़ नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के प्रवक्ता इमरान नबी डार ने कहा, ‘‘हम इसका स्वागत करते हैं और इस पहल के लिए कांग्रेस नेतृत्व को धन्यवाद देते हैं।’’
उन्होंने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश को राज्य का दर्जा बहाल करने में और देरी करने का कोई कारण नहीं है।
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के प्रवक्ता मोहित भान ने कहा कि राज्य का दर्जा जम्मू-कश्मीर के लोगों का अधिकार है और इसे बहाल करने में पहले ही देरी हो चुकी है।
उन्होंने कहा, ‘‘जहां तक राज्य का दर्जा देने की बात है, तो वह जम्मू-कश्मीर को दिया जाना चाहिए। प्रधानमंत्री और गृह मंत्री ने इसका वादा किया था और मुझे लगता है कि काफी समय बीत चुका है और जम्मू-कश्मीर को उसका राज्य का दर्जा वापस मिलना चाहिए।’’
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