उतार-चढ़ाव भरे कारोबार में शेयर बाजार स्थिर रुख के साथ बंद
रमण अजय
- 13 Nov 2025, 07:12 PM
- Updated: 07:12 PM
मुंबई, 13 नवंबर (भाषा) स्थानीय शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव के बीच बृहस्पतिवार को दोनों मानक सूचकांक बीएसई सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी मामूली बढ़त के साथ बंद हुए। विदेशी संस्थागत निवेशकों की पूंजी निकासी के बीच वैश्विक बाजारों में कमजोर धारणा का घरेलू बाजार पर असर पड़ा।
तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 12.16 अंक यानी 0.01 प्रतिशत की मामूली बढ़त के साथ 84,478.67 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान ऊंचे में यह 84,919.43 अंक तक गया जबकि नीचे में 84,253.05 अंक तक आया।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी नाममात्र 3.35 अंक यानी 0.01 प्रतिशत की बढ़त के साथ 25,879.15 अंक पर बंद हुआ।
सेंसेक्स में शामिल शेयरों में एशियन पेंट्स, आईसीआईसीआई बैंक, पावरग्रिड, लार्सन एंड टुब्रो, बजाज फिनसर्व, भारती एयरटेल, सन फार्मास्युटिकल्स, मारुति सुजुकी इंडिया, एक्सिस बैंक, अल्ट्राटेक सीमेंट और एचसीएल टेक्नोलॉजीज प्रमुख रूप से लाभ में रहे।
दूसरी ओर, नुकसान में रहने वाले शेयरों में टाटा मोटर्स की वाणिज्यिक वाहन इकाई, इटर्नल, महिंद्रा एंड महिंद्रा, टाटा स्टील, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लि., टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स, ट्रेंट, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, हिंदुस्तान यूनिलीवर और इन्फोसिस शामिल हैं।
जियोजीत इन्वेस्टमेंट्स लि. के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘घरेलू शेयर बाजार सकारात्मक कारोबार के बाद स्थिर बंद हुए। मुनाफावसूली ने सकारात्मक वैश्विक और घरेलू संकेतों के बावजूद शुरुआती बढ़त को समाप्त कर दिया। अमेरिकी सरकार के विभागों में कामकाज ठप होने को समाप्त करने के लिए डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के एक अल्पकालिक वित्त पोषण विधेयक पर हस्ताक्षर करने और भारत के लिए शुल्क राहत की उम्मीदों से बाजार में तेजी आई।’’
नायर ने कहा कि अक्टूबर में रिकॉर्ड निचले स्तर पर मुद्रास्फीति के आंकड़ों से नीतिगत दर में कटौती की उम्मीद बढ़ी है। इससे ब्याज दर को लेकर संवेदनशील धातु और रियल्टी जैसे क्षेत्र निवेशकों के लिए आकर्षक बन गए हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की निकासी जारी रहने और कमजोर रुपये के बीच बिहार चुनाव के नतीजों से पहले ऊंचे स्तर पर मुनाफावसूली देखी गई। इससे मानक सूचकांक बंद होने तक लगभग अपरिवर्तित रहे।’’
मझोली कंपनियों से जुड़ा बीएसई मिडकैप सूचकांक 0.34 प्रतिशत और छोटी कंपनियों का स्मॉलकैप 0.30 प्रतिशत की गिरावट के साथ बंद हुआ।
बीएसई में सूचीबद्ध कुल 2,450 शेयरों में गिरावट आई, जबकि 1,773 शेयरों में तेजी आई। वहीं 144 शेयरों के भाव अपरिवर्तित रहे।
रेलिगेयर ब्रोकिंग लि. के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (शोध) अजित मिश्रा ने कहा, ‘‘क्षेत्रीय स्तर पर रुझान मिला-जुला रहा। रियल्टी, फार्मा और धातु शेयरों में बढ़त दर्ज की गई, जबकि एफएमसीजी (दैनिक उपयोग का सामान बनाने वाली कंपनियों के शेयर) और आईटी में हल्का दबाव देखा गया। इस बीच, मिडकैप और स्मॉलकैप दोनों सूचकांकों में लगभग आधा प्रतिशत की गिरावट आई।’’
उन्होंने कहा कि उत्साहजनक घरेलू वृहद आंकड़ों, खासकर अक्टूबर में खुदरा मुद्रास्फीति के घटकर 0.25 प्रतिशत पर रहने से धारणा मजबूत हुई। इससे निकट भविष्य में आरबीआई द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें बढ़ गई हैं। अमेरिकी शेयर बाजारों में मजबूती सहित सकारात्मक वैश्विक संकेतों ने भी बाजार की धारणा को मजबूत किया।
एशिया के अन्य बाजारों में, चीन का शंघाई कम्पोजिट, हांगकांग का हैंग सेंग, जापान का निक्की और दक्षिण कोरिया का कॉस्पी बढ़त में रहे।
यूरोप के प्रमुख बाजारों में दोपहर के कारोबार में ज्यादातर में गिरावट का रुख था। बुधवार को अमेरिकी बाजार बढ़त के साथ बंद हुए थे।
वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.29 प्रतिशत टूटकर 62.53 डॉलर प्रति बैरल पर रहा।
इस बीच, शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक लगातार तीसरे दिन शुद्ध बिकवाल रहे। बुधवार को उन्होंने 1,750.03 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। वहीं घरेलू संस्थागत निवेशकों ने अपनी खरीदारी जारी रखी और 5,127.12 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।
बुधवार को बीएसई सेंसेक्स 595.19 अंक मजबूत हुआ, जबकि एनएसई निफ्टी 180.85 अंक चढ़ा था।
भाषा रमण