भाजपा ने ‘दुर्गा आंगन’ योजना को लेकर ममता पर साधा निशाना, तृणमूल ने किया पलटवार
प्रीति पवनेश
- 22 Jul 2025, 07:21 PM
- Updated: 07:21 PM
कोलकाता, 22 जुलाई (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की राज्य में ‘दुर्गा आंगन’ के निर्माण की घोषणा को लेकर मंगलवार को निशाना साधा और आरोप लगाया कि यह कदम सार्वजनिक धन से धर्म को बढ़ावा देकर संवैधानिक सिद्धांतों का उल्लंघन है।
पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने उक्त परियोजना की वैधता और उद्देश्य पर सवाल उठाते हुए बनर्जी पर धार्मिक उद्देश्यों के लिए राज्य के संसाधनों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया।
अधिकारी ने कहा, ‘‘कोई भी धार्मिक स्थल, चाहे वह मंदिर हो, मस्जिद हो, चर्च हो या गुरुद्वारा हो। यह करदाताओं के पैसे से नहीं बनाया जा सकता। संविधान इसकी इजाज़त नहीं देता है।’’
विपक्ष के नेता ने कहा, ‘‘उन्होंने (ममता) न तो संविधान पढ़ा है और न ही वह अपने धर्म को समझती हैं। ऐसे बयान देने से पहले उन्हें खुद को शिक्षित करना चाहिए।’’
ममता बनर्जी ने कोलकाता में 21 जुलाई को शहीद दिवस रैली में विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए घोषणा की थी कि इस साल अप्रैल में दीघा में जगन्नाथ धाम के उद्घाटन के बाद अब वह ‘दुर्गा आंगन’ नाम से एक भव्य परिसर के निर्माण की योजना बना रही हैं।
भाजपा ने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी का हाल ही में हिंदू धार्मिक प्रतीकों पर दिया गया ज़ोर एक राजनीतिक चाल है, जिसका उद्देश्य बंगाल में भाजपा के धार्मिक मतदाता आधार में सेंधमारी है।
तृणमूल के प्रवक्ता रिजु दत्ता ने मुख्यमंत्री की उक्त घोषणा के संबंध में उनका समर्थन करते हुए कहा, ‘‘शुभेंदु ममता बनर्जी के प्रति अपनी नफरत में अंधे हो गए हैं। राजनीति में आने से पहले भी वह हमेशा से आध्यात्मिक रही हैं। वह घर पर काली माता की पूजा करती थीं। वह जगन्नाथ के रूप में नारायण को बंगाल लाईं और जगन्नाथ धाम का निर्माण कराया। अब वह मां दुर्गा का मंदिर बनवाने की योजना बना रही हैं।’’
दत्ता ने सवाल उठाया कि क्या भाजपा को यह तय करने का अधिकार है कि कौन हिंदू है।
उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने हजारों स्थानीय दुर्गा पूजा आयोजनों को आर्थिक सहायता दी है और इस पर्व को यूनेस्को की धरोहर मान्यता दिलाने में भी मदद की है। वह हर साल दुर्गा पूजा उत्सव का आयोजन भी करती हैं। क्या ये सब मायने नहीं रखते? भाजपा जगन्नाथ धाम को ‘थीम पार्क’ कहकर मज़ाक उड़ाती है और अब उनके (ममता के) विश्वास पर सवाल उठा रही है। जनता इसका जवाब देगी।’’
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