बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण को लेकर विपक्ष का हंगामा, राज्यसभा बारह बजे तक स्थगित
मनीषा वैभव
- 30 Jul 2025, 11:38 AM
- Updated: 11:38 AM
नयी दिल्ली, 30 जुलाई (भाषा) बिहार में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) सहित विभिन्न मुद्दों पर विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण बुधवार को राज्यसभा की बैठक शुरू होने के दस मिनट बाद ही दोपहर बारह बजे तक स्थगित कर दी गई।
उच्च सदन में हंगामे की वजह से आज भी शून्यकाल नहीं हो पाया।
बैठक शुरू होने पर उपसभापति हरिवंश ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए। इसके बाद उपसभापति ने कहा कि ‘‘पहलगाम में आतंकवादी हमले के जवाब में भारत के मजबूत, सफल एवं निर्णायक ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर विशेष चर्चा’’ में अभी कई वक्ताओं को अपनी बात रखनी है।
उन्होंने सदस्यों से पूछा कि क्या आज प्रश्नकाल और भोजनावकाश न लेकर दोपहर बारह बजे से इस चर्चा को आगे बढ़ाया जा सकता है? सदस्यों की सहमति मिलने पर हरिवंश ने कहा कि दोपहर बारह बजे से इस चर्चा को आगे बढ़ाया जाएगा और सदन देर तक बैठेगा।
यह चर्चा उच्च सदन में कल शुरू हुई थी।
इसी बीच तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ’ब्रायन ने कहा कि जब से मानसून सत्र शुरू हुआ है, विपक्ष की ओर से 100 फीसदी सहयोग दिया जा रहा है लेकिन यह दूसरा सप्ताह है जब एसआईआर का मुद्दा उठाया जा रहा है।
डेरेक अपनी बात पूरी नहीं कर पाए थे कि उपसभापति ने कहा कि दोपहर बारह बजे ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा को आगे बढ़ाया जाएगा।
आसन की अनुमति मिलने पर सदन में विपक्ष के नेता एवं कांग्रेस के वरिष्ठ सदस्य मल्लिकार्जुन खरगे ने पूछा कि सदन में एसआईआर पर चर्चा कब होगी, इसका दिन और समय बता दिया जाए। उपसभापति ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष विषय से हटकर बोल रहे हैं।
हरिवंश ने बताया कि उन्हें नियम 267 के तहत 18 नोटिस मिले हैं जिनमें नियत कामकाज स्थगित कर बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर), अन्य राज्यों में बंगाली प्रवासी श्रमिकों के साथ कथित भेदभाव, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे, छत्तीसगढ़ में दो ननों की पिछले सप्ताह हुई गिरफ्तारी तथा विभिन्न देशों में भारतीयों पर बढ़ते नस्लीय हमले जैसे मुद्दों पर चर्चा की मांग की गई है।
उपसभापति ने कहा कि ये नोटिस आसन द्वारा पूर्व में दी गई व्यवस्था के अनुरूप नहीं हैं, इसलिए इन्हें स्वीकार नहीं किया जा सकता।
नोटिस स्वीकार नहीं किए जाने पर विपक्षी सदस्यों ने विरोध जताया और हंगामा करने लगे।
हरिवंश ने सदस्यों से अपील की कि वे सदन को सुचारु रूप से चलने दें ताकि शून्यकाल के दौरान सांसद अपने मुद्दे उठा सकें। लेकिन हंगामा जारी रहने के कारण उन्होंने 11 बजकर 10 मिनट पर बैठक को दोपहर बारह बजे तक स्थगित कर दिया।
भाषा मनीषा