उच्च न्यायालय में सुनवाई से पहले माइक्रोसॉफ्ट ने नायरा की सेवाएं कीं बहाल
निहारिका अजय
- 30 Jul 2025, 03:03 PM
- Updated: 03:03 PM
नयी दिल्ली, 30 जुलाई (भाषा) माइक्रोसॉफ्ट कॉरपोरेशन ने रूस की पेट्रोलियम कंपनी रोसनेफ्ट समर्थित नायरा एनर्जी की सेवांए बहाल कर दी हैं। सूत्रों ने यह जानकारी दी।
दिल्ली उच्च न्यायालय में निर्धारित सुनवाई से ठीक पहले यह फैसला किया गया है।
माइक्रोसॉफ्ट कॉरपोरेशन ने यूरोपीय संघ के प्रतिबंधों के बाद नायरा एनर्जी को सेवाएं देना बंद कर दिया था। इस पर भारतीय रिफाइनरी नायरा एनर्जी ने दिल्ली उच्च न्यायालय में माइक्रोसॉफ्ट के खिलाफ मुकदमा किया है जिस पर बुधवार को सुनवाई निर्धारित है।
मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने हालांकि बताया कि सुनवाई से पहले, माइक्रोसॉफ्ट ने नायरा के लिए ईमेल, माइक्रोसॉफ्ट टीम्स और अन्य सेवाओं तक पूर्ण पहुंच बहाल कर दी।
माइक्रोसॉफ्ट के एक प्रवक्ता ने भी नायरा की सेवाएं बहान करने की पुष्टि की।
प्रवक्ता ने कहा, ‘‘ माइक्रोसॉफ्ट भारत और दुनिया भर में अपने सभी ग्राहकों का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध है और उसने नायरा एनर्जी की सेवाएं बहाल कर दी हैं। हम संगठन के लिए सेवा निरंतरता सुनिश्चित करने को यूरोपीय संघ के साथ निरंतर चर्चा कर रहे हैं।’’
नायरा ने माइक्रोसॉफ्ट के कदम को एकतरफा कार्रवाई करार देते हुए 28 जुलाई को बयान में कहा था, ‘‘नायरा एनर्जी ने महत्वपूर्ण सेवाओं के अचानक और एकतरफा निलंबन के बाद माइक्रोसॉफ्ट के खिलाफ कानूनी कार्यवाही शुरू कर दी है। माइक्रोसॉफ्ट नायरा एनर्जी की अपने डेटा, मालिकाना उपकरणों और उत्पादों तक पहुंच को रोक रही है जबकि ये पूरी तरह से भुगतान किए गए लाइसेंस के तहत हासिल किए गए हैं।’’
यूरोपीय संघ ने इस महीने की शुरुआत में यूक्रेन के साथ युद्ध को लेकर रूस के खिलाफ नए उपायों के तहत नायरा पर प्रतिबंध लगाए थे।
रोसनेफ्ट की नायरा एनर्जी लिमिटेड, जिसे पहले एस्सार ऑयल लिमिटेड के नाम से जाना जाता था, में 49.13 प्रतिशत हिस्सेदारी है। नायरा गुजरात के वडिनार में दो करोड़ टन सालाना क्षमता वाली एक तेल रिफाइनरी और 6,750 से ज्यादा पेट्रोल पंप का संचालन करती है।
नायरा ने कहा, ‘‘माइक्रोसॉफ्ट का यह फैसला यूरोपीय संघ (ईयू) के प्रतिबंधों की एकतरफा व्याख्या पर आधारित है, और कॉरपोरेट अतिक्रमण के लिए एक खतरनाक मिसाल कायम करता है। भारत के ऊर्जा परिवेश पर इसके प्रभाव को लेकर गंभीर चिंताएं भी उत्पन्न होती हैं।’’
कंपनी ने कहा था कि उसने दिल्ली उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर कर अपने अधिकारों की रक्षा और आवश्यक डिजिटल बुनियादी ढांचे तक लगातार पहुंच सुनिश्चित करने के लिए अंतरिम राहत देने और सेवाएं फिर से शुरू करने की अपील की है।
भाषा निहारिका
निहारिका