पुणे में तीन महिलाओं ने पुलिस पर उत्पीड़न का आरोप लगाया
रवि कांत रवि कांत संतोष
- 04 Aug 2025, 06:28 PM
- Updated: 06:28 PM
पुणे, चार अगस्त (भाषा) महाराष्ट्र के पुणे में रहने वाली तीन महिलाओं का आरोप है कि लापता बताई जा रही एक महिला से संबंधित जांच के दौरान पुलिसकर्मियों ने उनका शारीरिक उत्पीड़न किया और जातिवादी टिप्पणियां भी कीं।
महिलाओं के इन आरोपों के बाद वंचित बहुजन आघाडी और शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) सहित अन्य राजनीतिक दलों ने कोथरूड पुलिस थाने के संबंधित अधिकारियों और कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
छत्रपति संभाजीनगर से जिस महिला के लापता होने की जांच पुलिस कर रही थी, वह इन पीड़ित महिलाओं के साथ कुछ समय तक रही थी।
राकांपा (एसपी) विधायक रोहित पवार तीन महिलाओं और कुछ कार्यकर्ताओं के साथ रविवार रात पुणे स्थित पुलिस आयुक्तालय पहुंचे।
रोहित पवार ने संयुक्त पुलिस आयुक्त (कानून एवं व्यवस्था) रंजन कुमार शर्मा से मुलाकात की और पुलिसकर्मियों के खिलाफ अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत मामला दर्ज करने की मांग की।
हालांकि, पुणे पुलिस ने तीनों महिलाओं द्वारा किये गए दावों का खंडन किया है।
सामाजिक कार्यकर्ताओं के अनुसार, कोथरूड और छत्रपति संभाजीनगर पुलिस थानों के पुलिसकर्मी शुक्रवार को तीन महिलाओं के किराए के मकान में घुस गए। वे एक महिला के लापता होने की शिकायत की जांच कर रहे थे, जो इन तीनों महिलाओं के साथ रहती थी।
एक सामाजिक कार्यकर्ता ने आरोप लगाया कि पुलिस ने बिना वारंट के तलाशी ली और तीनों को पुलिस थाने ले गई।
उन्होंने कहा, ‘‘एक महिला अधिकारी समेत पुलिस टीम ने कथित तौर पर महिलाओं के साथ मारपीट की और उन पर जातिवादी टिप्पणियां भी कीं, उन्हें कुछ घंटों के बाद रिहा कर दिया गया।’’
बाद में तीनों महिलाओं ने पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई और संबंधित पुलिसकर्मियों के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की।
रोहित पवार ने रविवार को संवाददाताओं से कहा, ‘‘मराठवाड़ा की एक महिला पारिवारिक मामले में न्याय की लड़ाई लड़ने के लिए पुणे आई और कोथरूड में अपनी सहेली के साथ रहने लगी। पुलिस ने बिना वारंट के जांच की और इस दौरान जातिवादी टिप्पणियां भी कीं। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘संबंधित पुलिस अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। युवती का मामला और जातिवादी टिप्पणी की घटना, दोनों ही गंभीर मुद्दे हैं। इन आरोपों की प्रकृति के बावजूद, पुलिस ने शिकायत दर्ज नहीं की है। यह पुलिस प्रशासन की लापरवाही को दर्शाता है।’’
इस बीच, पुलिस ने तीनों महिलाओं द्वारा लगाए गए सभी आरोपों से इनकार किया है।
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