अनुच्छेद 370 निरस्तीकरण की वर्षगांठ की पूर्व संध्या पर शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों ने शाह से मुलाकात की
प्रशांत सुरेश
- 04 Aug 2025, 09:22 PM
- Updated: 09:22 PM
नयी दिल्ली, चार अगस्त (भाषा) जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे से संबंधित अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को हटाए जाने की छठी वर्षगांठ की पूर्व संध्या पर शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों ने यहां केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ बैठक की और माना जा रहा है कि उन्होंने देश में सुरक्षा स्थिति पर चर्चा की।
सूत्रों ने बताया कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल, केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन और खुफिया ब्यूरो के निदेशक (डीआईबी) तपन डेका ने सोमवार को संसद भवन परिसर स्थित उनके कक्ष में गृह मंत्री से मुलाकात की।
सूत्रों ने बताया कि बैठक का ब्योरा अभी उपलब्ध नहीं है, लेकिन समझा जाता है कि उन्होंने देश की मौजूदा सुरक्षा स्थिति पर चर्चा की।
पांच अगस्त, 2019 को नरेंद्र मोदी सरकार ने जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे से संबंधित अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को निरस्त कर दिया था और तत्कालीन राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों - जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया था।
इस ऐतिहासिक घटना की छठी वर्षगांठ पर जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग बढ़ती जा रही है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री शाह दोनों ने वादा किया था कि केंद्र शासित प्रदेश में स्थिति सामान्य होने पर राज्य का दर्जा बहाल कर दिया जाएगा, हालांकि उन्होंने कोई समयसीमा नहीं बताई थी।
‘पीटीआई-भाषा’ के साथ एक साक्षात्कार में 20 जुलाई को मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बिना किसी देरी के जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने की जोरदार वकालत की और संकेत दिया कि इस संबंध में सत्तारूढ़ नेशनल कॉन्फ्रेंस द्वारा कानूनी विकल्पों सहित सभी रास्ते तलाशे जा रहे हैं।
केंद्र शासित प्रदेश में नेशनल कॉन्फ्रेंस के सत्ता में आने के लगभग दस महीने बाद, अब्दुल्ला ने जोर देकर कहा कि राज्य का दर्जा लोगों का मौलिक अधिकार है।
उन्होंने कहा, “केंद्र ने संसद और उच्चतम न्यायालय के समक्ष इसका वादा किया था।”
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने संयुक्त रूप से प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर भाजपा नीत केंद्र सरकार से संसद के मानसून सत्र में जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने के लिए विधेयक लाने का आग्रह किया था।
सोमवार को भाकपा नेता डी. राजा ने भी प्रधानमंत्री मोदी को लिखे पत्र में इसी तरह की मांग की।
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