श्रीनगर घटना पर अकाल तख्त ने पंजाब के मंत्री हरजोत बैंस के लिए धार्मिक सजा का ऐलान किया
रंजन रंजन सुरेश
- 06 Aug 2025, 09:31 PM
- Updated: 09:31 PM
अमृतसर/चंडीगढ़, छह अगस्त (भाषा) अकाल तख्त ने बुधवार को पंजाब के शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस को श्रीनगर में गुरु तेग बहादुर के 350वें शहादत दिवस के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम में नृत्य प्रदर्शन के सिलसिले में 'तनखाह' (धार्मिक दंड) सुनाया।
सिख भावनाओं को "आहत" करने के आरोप में, बैंस को श्री आनंदपुर साहिब के 'जोड़ा घर' (जूते रखने की जगह) में जूते साफ करने की दो-दिवसीय ‘सेवा’ (स्वैच्छिक सेवा) सहित कई कार्य करने के लिए कहा गया है।
राज्य भाषा विभाग की ओर से नौवें सिख गुरु के शहादत दिवस से संबंधित श्रीनगर में एक "विवादास्पद" कार्यक्रम आयोजित करके सिख भावनाओं को "आहत" करने के आरोप में बुलाए जाने के बाद बैंस अमृतसर में पांच ‘सिंह साहिबानों’ के समक्ष पेश हुए।
अकाल तख्त के कार्यवाहक जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गडगज के नेतृत्व में पांच सिख धर्मगुरुओं ने एक निर्देश जारी किया, जिसमें उन्हें स्वर्ण मंदिर से गुरुद्वारा गुरु के महल तक पैदल चलने का निर्देश दिया गया।
उन्हें गुरुद्वारे तक जाने वाली सड़कों की मरम्मत और सफ़ाई सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया गया है।
बैंस को अमृतसर स्थित गुरुद्वारा कोठा साहिब पातशाही नौवीं, वल्लाह और बाबा बकाला साहिब स्थित गुरुद्वारा पातशाही नौवीं का भी दौरा करने का निर्देश दिया गया। ये गुरुद्वारे नौवें सिख गुरु से जुड़े हैं।
इसके अलावा, बैंस को दिल्ली स्थित गुरुद्वारा शीशगंज जाने और श्री आनंदपुर साहिब स्थित 'जोड़ा घर' में जूते साफ़ करने की दो दिवसीय 'सेवा' करने, 1,100 रुपये का 'देग' (पवित्र भेंट) चढ़ाने और 'अरदास' में भाग लेने के लिए कहा गया।
बैंस के पांचों 'सिंह साहिबानों' के समक्ष पेश होने के बाद, अकाल तख्त जत्थेदार ने मंत्री से पूछा कि क्या वह अपनी गलती स्वीकार करते हैं, जिस पर उन्होंने कहा, "हां"।
पांच सिंह साहिबानों ने 24 जुलाई को श्रीनगर के टैगोर हॉल में आयोजित कार्यक्रम की कड़ी निंदा की, जिसका आयोजन पंजाब सरकार के भाषा विभाग ने गुरु तेग बहादुर के शहादत दिवस के उपलक्ष्य में किया था।
इस कार्यक्रम में नृत्य और संगीत का आयोजन किया गया, जिससे सिख भावनाओं को गहरी ठेस पहुंची।
बैंस ने पहले कहा था कि वह अकाल तख्त के समक्ष पेश होंगे और अपनी नैतिक ज़िम्मेदारी स्वीकार करते हुए हर आदेश का पालन करने के लिए बाध्य होंगे।
भाषा रंजन रंजन