वर्तमान सत्र में हंगामे की वजह से अब तक 51 घंटे 30 मिनट का समय बर्बाद हुआ : रास उपसभापति हरिवंश
मनीषा माधव
- 07 Aug 2025, 12:47 PM
- Updated: 12:47 PM
नयी दिल्ली, सात अगस्त (भाषा) बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान सहित विभिन्न मुद्दों को लेकर जारी गतिरोध का जिक्र करते हुए राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने बृहस्पतिवार को कहा कि वर्तमान सत्र में लगातार हंगामे की वजह से सदन का अब तक 51 घंटे 30 मिनट का समय बर्बाद हो चुका है।
उच्च सदन में आज भी विभिन्न मुद्दों पर चर्चा के लिए दिए गए नोटिस आसन द्वारा खारिज किए जाने के विरोध में विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण बैठक शुरू होने के दस मिनट बाद ही दोपहर दो बजे तक स्थगित कर दी गई।
हंगामे की वजह से सदन में आज भी शून्यकाल और प्रश्नकाल नहीं हो पाया।
उपसभापति हरिवंश ने बताया कि विभिन्न मुद्दों पर नियत कामकाज स्थगित कर चर्चा करने के लिए उन्हें नियम 267 के तहत 25 नोटिस मिले हैं।
उपसभापति ने बताया कि ये नोटिस पूर्व में दी गई व्यवस्था के अनुरूप नहीं पाए गए अत: इन्हें खारिज कर दिया गया है। इस पर विपक्षी सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया।
हरिवंश ने सदस्यों से अपने स्थानों पर लौट जाने और कार्यवाही चलने देने का अनुरोध करते हुए कहा कि आज तक सदन में सदस्यों के पास 180 तारांकित प्रश्न पूछने, शून्यकाल के तहत 180 मुद्दे उठाने और विशेष उल्लेख के जरिये लोक महत्व के इतने ही मुद्दे उठाने का अवसर था लेकिन लगातार व्यवधान के कारण अब तक केवल 13 तारांकित प्रश्न, शून्यकाल के तहत पांच मुद्दे और केवल 17 विशेष उल्लेख ही हो पाए हैं।
हरिवंश ने कहा, ‘‘वर्तमान सत्र में अब तक हम 51 घंटे 30 मिनट बर्बाद कर चुके हैं।’’
उपसभापति ने पुन: सदस्यों से अपने स्थानों पर लौट जाने और शून्यकाल चलने देने की अपील की। सदन में व्यवस्था न बनते देख उन्होंने 11 बजकर दस मिनट पर बैठक दोपहर दो बजे तक स्थगित कर दी।
संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई से शुरू हुआ है और तब से आज तक विपक्षी सदस्यों के हंगामे की वजह से उच्च सदन में एक बार भी शून्यकाल तथा प्रश्नकाल नहीं हो पाया है।
पिछले सप्ताह मंगलवार और बुधवार को ऑपरेशन सिंदूर पर सदन में चर्चा हुई जिसका गृह मंत्री अमित शाह ने जवाब दिया। कल बुधवार को सदन में, 'समुद्र द्वारा माल वहन विधेयक, 2025' पारित हुआ। यह विधेयक, बिहार में मतदाता सूची के विशेष सघन पुनरीक्षण (एसआईआर) के मुद्दे पर विपक्षी सदस्यों के विरोध और नारेबाजी के बीच ध्वनिमत से पारित हुआ। इसके अलावा और कोई आवश्यक कामकाज गतिरोध की वजह से सदन में नहीं हो पाया है।
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