चुनाव में धांधली के राहुल के दावे निराधार : एकनाथ शिंदे
नेत्रपाल दिलीप
- 07 Aug 2025, 08:49 PM
- Updated: 08:49 PM
(तस्वीरों के साथ)
नयी दिल्ली, सात अगस्त (भाषा) महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने राहुल गांधी द्वारा किए गए ‘‘बड़े आपराधिक चुनावी धोखाधड़ी’’ के दावों को बृहस्पतिवार को ‘‘निराधार’’ करार देते हुए कहा कि कांग्रेस को चुनाव हारने के बाद आरोप लगाने की आदत है।
पीटीआई के साथ एक विशेष वीडियो साक्षात्कार में शिंदे ने कहा कि भाजपा-शिवसेना-राकांपा की महायुति ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में ‘लाडकी बहिन’ जैसी जन कल्याणकारी योजनाओं और किसान समर्थक पहलों के आधार पर भारी जीत दर्ज की।
राहुल गांधी द्वारा लगाए गए आरोपों के बारे में पूछे जाने पर शिंदे ने पलटवार करते हुए कहा, ‘‘लोकसभा चुनाव में विपक्षी महा विकास आघाडी (एमवीए) ने महाराष्ट्र में 30 सीट जीतीं, जबकि हमें 17 सीट मिलीं। क्या इसका मतलब यह है कि उन्होंने (एमवीए) जनादेश चुरा लिया? जब आपने तेलंगाना और कर्नाटक में चुनाव जीता, तो क्या आप ईवीएम में हेराफेरी या वोट चोरी में संलिप्त थे।’’
उन्होंने कहा कि महायुति सरकार जनकल्याण के लिए प्रतिबद्ध है और लोगों ने सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों को मंजूरी दी, जो सत्तारूढ़ गठबंधन की भारी जीत में भी परिलक्षित हुआ।
शिंदे ने कहा, ‘‘जब आप चुनाव जीतते हैं, तो निर्वाचन आयोग अच्छा होता है। जब आप चुनाव जीतते हैं, तो ईवीएम अच्छी होती हैं। लेकिन जब आप हार जाते हैं, तो आप आरोप लगाते हैं और सभी को दोषी ठहराते हैं। यह एक ऐसी नीति है, जिसमें खराब काम करने वाला हमेशा उपकरण को दोष देता है। यही कारण है कि लोगों ने विपक्ष को उसकी जगह दिखा दी है।’’
शिवसेना नेता ने कहा कि राहुल गांधी द्वारा लगाए गए आरोप ‘‘निराधार’’ हैं और निर्वाचन आयोग तथा सरकार की छवि को ‘‘खराब’’ करने के इरादे से लगाए गए हैं।
शिंदे ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष गांधी के आवास पर बैठक में शामिल होने के लिए अपने धुर विरोधी उद्धव ठाकरे पर भी निशाना साधा।
उन्होंने कहा, ‘‘यह आश्चर्य की बात है कि वह (ठाकरे) उस पार्टी के नेता के घर जा रहे हैं, जिसने शिवसेना के संस्थापक बालासाहेब ठाकरे का मताधिकार छीनने वाले व्यक्ति को पुरस्कृत किया था।’’
शिंदे ने कहा कि कांग्रेस ने बालासाहेब ठाकरे को मताधिकार से वंचित करने वाले तत्कालीन मुख्य चुनाव आयुक्त को मंत्री पद देकर पुरस्कृत किया था।
उन्होंने कहा, ‘‘आप उन लोगों से मिल रहे हैं, जिन्होंने बालासाहेब का अपमान किया, आप उन लोगों से मिल रहे हैं, जिन्होंने सावरकर का अपमान किया...जिन्होंने ऑपरेशन सिंदूर और सशस्त्र बलों की वीरता पर सवाल उठाए।’’
बिहार में मतदाता सूची के पुनरीक्षण पर कांग्रेस नीत विपक्ष द्वारा सवाल उठाए जाने पर शिंदे ने कहा कि विपक्षी दलों को यह एहसास हो गया है कि वे हार की ओर बढ़ रहे हैं और इसलिए वे इसके लिए पहले से ही जमीन तैयार कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘जब उन्हें हार नजर आती है, तो वे उसके लिए पहले से ही जमीन तैयार करना शुरू कर देते हैं। उन्हें यह एहसास होने लगा है कि वे बिहार चुनाव हार रहे हैं, इसलिए उन्होंने एसआईआर कवायद पर हमला करना शुरू कर दिया है।’’
शिंदे ने कहा, ‘‘धारणा बनाने के ये प्रयास हमेशा सफल नहीं होते। लोग बुद्धिमान हैं।’’
उन्होंने ठाकरे द्वारा उन्हें ‘‘गद्दार’’ कहे जाने पर भी पलटवार किया।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि यह ठाकरे ही थे, जिन्होंने 2019 के महाराष्ट्र चुनाव में लोगों के जनादेश को धोखा दिया और कांग्रेस तथा राकांपा से हाथ मिला लिया।
शिंदे ने कहा, ‘‘उद्धव ठाकरे द्वारा इस्तेमाल किया गया शब्द उनके लिए बिलकुल सही है। 2019 में महाराष्ट्र ने शिवसेना-भाजपा को सरकार बनाने का जनादेश दिया था। उन्होंने किसके साथ गठबंधन किया? कांग्रेस के साथ, सिर्फ स्वार्थ के लिए मुख्यमंत्री बनने के लिए, मुख्यमंत्री की कुर्सी हथियाने के लिए। वह (ठाकरे) मेरे लिए जिस शब्द का इस्तेमाल करते हैं - विश्वासघाती, गद्दार - वह बिलकुल उन पर लागू होता है।’’
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र की जनता ने 2024 के विधानसभा चुनाव में असली गद्दारों को सबक सिखाया।
शिंदे ने कहा, ‘‘उन्हें विपक्ष के नेता के रूप में मान्यता पाने के लिए भी जनादेश नहीं मिला। महाराष्ट्र की जनता ने चुनाव परिणामों के माध्यम से राज्य के असली गद्दारों पर मुहर लगा दी है।’’
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से अपनी मुलाकात की आलोचना किए जाने पर भी ठाकरे पर निशाना साधा।
शिंदे ने कहा, ‘‘जब मैं मोदी जी और अमित भाई से मिलता हूं, तो वे बहुत शोर मचाते हैं और दावा करते हैं कि मैं अपने आकाओं से मिलने गया हूं। हमें उन लोगों से मिलकर गर्व होता है, जिन्होंने महाराष्ट्र के विकास में योगदान दिया है। ये वही लोग हैं जिन्होंने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाकर और अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण करके बालासाहेब के सपनों को साकार किया है।’’
भाषा
नेत्रपाल