रुपया 14 पैसे के उछाल के साथ 87.58 प्रति डॉलर पर
राजेश राजेश अजय
- 07 Aug 2025, 08:54 PM
- Updated: 08:54 PM
मुंबई, सात अगस्त (भाषा) रूसी कच्चा तेल खरीदने पर भारतीय उत्पादों पर आयात शुल्क 50 प्रतिशत तक बढ़ाने के अमेरिका के कदम के बाद अस्थिर वैश्विक धारणा के बीच अमेरिकी मुद्रा कमजोर हुई और रुपये में लगातार दूसरे कारोबारी सत्र में सुधार दर्ज हुआ। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में बृहस्पतिवार को रुपया अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले 14 पैसे के उछाल के साथ 87.58 पर बंद हुआ।
विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि हालांकि, घरेलू बाजारों में नरमी और विदेशी पूंजी की निकासी के कारण रुपये का लाभ सीमित रहा।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इस आक्रामक कदम से, जो 21 दिनों में लागू होगा, चुनिंदा भारतीय निर्यात पर कुल शुल्क 50 प्रतिशत तक बढ़ने का खतरा है - जिससे वे वैश्विक स्तर पर सबसे अधिक कर वाले अमेरिकी आयात में शामिल हो जाएंगे, जिससे कारोबारी धारणा प्रभावित हुई है।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में, रुपया 87.69 पर खुला और दिन भर 87.45-87.77 के दायरे में घट-बढ़ के बाद 87.58 पर बंद हुआ। यह पिछले बंद भाव से 14 पैसे की मजबूती है।
बुधवार को रुपया अपने रिकॉर्ड निचले स्तर से उबरकर अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 16 पैसे बढ़कर 87.72 पर बंद हुआ था।
भारतीय निर्यात पर ट्रंप के शुल्क से कपड़ा, समुद्री और चमड़ा निर्यात जैसे क्षेत्रों पर बुरा असर पड़ने की संभावना है और भारत ने इसे ‘अनुचित और अविवेकपूर्ण’ करार दिया है।
रूसी कच्चे तेल के आयात के लिए भारत को विशेष रूप से चिन्हित करने वाले इस कदम से, भारत पर ब्राजील के साथ 50 प्रतिशत का उच्चतम अमेरिकी शुल्क लगेगा।
अमेरिका ने रूसी आयात के लिए यह अतिरिक्त शुल्क या जुर्माना केवल भारत पर लगाया है, जबकि चीन और तुर्की जैसे अन्य खरीदार अब तक ऐसे कठोर उपायों से बचे हुए हैं। चीन पर 30 प्रतिशत और तुर्की पर 15 प्रतिशत शुल्क भारत के 50 प्रतिशत शुल्क से कम है।
मिराए एसेट शेयरखान में शोध विश्लेषक (जिंस और मुद्रा) अनुज चौधरी ने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि रुपया गिरेगा क्योंकि व्यापार शुल्क समझौता अब भी लंबित है और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत पर शुल्क को दोगुना करके 50 प्रतिशत कर दिया है, जिससे बाजार की धारणा प्रभावित हो रही है। घरेलू शेयर बाजारों में कमजोरी और विदेशी निवेशकों की बिकवाली से भी रुपये पर दबाव पड़ सकता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, अमेरिकी डॉलर में कमजोरी और वैश्विक तेल की गिरती कीमतें निचले स्तर पर रुपये को सहारा दे सकती हैं।’’
चौधरी ने कहा, ‘‘डॉलर-रुपये का हाजिर भाव 87.50 से 88 डॉलर के बीच रहने की उम्मीद है।’’
इस बीच, शुल्क अनिश्चितताओं को लेकर चिंताओं के बीच, भारतीय रिजर्व बैंक ने बुधवार को नीतिगत दर को 5.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखने और तटस्थ रुख बनाए रखने का फैसला किया।
चालू वित्त वर्ष की तीसरी द्विमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा करते हुए भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने चालू वित्त वर्ष के लिए आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा है।
इस बीच, वायदा कारोबार में ब्रेंट क्रूड की कीमतें 0.52 प्रतिशत बढ़कर 67.24 डॉलर प्रति बैरल हो गईं।
विश्व की छह प्रमुख मुद्राओं की तुलना में डॉलर की मजबूती को मापने वाला डॉलर डॉलर सूचकांक 0.10 प्रतिशत गिरकर 98.08 रह गया।
घरेलू शेयर बाजार में, सेंसेक्स 79.27 अंक बढ़कर 80,623.26 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 21.95 अंक के लाभ के साथ 24,596.15 पर बंद हुआ।
एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) पूंजी बाजार में शुद्ध बिकवाल रहे। उन्होंने बृहस्पतिवार को शुद्ध आधार पर 4,997.19 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे।
भाषा राजेश राजेश