हंगामे की वजह से अब तक 56 घंटे 49 मिनट का समय बर्बाद हुआ : रास के उपसभापति हरिवंश
मनीषा माधव
- 08 Aug 2025, 02:45 PM
- Updated: 02:45 PM
नयी दिल्ली, आठ अगस्त (भाषा) राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान सहित विभिन्न मुद्दों को लेकर जारी गतिरोध का जिक्र करते हुए शुक्रवार को कहा कि वर्तमान सत्र में लगातार हंगामे की वजह से सदन का अब तक 56 घंटे 49 मिनट का समय बर्बाद हो चुका है।
उच्च सदन में आज भी विभिन्न मुद्दों पर चर्चा के लिए दिए गए नोटिस आसन द्वारा खारिज किए जाने के विरोध में विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण बैठक शुरू होने के दस मिनट बाद ही दोपहर बारह बजे तक और बारह बजे शुरू होने पर पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई।
हंगामे की वजह से सदन में आज भी शून्यकाल और प्रश्नकाल नहीं हो पाया।
उपसभापति हरिवंश ने बताया कि विभिन्न मुद्दों पर नियत कामकाज स्थगित कर चर्चा करने के लिए उन्हें नियम 267 के तहत 20 नोटिस मिले हैं।
उपसभापति ने बताया कि ये नोटिस पूर्व में दी गई व्यवस्था के अनुरूप नहीं पाए गए अत: इन्हें खारिज कर दिया गया है। इस पर विपक्षी सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया।
हरिवंश ने सदस्यों से शांत रहने और कार्यवाही चलने देने का अनुरोध करते हुए कहा कि वर्तमान सत्र में सदस्यों के पास आज तक 195 तारांकित प्रश्न, शून्यकाल के तहत लोक महत्व से जुड़े 195 मुद्दे तथा विशेष उल्लेख के जरिये 195 महत्वपूर्ण मुद्दे उठाने का अवसर था लेकिन अब तक केवल 13 तारांकित प्रश्न, शून्यकाल के तहत सिर्फ पांच मुद्दे तथा विशेष उल्लेख के जरिये मात्र 17 मुद्दे ही उठाए गए हैं।
उपसभापति ने कहा कि सदन में लगातार व्यवधान होने की वजह से वर्तमान सत्र में आज तक 56 घंटे 49 मिनट का समय बर्बाद हो चुका है।
उन्होंने पुन: सदस्यों से अपने स्थानों पर लौट जाने और शून्यकाल चलने देने की अपील की। सदन में व्यवस्था न बनते देख उन्होंने 11 बजकर दस मिनट पर बैठक दोपहर दो बजे तक स्थगित कर दी।
संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई से शुरू हुआ है और तब से आज तक विपक्षी सदस्यों के हंगामे की वजह से उच्च सदन में एक बार भी शून्यकाल तथा प्रश्नकाल नहीं हो पाया है।
पिछले सप्ताह 29 और 30 जुलाई को ऑपरेशन सिंदूर पर सदन में चर्चा हुई जिसका गृह मंत्री अमित शाह ने जवाब दिया। छह अगस्त को सदन में, 'समुद्र द्वारा माल वहन विधेयक, 2025' पारित हुआ। सात अगस्त को ‘तटीय पोत परिवहन विधेयक 2025’ को सदन में पारित किया गया। दोनों ही विधेयकों को बिहार में मतदाता सूची के विशेष सघन पुनरीक्षण (एसआईआर) के मुद्दे पर विपक्षी सदस्यों के विरोध और नारेबाजी के बीच ध्वनिमत से मंजूरी दी गई।
भाषा मनीषा