एसआईआर के मुद्दे पर विपक्ष के हंगामे के कारण लोकसभा की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित
वैभव माधव
- 08 Aug 2025, 03:30 PM
- Updated: 03:30 PM
नयी दिल्ली, आठ अगस्त (भाषा) विपक्षी दलों के सदस्यों ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के मुद्दे पर शुक्रवार को भी लोकसभा में हंगामा किया, जिसके कारण सदन की कार्यवाही दो बार के स्थगन के बाद अपराह्न तीन बजकर पांच मिनट पर दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई।
दो बार के स्थगन के बाद अपराह्न तीन बजे बैठक शुरू हुई तो वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रवर समिति की रिपोर्ट के अनुसार आयकर विधेयक, 2025 को वापस लेने की अनुमति मांगी और सभा की सहमति से सरकार ने विधेयक को वापस ले लिया।
शुक्रवार को सदन में गैर-सरकारी कामकाज होने का उल्लेख करते हुए संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने कहा कि आज शुक्रवार है जो सदस्यों का दिन होता है और विशेष रूप से विपक्ष के सदस्यों के लिए महत्वपूर्ण होता है क्योंकि इस दिन गैर-सरकारी कामकाज होता है।
शुक्रवार को गैर-सरकारी कामकाज के तहत सदन में अपराह्न तीन बजे के बाद निजी विधेयक और संकल्प प्रस्तुत किए जाते हैं और उन पर चर्चा होती है।
रीजीजू ने कहा कि विपक्ष के सदस्य सरकारी कामकाज तो बाधित कर ही रहे हैं, आज उन्होंने गैर सरकारी कामकाज को भी अवरुद्ध किया है।
उन्होंने कहा कि भविष्य में विपक्ष के सांसद ये ना कहें कि सरकार ने सहयोग नहीं किया है। रीजीजू ने कहा कि सरकार ने शुरू से कहा है कि नियमों के तहत वह हर मुद्दे पर सदन में चर्चा के लिए तैयार है।
संसदीय कार्य मंत्री ने कहा, ‘‘आज विपक्ष के लोगों ने निजी कामकाज को भी बाधित किया है, इससे हम दुखी हैं।’’
पीठासीन सभापति कृष्णा प्रसाद तेन्नेटी ने भी हंगामा कर रहे विपक्षी सदस्यों से अपने स्थान पर बैठने और कार्यवाही चलने देने की अपील करते हुए कहा कि आज कई सदस्यों ने गैर सरकारी कामकाज चलाने को कहा था।
शोर-शराबा जारी रहने पर उन्होंने बैठक को पांच मिनट बाद ही सोमवार पूर्वाह्न 11 बजे तक स्थगित कर दिया।
इससे पहले, सदन की कार्यवाही पूर्वाह्न 11 बजे आरंभ होने पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने पूर्व केंद्रीय मंत्री सत्यपाल मलिक के निधन की सूचना सदन को दी। सदन ने कुछ पल का मौन रखकर जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल मलिक को श्रद्धांजलि दी।
इसके बाद, बिरला ने 9 अगस्त को भारत छोड़ो आंदोलन की 83वीं जयंती होने का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘हम इस अवसर पर महात्मा गांधी और स्वतंत्रता के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले सभी अमर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।’’
इसके बाद जैसे ही उन्होंने प्रश्नकाल शुरू कराया, विपक्षी दलों के सदस्य आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे। वे एसआईआर और चुनाव सुधार के मुद्दे पर सदन में चर्चा कराने की मांग कर रहे हैं जिसे सरकार खारिज कर चुकी है।
हंगामे के बीच ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा और स्वास्थ्य राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल सहित कुछ मंत्रियों ने कुछ सदस्यों के पूरक प्रश्नों के उत्तर दिए।
बिरला ने विपक्षी सदस्यों से सदन की कार्यवाही चलने देने की अपील की।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं आपसे पुन: आग्रह कर रहा हूं कि प्रश्नकाल चलने दें। यह महत्वपूर्ण समय होता है। नारेबाजी करना संसदीय परंपराओं के अनुरूप नहीं है। देश की जनता देख रही है कि नियोजित तरीके से सदन को कैसे बाधित किया जा रहा है।’’
शोर-शराबा जारी रहा और अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही 11 बजकर 23 मिनट पर दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
बैठक दोपहर 12 बजे शुरू होने पर विपक्षी दलों के सदस्यों ने ‘एसआईआर वापस लो’ के नारे लगाना शुरू कर दिया।
इस बीच, पीठासीन सभापति कृष्णा प्रसाद तेन्नेटी ने हंगामा कर रहे सदस्यों से कहा, ‘‘आप इस तरह से मेज नहीं पीट सकते। कृपया इसे तुरंत बंद करिए। यह संसद है। यह लोकसभा है। लोगों ने आपको चुनकर शालीनतापूर्वक प्रतिनिधित्व करने के लिए भेजा है। पूरा देश देख रहा है।’’
विपक्षी दलों के सदस्यों के आसन के करीब पहुंच कर नारेबाजी करने पर पीठासीन सभापति ने कहा, ‘‘मैं माननीय स्पीकर (लोकसभा अध्यक्ष) की मेज पीटने पर कड़ी आपत्ति जताता हूं। यह ढोल नहीं है। मैं इस पर कड़ी आपत्ति लूंगा।’’
उन्होंने कहा कि इस सत्र में बहुत महत्वपूर्ण विधेयक लिए जाने हैं और आप हर दिन ऐसा कर रहे हैं तथा कामकाज नहीं होने दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि बहुत आपत्तिजनक आचरण हो रहा है।
पीठासीन सभापति ने आसन के करीब नारेबाजी कर रहे विपक्षी दलों के सदस्यों से अपनी-अपनी सीट पर जाने का आग्रह किया। अपनी अपील का असर नहीं होता हुए देख उन्होंने सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजकर 10 मिनट पर अपराह्न तीन बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
भाषा वैभव