‘वोट चोरी’ की जांच करे निर्वाचन आयोग, केवल भाजपा के प्रति जिम्मेदारी नहीं : प्रियंका गांधी
वैभव मनीषा
- 08 Aug 2025, 04:29 PM
- Updated: 04:29 PM
नयी दिल्ली, आठ अगस्त (भाषा) कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाद्रा ने निर्वाचन आयोग पर निशाना साधते हुए शुक्रवार को कहा कि आयोग राहुल गांधी के चुनाव में धांधली संबंधी दावों की जांच करे और यदि उसे लगता है कि उसकी जिम्मेदारी सिर्फ भाजपा के प्रति है तो उसे पुनर्विचार करने की जरूरत है।
बृहस्पतिवार को कम से कम तीन राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी से उन मतदाताओं के नाम साझा करने को कहा था, जिनके बारे में कांग्रेस नेता ने दावा किया था कि उन्हें मतदाता सूची में गलत तरीके से शामिल किया गया है या बाहर रखा गया है। इसके बाद प्रियंका ने आज निर्वाचन आयोग पर निशाना साधा।
आयोग के सूत्रों ने कहा कि राहुल गांधी को या तो चुनाव संचालन नियमों के तहत एक घोषणापत्र पर हस्ताक्षर करना चाहिए और उन लोगों की सूची सौंपनी चाहिए, जिनके बारे में उनका दावा है कि उन्हें मतदाता सूची में गलत तरीके से शामिल किया गया है या हटाया गया है, या फिर उन्हें भारत के लोगों को गुमराह करना और आयोग के अधिकारियों पर ‘निराधार आरोप लगाना’ बंद करना चाहिए।
इस बारे में पूछे जाने पर, प्रियंका ने संसद परिसर में संवाददाताओं से कहा, ‘‘समझ लीजिए, वे जो हलफनामा मांग रहे हैं, वह एक ऐसे कानून के तहत है जिसके मुताबिक आपको 30 दिन के भीतर याचिका देनी होती है, अन्यथा कुछ नहीं होगा। तो फिर वे हलफनामा क्यों मांग रहे हैं? इतना बड़ा खुलासा किया गया है। अगर यह अनजाने में हुआ है, तो इसकी जांच कीजिए।’’
उन्होंने पूछा कि निर्वाचन आयोग मतदाता सूची मशीन द्वारा पढ़े जाने योग्य प्रारूप में क्यों नहीं दे रहा है और इसकी जांच क्यों नहीं कर रहा है।
प्रियंका ने कहा, ‘‘इसके बजाय आप कह रहे हैं कि एक हलफनामे पर हस्ताक्षर करो, जो संसद में ली जाने वाली शपथ से भी बड़ी शपथ है। हमने वह शपथ ली है, हम सब कुछ सार्वजनिक रूप से कह रहे हैं और आपको सबूत भी दिखा रहे हैं।’’
कांग्रेस महासचिव ने राहुल गांधी के दावों को दोहराते हुए कहा कि एक विधानसभा में एक लाख से ज्यादा फर्जी वोट पाए गए हैं, जिसका मतलब है कि वे जिसे भी वोट देंगे, वही जीतेगा।
निर्वाचन आयोग की आलोचनात्मक टिप्पणियों पर प्रियंका गांधी ने पूछा कि जब उन्होंने इसकी जांच ही नहीं की, तो उन्हें कैसे पता कि दावे गलत हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘सबूत उनके सामने हैं और उन्हें इसकी जांच करनी होगी। जब तक वे इसकी जांच नहीं करेंगे, वे इसे गलत कैसे कह सकते हैं? इससे बड़ा कोई मामला नहीं हो सकता।’’
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘यह हमारे देश का लोकतंत्र है। यह कोई मज़ाक नहीं है। यह किसी एक पार्टी या किसी दूसरी पार्टी का मामला नहीं है। अगर उन्होंने इसकी जांच नहीं की है, तो वे इसे बकवास नहीं कह सकते।’’
उन्होंने कहा, ‘‘उनकी जिम्मेदारी ज्यादा बड़ी है। अगर उन्हें लगता है कि उनकी जिम्मेदारी सिर्फ भाजपा और सिर्फ एक पार्टी के प्रति है, तो उन्हें इस पर पुनर्विचार करना होगा क्योंकि जैसा मेरे भाई ने कहा, एक दिन ऐसा आएगा जब दूसरे लोग सत्ता में होंगे और फिर जिन लोगों ने हमारे लोकतंत्र को पूरी तरह से बर्बाद करने में सांठगांठ की है, उन्हें इसका जवाब देना होगा।’’
प्रियंका गांधी ने कहा कि विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस) के नेता मिलकर तय करेंगे कि चुनाव में धांधली के मुद्दे पर कैसे आगे बढ़ना है, लेकिन यह स्पष्ट है कि इस मामले में कुछ तो गड़बड़ है।
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘यह आपको साफ पता चल रहा होगा और जिस तरह से उनके नेता जवाब दे रहे हैं, उससे भी यह साफ हो गया है। अगर आप किसी शिक्षक के पास जाकर कहें कि नकल हो रही है, तो क्या शिक्षक आपको थप्पड़ मारेंगे या कहेंगे कि इसकी जांच होगी? यहाँ तो वे उन्हें (राहुल गांधी को) गालियां दे रहे हैं और फिर कहते हैं कि हलफनामे पर हस्ताक्षर कर दो। अगर आपकी (आयोग की) नाक के नीचे इतना बड़ा ‘कांड’ हो रहा है और आप उसे नहीं कर रहे हैं, तो इसकी जांच कीजिए।’’
बाद में संवाददाताओं से बातचीत में प्रियंका गांधी ने कहा कि निर्वाचन आयोग के पास सबूत हैं और पूरा देश चाहता है कि वह उचित जांच करे।
उन्होंने कहा, ‘‘कोई आपको सबूत दे रहा है। आपको जांच करनी चाहिए ताकि देश को पता तो चले कि क्या हो रहा है।’’
इस मुद्दे पर चर्चा के सवाल पर कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘सरकार के पास संसद में एसआईआर के मुद्दे पर चर्चा कराने का साहस नहीं है तो इस मुद्दे पर कैसे चर्चा कराएंगे? सरकार पूरी तरह कमजोर हो गई है। वह सदन नहीं चला पा रही।’’
उन्होंने कहा, ‘‘चर्चा कराने में क्या समस्या है ? उन्हें अपना रुख रखना चाहिए और हम अपना रखेंगे।’’
भाषा वैभव