लोजपा (रामविलास) बिहार में चिराग के इर्द-गिर्द नए सिरे से अभियान की योजना बना रही
संतोष रंजन
- 09 Aug 2025, 08:04 PM
- Updated: 08:04 PM
नयी दिल्ली, नौ अगस्त (भाषा) लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) बिहार में अपने नेता और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान को केंद्र में रखकर ‘चिराग का चौपाल’ अभियान शुरू कर सकती है क्योंकि पार्टी राज्य में विधानसभा चुनाव से पहले उनके नेतृत्व से जुड़ी साख को मजबूत करना चाहती है।
पार्टी सूत्रों ने बताया कि इस अभियान में सांसदों सहित पार्टी के सदस्य, संगठन के लिए समर्थन जुटाने के मकसद से विभिन्न स्थानों पर लोगों से बातचीत करेंगे।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और जनता दल (यूनाइटेड) के बाद बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की तीसरी प्रमुख सहयोगी, लोजपा (रामविलास) ने राजग में सबसे पहले कई जनसभाएं आयोजित की हैं, क्योंकि उसे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की लोकप्रियता में गिरावट को देखते हुए अपनी संभावनाओं को मजबूत करने का एक अवसर दिखाई दे रहा है।
लोजपा (रामविलास) के कुछ नेताओं ने दावा किया कि पासवान के बारे में चर्चा राजग के व्यापक हित में भी है, क्योंकि सत्तारूढ़ गठबंधन जदयू अध्यक्ष कुमार के कथित स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों के कारण नेतृत्व संकट से जूझ रहा है।
लोजपा (रालोद) के एक नेता ने दावा किया, ‘‘भाजपा के पास एक मजबूत संगठन है। जदयू के पास संगठन की कमी है, लेकिन उसके पास एक नेता है, लेकिन उसके बारे में संदेह बढ़ रहे हैं। राजग का सामाजिक समीकरण अधिक मजबूत है, लेकिन विपक्षी गठबंधन अधिक व्यवस्थित और केंद्रित है।’’
उन्होंने कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर राज्य सरकार पर केंद्रीय मंत्री के लगातार हमले को जनभावना का प्रतिबिंब बताया।
हालांकि, हाल ही में पासवान ने थोड़ा नरम रुख अपनाया और कहा कि अगर अक्टूबर-नवंबर में होने वाले चुनावों में राजग सत्ता में बनी रहती है, तो नीतीश कुमार फिर से मुख्यमंत्री होंगे।
इस टिप्पणी को तीखी आलोचनाओं के बाद राजनीतिक संतुलन बनाने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है। राजग खेमे में सीट के बंटवारे पर बातचीत अभी शुरू नहीं हुई है, जिसमें केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी और पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा भी शामिल हैं।
ऐसे में गठबंधन के कुछ नेताओं ने उनकी हालिया तीखी टिप्पणियों को राजनीतिक दिखावा बताया है।
पासवान के करीबी सहयोगी और लोकसभा सांसद अरुण भारती ने हाल ही में ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा था कि उनकी पार्टी को कानून-व्यवस्था जैसे अहम मुद्दे पर लोगों की भावनाओं को आवाज देनी होगी।
हालांकि, उन्होंने जोर देकर कहा कि उनकी पार्टी राजग के सदस्य के तौर पर चुनाव लड़ेगी और सीट बंटवारे पर ‘सार्थक चर्चा’ की उम्मीद जताई।
भाषा संतोष