नोएडा: अंतरराष्ट्रीय पुलिस संगठन के सदस्य बनकर लोगों को ठगने के आरोप में छह व्यक्ति गिरफ्तार
सं अमित
- 11 Aug 2025, 12:15 AM
- Updated: 12:15 AM
नोएडा, 10 अगस्त (भाषा) नोएडा में छह लोगों को फर्जी कार्यालय के माध्यम से और ‘इंटरनेशनल पुलिस एंड क्राइम इनवेस्टिगेशन ब्यूरो’ के सदस्य बनकर लोगों को गुमराह करने के आरोप में रविवार को गिरफ्तार किया गया। यह जानकारी अधिकारियों ने दी।
पुलिस के मुताबिक, आरोपी पश्चिम बंगाल के रहने वाले हैं। पुलिस ने बताया कि
इस गैंग के लोग फर्जी ऑफिस बनाकर, सरकारी अधिकारी का झूठा दिखावा करके व पुलिस जैसा रंग व लोगो लगाकर आम जनता को प्रभाव में लेकर धोखाधडी करके पैसा ऐंठते थे। पुलिस के अनुसार आरोपियों ने हाल ही में नोएडा के सेक्टर 70 में एक कार्यालय किराये पर लिया था। पुलिस के अनुसार इस गिरोह ने जनता को भ्रमित करने के लिए पुलिस जैसा रंग, लोगो इस्तेमाल करके ‘इंटरनेशनल पुलिस एंड क्राइम इनवेस्टिगेशन ब्यूरो’ का बोर्ड लगाया था।
पुलिस उपायुक्त (मध्य नोएडा) शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि रैकेट का भंडाफोड़ करके छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
अधिकारी ने बताया, ‘‘वे फर्जी दस्तावेज और लोगो दिखाकर लोगों से पैसे ऐंठते थे। लोगों पर प्रभाव डालने के लिए वे खुद को सरकारी अधिकारी भी बताते थे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘गिरफ्तार आरोपियों ने 4 जून को एक ‘रेंट एग्रीमेंट’ बनाया था और पिछले 15 दिनों से कार्यालय चला रहे थे। उनकी एक वेबसाइट भी थी और वे दान लेते थे। आगे की जांच की जा रही है।’’
पुलिस के अनुसार आरोपियों की पहचान कला स्नातक विभाष चंद्र अधिकारी (27), विधि स्नातक अराग्य अधिकारी (26), पिंटू पाल (27), समापदमल (25), बाबुल चंद्र मंडल (27), आशीष कुमार (57) के रूप में हुई है - सभी 12वीं उत्तीर्ण हैं। पुलिस ने बताया कि पहले चार आरोपी पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के रहने वाले हैं, जबकि मंडल और कुमार क्रमशः 24 परगना और कोलकाता के रहने वाले हैं।
पुलिस ने नौ मोबाइल फोन, 17 स्टाम्प मोहर, छह चेक बुक, नौ पहचान पत्र, एक पैन कार्ड, एक वोटर कार्ड, छह एटीएम कार्ड, तीन तरह के विजिटिंग कार्ड, मंत्रालयों द्वारा मान्यता प्राप्त प्रमाण पत्र और एक सीपीयू जब्त किया है। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से "इन्टरनेशनल पुलिस एण्ड क्राईम इन्वेस्टीगेशन ब्यूरो" के चार बोर्ड, 42,300 रुपये नकद और अन्य दस्तावेज भी जब्त किए गए हैं।
मध्य नोएडा के फेज 3 पुलिस थाने में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम और अन्य संबंधित धाराओं के तहत एक मामला दर्ज किया गया है।
भाषा सं