कांग्रेस ने ‘वोट चोरी’ के खिलाफ पंजीकरण और डिजिटल मतदाता सूची की मांग का अभियान शुरू किया
प्रशांत नरेश
- 10 Aug 2025, 10:12 PM
- Updated: 10:12 PM
नयी दिल्ली, 10 अगस्त (भाषा) राहुल गांधी के चुनाव में धांधली के दावों पर कड़ा रुख अपनाते हुए कांग्रेस ने लोगों के लिए एक वेब पोर्टल शुरू किया है, जिसमें वे पंजीकरण करा सकते हैं और निर्वाचन आयोग से “वोट चोरी” के खिलाफ जवाबदेही की मांग कर सकते हैं, तथा डिजिटल मतदाता सूची की मांग के प्रति समर्थन व्यक्त कर सकते हैं।
गांधी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर हिंदी में एक पोस्ट कर कहा, “वोट चोरी ‘एक व्यक्ति, एक वोट’ के बुनियादी लोकतांत्रिक सिद्धांत पर हमला है। स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों के लिए साफ-सुथरी मतदाता सूची अनिवार्य है।”
उन्होंने कहा, ‘‘निर्वाचन आयोग से हमारी मांग साफ है - पारदर्शिता दिखाएं और डिजिटल मतदाता सूची सार्वजनिक करें, ताकि जनता और राजनीतिक दल उसका खुद ‘ऑडिट’ कर सकें।’’
गांधी ने लोगों से संबंधित वेबलिंक पर पंजीकरण कराकर इस मांग का समर्थन करने की अपील की। उन्होंने कहा, ‘‘ये लोकतंत्र की रक्षा की लड़ाई है।’’
लोकसभा में विपक्ष के नेता ने निर्वाचन आयोग पर भी निशाना साधा और उस पर उठाए जा रहे सवालों को दबाने का आरोप लगाया।
उन्होंने फेसबुक पोस्ट में कहा, “विपक्ष ने वोट चोरी को पकड़कर लोकतंत्र को बचाने का अपना कर्तव्य निभाया है। लेकिन निर्वाचन आयोग ने सवालों को दबा दिया, मीडिया ने तथ्यों को दबा दिया और मोदी सरकार पूरे मामले को दबाने की कोशिश कर रही है।”
गांधी ने लोगों से पोर्टल पर पंजीकरण करने का आग्रह करते हुए कहा, “एक बार फिर जिम्मेदारी हम पर और आप पर है, देश के लोगों पर - हमारे साथ जुड़ें और निर्वाचन आयोग से पारदर्शिता और निष्पक्षता की मांग का समर्थन करें।”
कोई भी व्यक्ति इस पोर्टल लिंक पर क्लिक करके ‘‘वोट चोरी का सबूत, निर्वाचन आयोग से जवाबदेही की मांग और वोट चोरी की रिपोर्ट’’ डाउनलोड कर सकता है।
‘वेब पेज’ पर गांधी का एक वीडियो भी है जिसमें वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और निर्वाचन आयोग के बीच मिलीभगत से चुनाव में ‘‘बड़ी आपराधिक धोखाधड़ी’’ के अपने विस्फोटक दावों को दोहराते दिख रहे हैं।
उन्होंने कर्नाटक के एक निर्वाचन क्षेत्र में एक विश्लेषण का हवाला देते हुए इसे ‘‘संविधान के विरुद्ध अपराध’’ बताया है।
पोर्टल पर एक संदेश भी है जिसमें कहा गया है, ‘‘वोट हमारे लोकतंत्र की नींव है, लेकिन इस पर भाजपा द्वारा व्यवस्थित हमला किया जा रहा है, जिसमें निर्वाचन आयोग भी शामिल है।’’
संदेश में दावा किया गया, ‘‘सिर्फ एक विधानसभा क्षेत्र बेंगलुरु सेंट्रल में हमें एक लाख से अधिक फर्जी मतदाता मिले, जिन्होंने भाजपा को इस लोकसभा सीट को जीतने में मदद की। कल्पना कीजिए कि ऐसा 70 से 100 सीट पर हो रहा है, जो स्वतंत्र चुनाव को नष्ट कर देगा।’’
पोर्टल पर लिखे संदेश के अनुसार, ‘‘कांग्रेस और विपक्षी दलों के ‘इंडिया’ गठबंधन ने महाराष्ट्र सहित अन्य क्षेत्रों को लेकर पहले भी चिंताएं जताई हैं। अब हमारे पास सबूत हैं। हम इस वोट चोरी के खिलाफ पूरी ताकत से लड़ेंगे। हमारे लोकतंत्र की रक्षा के लिए हमारे साथ जुड़ें।’’
इसमें लिखा है एक बार जब कोई व्यक्ति पोर्टल पर पंजीकरण करा लेता है, तो उसके नाम पर एक प्रमाणपत्र जारी किया जाता है, जिसमें लिखा होता है कि वह ‘‘वोट चोरी’’ के खिलाफ है।
प्रमाणपत्र में लिखा है, ‘‘मैं निर्वाचन आयोग से डिजिटल मतदाता सूची की राहुल गांधी की मांग का समर्थन करता हूं।’’
पोर्टल लोगों को फोन के जरिए और एसएमएस में दिए गए लिंक को भरकर पंजीकरण कराने का विकल्प भी देता है।
प्रमाणपत्र पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, कांग्रेस महासचिव के.सी. वेणुगोपाल और कोषाध्यक्ष अजय माकन के हस्ताक्षर हैं।
कई कांग्रेस नेताओं और समर्थकों ने पोर्टल पर पंजीकरण कराया और प्रमाणपत्रों को सोशल मीडिया पर साझा किया।
गांधी ने बृहस्पतिवार को 2024 के लोकसभा चुनावों के आंकड़ों का हवाला देते हुए दावा किया कि कर्नाटक के एक विधानसभा क्षेत्र में पांच प्रकार की हेराफेरी के जरिए एक लाख से अधिक वोट “चुराए” गए।
राहुल गांधी के ‘‘वोट चोरी’’ के आरोप को कांग्रेस नेताओं द्वारा जोर-शोर से उठाए जाने के बीच निर्वाचन आयोग के अधिकारियों ने शनिवार को एक बार फिर विपक्ष के नेता से कहा कि या तो वह अपने दावों के समर्थन में एक घोषणापत्र पर हस्ताक्षर करें या ‘‘फर्जी’’ आरोप लगाने के लिए देश से माफी मांगें।
कम से कम तीन राज्यों में कथित वोट चोरी को लेकर गांधी और निर्वाचन आयोग के बीच तीखी बहस के एक दिन बाद निर्वाचन अधिकारियों ने फिर से कांग्रेस नेता द्वारा अपने दावों की पुष्टि के लिए घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किए जाने को लेकर जोर दिया।
भाषा प्रशांत