तिहाड़ जेल में जबरन वसूली गिरोह के सक्रिय होने के आरोपों पर प्राथमिकी दर्ज करे सीबीआई: अदालत
यासिर संतोष
- 11 Aug 2025, 08:10 PM
- Updated: 08:10 PM
नयी दिल्ली, 11 अगस्त (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने तिहाड़ जेल के अंदर कथित तौर पर अधिकारियों और कैदियों की संलिप्तता वाले जबरन वसूली गिरोह के सक्रिय होने के आरोपों पर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सोमवार को प्राथमिकी दर्ज करने के निर्देश दिए।
मुख्य न्यायाधीश डी. के. उपाध्याय और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने आरोपों को ‘आश्चर्यजनक’ करार देते हुए कहा कि सरकार को इस पर जल्द और ‘गंभीर’ तौर पर विचार करने की आवश्यकता है।
पीठ ने इससे पहले सीबीआई को आरोपों की प्रारंभिक जांच करने का आदेश दिया था।
अदालत ने सोमवार को प्रारंभिक जांच के निष्कर्षों पर गौर किया, जिसमें जेल के अंदर विभिन्न प्रकार की अवैध और भ्रष्ट गतिविधियों में कैदियों तथा जेल के अधिकारियों की संलिप्तता का संकेत मिला था।
पीठ ने कहा, ‘‘स्थिति रिपोर्ट और प्रारंभिक जांच रिपोर्ट का अवलोकन करने के बाद हम निर्देश देते हैं कि इसके आधार पर सीबीआई प्राथमिकी दर्ज करे और जांच की जाए। अगली सुनवाई में इस आदेश के अनुसार सीबीआई द्वारा की गई कार्रवाई को एक सीलबंद लिफाफे में स्थिति रिपोर्ट के माध्यम से अदालत के समक्ष प्रस्तुत किया जाए।’’
दिल्ली सरकार के गृह विभाग के प्रधान सचिव को दो मई को अदालत ने तथ्यान्वेषी जांच करने और तिहाड़ में प्रशासनिक तथा पर्यवेक्षी चूक के लिए जिम्मेदार अधिकारियों का पता लगाने का निर्देश दिया था।
लोक अभियोजक ने सोमवार को पीठ को बताया कि विभाग को जांच पूरी करने के लिए कुछ और समय की आवश्यकता है।
अदालत ने तिहाड़ जेल की कार्यप्रणाली पर चिंता जताने वाली याचिका पर सुनवाई 13 अगस्त के लिए स्थगित कर दी।
याचिका में न सिर्फ जेल अधिकारियों की ओर से बल्कि कैदियों की ओर से भी अनियमितताओं, अवैधताओं, कदाचार और दुर्व्यवहार को उजागर किया गया है।
याचिका में आरोप लगाया गया है कि जेल परिसर में कुछ सुविधाएं हासिल करने के लिए जेल के अंदर और बाहर कुछ लोग जेल अधिकारियों के साथ मिलकर धन उगाही करते हैं।
अदालत ने सीबीआई के अधिवक्ता से कहा कि वे अधिकारियों को न सिर्फ जेल अधिकारियों के आचरण की जांच करने बल्कि इसमें शामिल सभी लोगों की जांच करने के लिए सूचित करें। इसमें कैदियों के कुछ रिश्तेदार और स्वयं याचिकाकर्ता भी शामिल हैं।
अदालत एक पूर्व कैदी द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें जबरन वसूली का आरोप लगाया गया था और तिहाड़ के अंदर कैदियों की सुरक्षा का मुद्दा उठाया गया था।
भाषा यासिर