वाईएसआरसीपी ने पुलिवेंदुला स्थानीय निकाय उपचुनाव को रद्द किए जाने की मांग की
सुरभि सिम्मी
- 12 Aug 2025, 04:26 PM
- Updated: 04:26 PM
पुलिवेंदुला (आंध्र प्रदेश), 12 अगस्त (भाषा) युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) के नेता एवं कडप्पा से सांसद वाई एस अविनाश रेड्डी ने मंगलवार को पुलिवेंदुला जिला परिषद क्षेत्रीय निर्वाचन क्षेत्र (जेडपीटीसी) उपचुनाव को रद्द करने की मांग की और मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू पर व्यापक चुनावी कदाचार, बूथ कब्जाने और मतदाताओं को डराने-धमकाने का आरोप लगाया।
पुलिवेंदुला में जेडपीटीसी का उपचुनाव मंगलवार को हंगामे के साथ शुरू हुआ और पुलिस ने वाईएसआरसीपी सांसद वाई़ एस. अविनाश रेड्डी को सुबह हिरासत में ले लिया।
वाईएसआरसीपी की एक प्रेस विज्ञप्ति में सांसद के हवाले से कहा गया, ‘‘अविनाश रेड्डी ने मांग की कि पुलिवेंदुला में जारी जेडपीटीसी उपचुनाव को रद्द किया जाए और केंद्रीय पुलिस बलों की निगरानी में इसे दोबारा कराया जाए।’’
पुलिस ने वाईएसआरसीपी और तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) के एक-एक नेता को नजरबंद भी कर दिया।
अविनाश रेड्डी ने तेदेपा और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायकों पर दूसरे निर्वाचन क्षेत्रों से पार्टी कार्यकर्ताओं को लाकर वोट में हेराफेरी करने का आरोप लगाया।
विपक्षी दल ने पुलिवेंदुला और वोंटीमिट्टा में तटस्थ केंद्रीय बलों की निगरानी में पुनर्मतदान कराए जाने की मांग की, ताकि ‘‘दोनों निर्वाचन क्षेत्रों में पारदर्शिता और जनादेश की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।’’
मंडल परिषद क्षेत्रीय निर्वाचन क्षेत्र (एमपीटीसी) के चुनाव रामकुप्पम (चित्तूर जिला), करेमपुडी (पलनाडु जिला) और विदावलुरु (नेल्लोर जिला) में हो रहे हैं, जबकि जिला परिषद क्षेत्रीय निर्वाचन क्षेत्र (जेडपीटीसी) के चुनाव पुलिवेंदुला और वोंटीमिट्टा (वाईएसआर कडप्पा जिला) में हो रहे हैं।
सांसद रेड्डी ने उन्हें हिरासत में लेने की पुलिस कार्रवाई की निंदा करते हुए इसे अत्याचार बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि ऐसा बिना किसी सूचना या कारण के किया गया। उन्होंने दावा किया कि तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) के सैकड़ों समर्थक पुलिवेंदुला में घुस गए, फिर भी उन लोगों के खिलाफ कोई पुलिस कार्रवाई नहीं की गई।
वाईएसआरसीपी ने भी अपने सांसद का समर्थन किया।
वाईएसआरसीपी ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, ‘‘आज सुबह पुलिवेंदुला में अविनाश रेड्डी की गिरफ्तारी पुलिस की एक क्रूर कार्रवाई है। यह गिरफ्तारी बिना किसी पूर्व सूचना या वैध कारण के की गई।’’
विज्ञप्ति में कहा गया है कि अविनाश रेड्डी को तेज बुखार है और उन्होंने चप्पलें भी नहीं पहनी थी। इसमें कहा गया कि रेड्डी ने मिन्नतें कीं, लेकिन इसके बावजूद उन्हें घसीटकर ले जाया गया।
विज्ञप्ति में आरोप लगाया गया है कि विरोध करने की कोशिश कर रहे उनके समर्थकों के साथ ‘‘दुर्व्यवहार’’ किया गया।
विपक्षी दल ने आरोप लगाया कि कथित रूप से बूथ कब्जाने की सांसद की शिकायतों को नजरअंदाज किया गया, जिससे निष्पक्षता पर संदेह पैदा होता है।
सांसद ने पुलिस पर तेदेपा समर्थकों की तरह काम करने और वाईएसआरसीपी नेताओं एवं कार्यकर्ताओं को निशाना बनाने का भी आरोप लगाया।
उन्होंने यह भी दावा किया कि मतदान अभिकर्ताओं पर तब हमला किया गया जब ‘‘तेदेपा के सौ से ज्यादा हथियारबंद सदस्य पास में ही इंतजार कर रहे थे।’’
पुलिस द्वारा ले जाए जाने से पहले अविनाश रेड्डी ने कहा, ‘‘इस तरह की कार्रवाइयां पुलिस के पक्षपात और राजनीतिक हस्तक्षेप को उजागर करती हैं, जिलका उद्देश्य पुलिवेंदुला में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावी माहौल को बिगाड़ना है।’’
इस बीच, पुलिस ने वाईएसआरसीपी नेता एस वी सतीश रेड्डी को भी मतदान शुरू होने से पहले ही नजरबंद कर दिया। पार्टी नेताओं ने इस कदम को अलोकतांत्रिक करार दिया और आरोप लगाया कि इस तरह की कार्रवाई करके उन्हें जनता से मिलने-जुलने से रोका गया।
विपक्षी दल ने राज्य निर्वाचन आयोग (एसईसी) से तुरंत हस्तक्षेप करने और स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया सुनिश्चित करने, पुलिस के हस्तक्षेप को रोकने और वाईएसआरसीपी कार्यकर्ताओं एवं नेताओं के लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा करने का आग्रह किया।
वाईएसआरसीपी के अनुसार, चुनाव के शुरुआती घंटों में अप्रत्याशित अराजकता देखी गई और तेदेपा नेताओं ने सुबह 15 मतदान केंद्रों पर कथित तौर पर कब्जा कर लिया, यहां तक कि मतदान अभिकर्ताओं को भी अंदर जाने से रोक दिया, जिससे गंभीर अराजकता फैल गई।
वाईएसआरसीपी ने तेदेपा समर्थकों पर सत्तारूढ़ गठबंधन, पुलिस और अधिकारियों के साथ मिलीभगत करके मतदान केंद्रों पर कब्जा करने, हिंसा करने और मतदाताओं को डराने-धमकाने का आरोप लगाया।
वाईएसआरसीपी ने इसे राज्य प्रायोजित चुनाव पर डाका डालना करार दिया और मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार पर लोकतंत्र को कुचलने तथा स्वतंत्र एवं निष्पक्ष जनादेश को रोकने के लिए पुलिस बल का इस्तेमाल करने और उपद्रवियों को संगठित करने का आरोप लगाया।
इसी तरह, नजरबंद किए गए तेदेपा के विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) राम गोपाल रेड्डी ने पुलिस की कार्रवाई के कारणों पर सवाल उठाया लेकिन साथ ही कहा कि उन्हें कोई आपत्ति नहीं है। हालांकि, उन्होंने राज्य निर्वाचन आयोग के रवैये की आलोचना की।
तेदेपा की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में राम गोपाल रेड्डी ने कहा, ‘‘मैंने कोई आपत्ति नहीं जताई है और मतदान केंद्रों का दौरा करने से बचूंगा। हालांकि, मेरा मानना है कि चुनाव के दौरान तेदेपा नेताओं को गिरफ्तार करना अनुचित और लोकतांत्रिक सिद्धांतों के विरुद्ध है।’’
इस बीच, वोंटीमिट्टा मंडल के चिन्नाकोट्टापल्ली गांव में उस समय तनाव फैल गया जब तेदेपा नेताओं ने मतदान के दौरान वाईएसआरसीपी के एक मतदान अभिकर्ता पर कथित तौर पर हमला किया। यह हमला कथित तौर पर राज्य के परिवहन मंत्री एम. रामप्रसाद रेड्डी की मौजूदगी में हुआ।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, वाईएसआरसीपी अभिकर्ता को चुनाव ड्यूटी के दौरान उस समय निशाना बनाया गया, जब तेदेपा नेताओं ने मतदान कर्मचारियों को डराने और मतदाताओं को मतदान में भाग लेने से हतोत्साहित करने के लिए कथित तौर पर उन पर हमला किया।
इन आरोपों पर सरकार या तेदेपा की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई।
भाषा सुरभि