मकबरा तोड़फोड़: आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे कांग्रेस नेता, समर्थक गिरफ्तार
सं. सलीम अमित
- 13 Aug 2025, 10:28 PM
- Updated: 10:28 PM
कानपुर (उप्र), 13 अगस्त (भाषा) कानपुर से सटे फतेहपुर जिले के आबू नगर इलाके में एक मकबरे में तोड़फोड़ किये जाने के मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर बुधवार को प्रदर्शन कर रहे कांग्रेस की नगर इकाई के अध्यक्ष को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस सूत्रों ने यहां बताया कि आबू नगर इलाके में स्थित मुगलकालीन मकबरे में तोड़फोड़ करने के आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे कांग्रेस की नगर इकाई के अध्यक्ष आरिफ उर्फ गुड्डा और उनके समर्थकों को निषेधाज्ञा के उल्लंघन के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया।
उन्होंने बताया कि कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल के घटनास्थल का दौरा करने की योजना के मद्देनजर पार्टी जिलाध्यक्ष महेश द्विवेदी को भी संभावित तनाव की आशंका में सुबह ही नजरबंद कर दिया गया।
महेश द्विवेदी ने इस कार्रवाई की निंदा करते हुए इसे 'लोकतंत्र पर हमला' बताया है। उन्होंने प्रशासन पर तोड़फोड़ के दौरान 'मूक दर्शक' बने रहने का आरोप लगाया और सरकार के आचरण को 'तानाशाहीपूर्ण' बताया।
समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद नरेश उत्तम पटेल ने भी इस घटना को 'निंदनीय' बताया और केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह को एक पत्र लिखकर एक स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराने और मकबरे की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की।
इस बीच, वहीदुल निसा नाम की एक स्थानीय महिला की मौत के बाद उसे मकबरे के पास ही दफनाये जाने की योजना से कुछ समय के लिए तनाव बढ़ गया। हालांकि जिला प्रशासन ने जनाजे की अनुमति देने से इनकार कर दिया और पुलिस की निगरानी में किसी दूसरे स्थान पर दफ़नाने की इजाजत दी।
इस बीच, मकबरा स्थल और उसके आसपास तनावपूर्ण शांति कायम है।
एक अधिकारी ने बताया कि विवादित मकबरे के एक किलोमीटर के दायरे को आठ बैरिकेड लगाकर सील कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि मीडिया के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है और स्थानीय निवासियों को भी बाहरी लोगों से बात करने से रोक दिया गया है।
मकबरे में घुसकर तोड़फोड़ करने और झंडा लगाने के आरोप में स्थानीय चौकी प्रभारी की शिकायत पर पुलिस ने 10 नामजद और 150 अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। हालांकि अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
'तामेश्वर मंदिर मेला समिति' के प्रमुख विजय शंकर शुक्ला ने दावा किया है कि जिस जगह पर आज मकबरा है वह पहले कभी 'ठाकुर सिद्धपीठ मंदिर' था। उन्होंने मकबरे में तोड़फोड़ किये जाने के मामले में दर्ज मुकदमा वापस लेने की मांग की। उन्होंने धमकी दी कि अगर हिंदू समुदाय के सदस्यों को गिरफ़्तार किया गया तो बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।
प्रशासनिक निगरानी के बावजूद सोशल मीडिया पर घटना को लेकर दोनों पक्षों की ओर से वीडियो, ऑडियो और भड़काऊ टिप्पणियां प्रसारित की जा रही हैं।
एक अधिकारी ने बताया कि पुलिस महानिरीक्षक (प्रयागराज) अजय मिश्रा ने भी पुलिस की प्रतिक्रिया में संभावित चूक की जांच शुरू कर दी है। उन्होंने स्थानीय पुलिस चौकी प्रभारी से लेकर जिला पुलिस प्रमुख तक के पुलिस अधिकारियों के बयान भी दर्ज किए हैं।
मालूम हो कि 11 अगस्त को दक्षिणपंथी समूहों ने मकबरा परिसर में घुसकर कुछ कब्रों को क्षतिग्रस्त कर दिया था। उन्होंने दावा किया कि यह एक हिंदू मंदिर स्थल है और उसमें पूजा करने की अनुमति दी जानी चाहिये।
मकबरे के मुतवल्ली मोहम्मद नफीस ने कहा कि यह संरचना लगभग 500 साल पुरानी है और इसे सम्राट अकबर के पौत्र ने बनवाया था।
मकबरा परिसर में तोड़फोड़ के इस सिलसिले में दर्ज रिपोर्ट में नामजद लोगों में धर्मेंद्र सिंह (बजरंग दल), अभिषेक शुक्ला (भाजपा), अजय सिंह (जिला पंचायत सदस्य), देवनाथ धाकड़ (भाजपा), विनय तिवारी (नगर पार्षद), पुष्पराज पटेल, ऋतिक पाल और प्रसून तिवारी (भाजपा), आशीष त्रिवेदी और पप्पू चौहान (समाजवादी पार्टी) शामिल हैं।
भाषा सं. सलीम