विरासत संरक्षण की मुहिम लिख रही विकास और आजीविका का नया अध्याय: आदित्यनाथ
आनन्द जोहेब
- 14 Aug 2025, 05:05 PM
- Updated: 05:05 PM
लखनऊ, 14 अगस्त (भाषा) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बृहस्पतिवार को कहा कि राज्य में विरासत सरंक्षण की मुहिम विकास और आजीविका का नया अध्याय लिख रही है।
उन्होंने विधानसभा में 'विजन-2047' को लेकर 24 घंटे की अनवरत चर्चा में विभागवार उपलब्धियां गिनाते हुए पर्यटन खासतौर से धर्मस्थलों के विकास का उल्लेख किया।
उन्होंने कहा कि महाकुंभ में अकेले 66 करोड़ श्रद्धालुओं की उपस्थिति ने पर्यटन जगत में विश्व रिकॉर्ड कायम किया जबकि काशी विश्वनाथ धाम, अयोध्या धाम, ब्रज तीर्थ विकास परिषद, विन्ध्यवासिनी धाम समेत अनेक धार्मिक स्थलों का कायाकल्प हुआ है।
उन्होंने कहा कि धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए रामायण, कृष्णा, बौद्ध और शक्ति सर्किट का विकास जारी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कपिलवस्तु में हेलीपोर्ट की सुविधा और भगवान बुद्ध की अस्थियों की वापसी के प्रयास भी प्रदेश की अंतरराष्ट्रीय पहचान को मजबूत कर रहे हैं।
नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने कोलकाता के एक म्यूजियम में रखी गई भगवान बुद्ध की अस्थियों को लाने का अनुरोध करते हुए कहा था कि उत्तर प्रदेश में डॉलर काशी और मथुरा से नहीं, बौद्ध पर्यटकों से आयेगा।
योगी आदित्यनाथ ने कहा, “हाल ही में हांगकांग में भगवान बुद्ध से जुड़ा एक अस्थि कलश नीलामी के लिए रखा गया था, जिसे प्रधानमंत्री के हस्तक्षेप से रोका गया और अब उसे भारत लाकर कपिलवस्तु में स्थापित किया जाएगा।”
उन्होंने कहा, “इसके साथ ही जैन परिपथ, वाइल्डलाइफ़ परिपथ, नेपाल के साथ जुड़ाव और बुंदेलखंड-विंध्य में हेरिटेज टूरिज्म के नए सेक्टर तैयार हो रहे हैं।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि काशी विश्वनाथ धाम, अयोध्या राम जन्मभूमि, मथुरा श्रीकृष्ण जन्मभूमि, श्री बांके बिहारी धाम, मां विन्ध्यवासिनी धाम, चित्रकूट, नैमिषारण्य, शाकुंभरी धाम, देवीपाटन धाम, सारनाथ, कुशीनगर, लुंबिनी, कपिलवस्तु, श्रावस्ती, कौशांबी और सोनभद्र धाम जैसे पवित्र स्थल न केवल श्रद्धालुओं को बल्कि आम पर्यटकों को भी आकर्षित कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि इन स्थलों से जुड़ा पर्यटन टैक्सी चालकों, ठेला-फेरी वालों, फूल-पत्ती विक्रेताओं, मिठाई दुकानदारों, नाइयों और होटल संचालकों सभी के लिए रोजगार का आधार बना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस तरह उत्तर प्रदेश में विरासत संरक्षण की यह मुहिम विकास और आजीविका का नया अध्याय लिख रही है।
योगी ने कहा, “उत्तर प्रदेश में गरीबी पर शिकंजा कस गया है और छह करोड़ लोग गरीबी रेखा से ऊपर हो चुके हैं। योजनाओं की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि पेंशन, खाद्यान्न, गैस कनेक्शन और वित्तीय समावेशन से करोड़ों लोगों के जीवन में बदलाव आया है।”
उन्होंने कहा कि 1947 से 2017 तक गरीबी उन्मूलन और सामाजिक सुरक्षा के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश में सीमित कवरेज था और योजनाओं का लाभ पात्र लोगों तक नहीं पहुंच पाता था।
भाषा आनन्द