एनपीसीआई धोखाधड़ी पर लगाम लगाने को लेकर यूपीआई भुगतान अनुरोध की सुविधा बंद करेगी
रमण अजय
- 14 Aug 2025, 05:10 PM
- Updated: 05:10 PM
नयी दिल्ली, 14 अगस्त (भाषा) भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) वित्तीय धोखाधड़ी से निपटने के लिए भुगतान ऐप के जरिये पैसा मांगने के अनुरोध की सुविधा बंद करेगा। बैंकों और भुगतान ऐप से एक अक्टूबर से यूपीआई के जरिये व्यक्तियों के बीच (पी2पी) ‘कलेक्शन’ यानी भुगतान अनुरोध की सुविधा बंद करने का कहा गया है।
एनपीसीआई ने 29 जुलाई को जारी एक परिपत्र में कहा कि एक अक्टूबर, 2025 से यूपीआई में पी2पी ‘कलेक्शन’ की प्रक्रिया की अनुमति नहीं होगी।
इसका मतलब है कि बैंकों और भुगतान ऐप से ‘कलेक्शन’ अनुरोध की सुविधा उक्त तिथि से पूरी तरह से हटा दी जाएगी। पी2पी सुविधा का उपयोग अन्य यूपीआई ऐप उपयोगकर्ताओं को पैसे के लिए अनुरोध भेजने के लिए किया जाता है। इससे उन्हें राशि साझा करने की याद दिलाई जाती है। हालांकि, इस सुविधा का उपयोग धोखाधड़ी करने वाले यूपीआई उपयोगकर्ताओं को धोखा देने के लिए कर रहे हैं।
एनपीसीआई ने कहा, ‘‘सभी सदस्य बैंकों, भुगतान सेवा प्रदाताओं (पीएसपी) और यूपीआई ऐप को अपनी प्रणाली और परिचालन प्रक्रियाओं में आवश्यक बदलाव करने का निर्देश दिया जाता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि एक अक्टूबर, 2025 के बाद यूपीआई पर कोई भी पी2पी ‘कलेक्शन’ से जुड़ा लेनदेन शुरू या प्रसंस्कृत न हो।
इस निर्णय का मतलब है कि सभी सदस्य बैंक और यूपीआई ऐप (फोनपे, गूगल पे और पेटीएम आदि) इस समय सीमा के बाद पी2पी कलेक्शन लेनदेन का प्रसंस्करण नहीं कर पाएंगे।
वर्तमान में, किसी व्यक्ति से प्रति लेनदेन अधिकतम 2,000 रुपये प्राप्त किये जा सकते हैं। साथ ही सफल लेन-देन की सीमा प्रतिदिन 50 है।
एनटीटी डेटा पेमेंट सर्विसेज इंडिया के मुख्य वित्त अधिकारी राहुल जैन ने कहा, ‘‘इस सुविधा को हटाकर, यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) एक तेज और आसान के साथ-साथ सुरक्षित और भरोसेमंद मंच के रूप में अपनी स्थिति को मजबूत किया है। यह बदलाव, उच्च-जोखिम वाले चैनल को हटाकर, धोखाधड़ी को काफी कम करेगा। अब, सभी पी2पी लेनदेन भुगतानकर्ता द्वारा शुरू किए जाएंगे, जिसके लिए उपयोगकर्ता को एक ‘क्यूआर कोड’ स्कैन करना होगा।’’
उन्होंने कहा कि इस स्थिति में, भुगतानकर्ता का अपने द्वारा शुरू किए गए लेनदेन पर पूरा नियंत्रण होगा।
एनपीसीआई ने 2019 में लेनदेन की सीमा 2,000 रुपये तय की थी, लेकिन धोखाधड़ी जारी रही। यह कदम उपयोगकर्ताओं के लिए एक सुरक्षा उपाय के रूप में कार्य करेगा और अब इस तरह की धोखाधड़ी पर अंकुश लगेगा।
भाषा रमण