बादल फटने की घटना में घायल पिता किश्तवाड़ के अस्पताल में लापता बेटी की तलाश में बेचैन
मनीषा सिम्मी
- 15 Aug 2025, 07:14 AM
- Updated: 07:14 AM
जम्मू/किश्तवाड़, 15 अगस्त (भाषा) जम्मू-कश्मीर में किश्तवाड़ जिले के एक सुदूर गांव में बृहस्पतिवार को बादल फटने के भीषण हादसे के बाद बचाए गए लोगों में शामिल एक पिता अपनी 23 वर्षीय बेटी को ढूंढने के लिए बेचैन है, जिसका इस त्रासदी के बाद से कोई पता नहीं चल पा रहा है।
जब यह त्रासदी हुई, उस समय भारत भूषण और उनकी बेटी सुदूर पद्दार उप-मंडल में स्थित प्रतिष्ठित मचैल माता मंदिर में प्रार्थना करने गए थे।
किश्तवाड़ जिला अस्पताल में भर्ती होने के बाद स्वयंसेवकों द्वारा आवश्यक जांच के लिए ले जाए जाने के दौरान भूषण ने रुंधे हुए स्वर में कहा, ‘‘मैं केवल अपनी बेटी गहना रैना के बारे में जानना चाहता हूं, जो लापता है।’’
बृहस्पतिवार को चशोटी गांव में बादल फटने से अचानक बाढ़ आ गई, जिसमें दो सीआईएसएफ (केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल) कर्मियों सहित कम से कम 46 लोग मारे गए और कई अन्य फंस गए।
बचाव दल ने जी-जान से काम किया और मलबे के ढेर के नीचे से 167 लोगों को बाहर निकाला। अधिकारियों ने बताया कि इनमें से 38 की हालत गंभीर है।
पचास से अधिक लोगों को किश्तवाड़ जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जिनमें से कई अपने प्रियजन की तलाश में बेचैन दिखाई दे रहे हैं, जिनका अभी तक पता नहीं चल पाया है।
एक श्रद्धालु गणेश ने कहा ‘‘हम एक नाले के किनारे 'लंगर' स्थल पर नाश्ते का इंतजार कर रहे थे, तभी कुछ लोग घबराहट में चिल्लाने लगे और सभी को सुरक्षित स्थानों पर भागने के लिए कहने लगे। अचानक पानी का एक तेज बहाव आया तथा साथ में पत्थर और पेड़ भी आ गिरे, जिससे सब कुछ दब गया।’’
उन्होंने कहा कि वह भाग्यशाली थे कि बच गए क्योंकि वह दो बड़े पत्थरों के बीच फंस गए थे।
गणेश ने बताया ‘‘लंगर स्थल लोगों से खचाखच भरा था। कुछ तीर्थयात्रा पर जा रहे थे और कुछ मंदिर से लौट रहे थे। यह अनुमान लगाना मुश्किल है कि मलबे में कितने लोग फंसे होंगे।’’
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि 10 से अधिक लोगों ने अपने परिजनों के लापता होने की शिकायत लेकर नियंत्रण कक्ष से संपर्क किया है।
अधिकारियों ने बताया कि बादल फटने के बाद आई अचानक बाढ़ से गिरे मलबे और उखड़े पेड़ों के बीच वाहन दब गए तथा दूर-दूर तक तबाही का मंजर दिखाई दे रहा है।
उन्होंने बताया कि खराब मौसम के कारण बचाव अभियान के लिए हेलीकॉप्टर की मदद लेना या घटनास्थल पर बचावकर्मियों को उतारना संभव नहीं हो सका।
हालांकि, उपायुक्त पंकज कुमार शर्मा के नेतृत्व में जिला प्रशासन ने बचाव और राहत अभियान में तेजी लाने के लिए सभी संसाधन जुटाए। एक अधिकारी ने बताया कि घटनास्थल पर पहुंचे शर्मा बचाव अभियान की निगरानी करते देखे गए।
जम्मू-कश्मीर विधानसभा में विपक्ष के नेता और स्थानीय विधायक सुनील शर्मा भी घटनास्थल पर पहुंचे और वह अपनी पार्टी सहयोगी और किश्तवाड़ की विधायक शगुन परिहार के साथ घायलों से मिले।
अधिकारियों ने बताया कि मृतकों की पहचान की जा रही है, जिसके बाद कानूनी औपचारिकताएं पूरी होने पर शव उनके परिजनों को सौंप दिए जाएंगे।
भाषा
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