किसानों, पशुपालकों, मछुआरों के हितों की रक्षा के लिए दीवार की तरह खड़ा है मोदी: प्रधानमंत्री
I योगेश प्रेम
- 15 Aug 2025, 02:08 PM
- Updated: 02:08 PM
(तस्वीर के साथ)
नयी दिल्ली, 15 अगस्त (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अमेरिका के साथ प्रस्तावित व्यापार समझौते पर व्याप्त अनिश्चितता के बीच शुक्रवार को कहा कि वह किसानों एवं मछुआरों के हितों की रक्षा के लिए दीवार की तरह खड़े रहेंगे और भारत उनके हितों से कभी समझौता नहीं करेगा।
प्रधानमंत्री की यह टिप्पणी प्रस्तावित व्यापार समझौते में कृषि और डेयरी क्षेत्रों में भारत से शुल्क रियायत की अमेरिकी मांग को देखते हुए महत्वपूर्ण है। इस पर बने गतिरोध के चलते यह समझौता अभी तक आकार नहीं ले पाया है।
इससे नाखुश अमेरिका ने भारत पर भारी शुल्क लगा दिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय वस्तुओं पर शु्ल्क बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया है जो 27 अगस्त से पूरी तरह लागू हो जाएगा। फिलहाल यह शुल्क 25 प्रतिशत है।
प्रधानमंत्री मोदी ने 79वें स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा, "मोदी भारत के किसानों, मछुआरों और पशुपालकों से जुड़ी किसी भी हानिकारक नीति के खिलाफ दीवार की तरह खड़ा है। भारत अपने किसानों, पशुपालकों और मछुआरों से संबंधित किसी भी समझौते को कभी स्वीकार नहीं करेगा।"
मोदी ने लाल किले की प्राचीर से स्वतंत्रता दिवस पर दिए अपने 103 मिनट के भाषण में ट्रंप की तरफ से लगाए गए उच्च शुल्क का कोई सीधा उल्लेख नहीं किया।
उन्होंने सात अगस्त को भी कहा था कि भारत अपने किसानों, मछुआरों और डेयरी क्षेत्र के हितों से कभी समझौता नहीं करेगा। उन्होंने कहा था कि जरूरत पड़ने पर व्यक्तिगत रूप से इसका नुकसान उठाने के लिए तैयार हैं।
प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) में अमेरिका मक्का, सोयाबीन, सेब, बादाम और एथेनॉल जैसे उत्पादों पर शुल्क कम करने के साथ भारत से अमेरिकी डेयरी उत्पादों की पहुंच बढ़ाने की मांग कर रहा है।
हालांकि, भारत इन मांगों का कड़ा विरोध कर रहा है क्योंकि इससे छोटे एवं सीमांत किसानों की आजीविका प्रभावित होती है।
भारत ने अब तक ऑस्ट्रेलिया और स्विट्ज़रलैंड जैसे किसी भी व्यापारिक साझेदार को ऐसी शुल्क रियायतें नहीं दी हैं।
प्रधानमंत्री ने स्वतंत्रता दिवस के अपने संबोधन में कहा,"वैश्विक परिस्थितियों में आर्थिक स्वार्थ दिन-प्रतिदिन बढ़ रहा है, लेकिन इन संकटों पर बार-बार चर्चा करने की आवश्यकता नहीं है। इसके बजाय, हमें खुद को मजबूत करना चाहिए और आगे बढ़ना चाहिए क्योंकि कोई भी स्वार्थ हमें अपने शिकंजे में नहीं फंसा सकता है।’’
भारत सहित अनेक देशों पर अमेरिका की तरफ से व्यापक शुल्क लगाने से वैश्विक व्यापार मोर्चे पर अनिश्चितताएं पैदा हो गई हैं।
कपड़ा, चमड़ा, जूते और रत्न एवं आभूषण जैसे श्रम-प्रधान क्षेत्रों से जुड़े भारतीय निर्यातक समुदाय ने भारत पर उच्च शुल्कों के असर को लेकर गंभीर चिंताएं जताई हैं क्योंकि इससे अमेरिका को भारत के 86 अरब डॉलर का निर्यात प्रभावित होगा।
दोनों देश इस व्यापार समझौते पर बातचीत कर रहे हैं जिसका उद्देश्य वर्ष 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को वर्तमान 191 अरब डॉलर से दोगुना करके 500 अरब डॉलर तक पहुंचाना है।
प्रस्तावित समझौते के लिए अब तक पांच दौर की वार्ताएं पूरी हो चुकी हैं। छठे दौर की वार्ता के लिए एक अमेरिकी दल 25 अगस्त से भारत आने वाला है। लेकिन अभी तक इस यात्रा के बारे में अमेरिका की ओर से कोई भी औपचारिक सूचना नहीं मिली है।
वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने कहा है कि अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल की भारत यात्रा के बारे में स्थिति 25 अगस्त की निर्धारित तारीख के करीब पता चलेगी।
हालांकि, उन्होंने कहा है कि दोनों देश व्यापार वार्ताओं में पूरी तरह संलग्न हैं। दोनों देशों ने इस साल के सितंबर-अक्टूबर तक बीटीए के पहले चरण को पूरा करने की योजना की घोषणा की हुई है।
भाषा
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